हवाई जहाज के उड़ते ही एयरप्लेन मोड पर क्यों करना पड़ता है फोन? आखिर क्यों बनाया गया है यह नियम

Why is it Necessary to Put Phone on Airplane Mode: फ्लाइट में बैठने के कुछ नियम होते हैं। आपने देखा होगा कि फ्लाइट में बैठते ही फोन को एयरप्लेन मोड पर करने के लिए कहा जाता है, लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? आइए जानें, हवाई जहाज में बैठते ही फोन को फ्लाइट मोड पर क्यों करना पड़ता है? 
  • Nikki Rai
  • Editorial
  • Updated - 2025-06-16, 17:17 IST
Why is it Necessary to Put Phone on Airplane Mode

Why is it Important to Put Phone on Airplane Mode: आजकल हवाई जहाज का सफर काफी आम हो चुका है। लोग लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए हवाई जहाज से जाना ही ज्यादा पसंद करने लगे हैं। हवाई जहाज में सफर करते हुए, मोबाइल फोन को फ्लाइट मोड पर रखने के लिए कहा जाता है। ऐसे में मन में सवाल आता है कि आखिर ये जरूरी क्यों है? फ्लाइट मोड ऑन करते ही सेलुलर, वाई-फाई और ब्लूटूथ समेत फोन के सभी वायरलेस कम्युनिकेशन फंक्शन बंद हो जाते हैं।

एविएशन एक्सपर्ट और रेगुलेटरी ऑथोरिटी की मानें, हवाई जहाज के उड़ान भरने के बाद फोन को फ्लाइट मोड पर रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। यह सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर फ्लाइट में फोन को एयरप्लेन मोड पर रखने के लिए क्यों कहा जाता है? आइए जानें, हवाई जहाज में फोन फ्लाइट मोड पर डालना क्यों जरूरी है?

फ्लाइट मोड क्या है?

What is flight mode

फ्लाइट मोड ऑन करने से फोन के सेलुलर, वाई-फाई और ब्लूटूथ सभी तरह के वायरलेस कनेक्शन ऑफ हो जाते हैं। फ्लाइट में सफर करते हुए, इसे ऑफ करना बहुत ही जरूरी हो जाता है। अब समझिए की इसे फ्लाइट में क्यों बंद करना पड़ता है?

फ्लाइट में फोन एयरप्लेन मोड पर क्यों डालना पड़ता है?

दरअसल, फोन सेल टावर से कनेक्ट करने की लगातार कोशिश करते हैं। क्रूजिंग ऊंचाई पर फोन टावर से कनेक्ट करने के लिए सिग्नल पावर बढ़ा लेते हैं। इससे रेडियो वेव्स पैदा होती हैं, जो प्लेन के कम्युनिकेशन और नेविगेशन सिस्टम में बाधा पैदा करती है। आपको जानकर हैरत होगी कि इससे पायलट हेडफोन में नॉयज पैदा हो सकती है। संवेदनशील इक्विपमेंट भी इससे प्रभावित होने लगते हैं। टेकऑफ और लैंडिंग इससे सबसे ज्यादा दिक्कत पैदा होती है।

नेटवर्क में आ सकती है दिक्कत

There might be a problem with the network

इतनी ऊंचाई पर जब फोन जमीन पर लगे किसी टावर से कनेक्ट करने की कोशिश करते हैं, तो इससे सेलुलर नेटवर्क बाधित होता है। इसके कारण खराब सिग्नल रूटिंग या कनेक्शन ड्रॉप हो सकता है। यूएस में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी के मुताबिक, फ्लाइट में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को एयरप्लेन मोड में ही रखना चाहिए। इसे आप तभी ऑन कर सकते हैं, जब एयरलाइन आपको अनुमति दे।

यह भी देखें-सिर्फ फ्लाइट में ही नहीं, बल्कि इन जगहों पर भी काम आता है फोन का Flight Mode Feature

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Image Credit: Her zindagi

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