क्यों 25 हजार वोल्ट पर ही चलती है मेट्रो? क्या होगा अगर पावर कम या ज्यादा हो जाए

अगर आप मेट्रो सिटी में रहते हैं, तो यकीनन आप रोजाना इससे सफर करते होंगे। अब ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि मेट्रो की तेज रफ्तार कितने वोल्ट पर चलती है। अगर नहीं, तो पढ़िए पूरा आर्टिकल-
What voltage do subway trains use

Metro Train Voltage: दिल्ली, बैंगलोर और मुंबई जैसी सिटीज में लोग एक-जगह से दूसरी जगह पर आने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप इन मेट्रो सिटीज में रहते हैं, तो यकीनन एक जगह से दूसरे जगह पर आने-जाने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसके बाद भी इससे जुड़े कई फैक्ट के बारे में नहीं पता होता है। इसमें से एक है मेट्रो कितने वोल्ट पर चलाई जाती है। आमतौर पर हम कहने को हम रोजाना इससे सफर करते हैं, कितने इसके बाद भी इसका जवाब हमें नहीं पता होता है। बता दें कि भारतीय रेलवे और कई देशों में मेट्रो ट्रेनें आमतौर पर 25,000 वोल्ट अल्टरनेटिंग करंट (AC) पर चलती हैं। यह एक बहुत ही उच्च वोल्टेज है, जो हमारे घरों में आने वाली बिजली लगभग 220-240 वोल्ट से कहीं अधिक है। अब ऐसे में दूसरा सवाल आता है कि आखिर इतने ही वोल्टेज पर ही क्यों चलाई जाती है। इस लेख में आज हम आपको इन दोनों प्रश्नों के उत्तर के बारे में बताने जा रहे हैं।

अगर पावर कम हो जाए तो क्या होगा?

what happens if metro voltage is low

यदि मेट्रो को 25,000 वोल्ट से कम वोल्टेज मिले, तो सबसे पहले ट्रेन की गति प्रभावित होगी। कम वोल्टेज का मतलब है कम शक्ति, जिससे ट्रेन की मोटरें पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाएंगी। ट्रेन धीमी हो सकती है या उसे गति पकड़ने में अधिक समय लग सकता है। बहुत कम वोल्टेज होने पर ट्रेन चल भी नहीं पाएगी या बीच रास्ते में रुक सकती है। इससे यात्रियों को असुविधा होगी और समय-सारणी भी बिगड़ जाएगी। लंबे समय तक कम वोल्टेज मिलने पर मोटर ज्यादा करंट खींचने की कोशिश करेंगी, जिससे वे ज्यादा गरम हो सकती हैं और खराब होने का खतरा बढ़ जाएगा।

अगर पावर ज्यादा हो जाए तो क्या होगा?

metro train voltage

अगर मेट्रो को उसके निर्धारित 25,000 वोल्ट से ज्यादा वोल्टेज मिले, तो यह भी एक बड़ी समस्या हो सकती है। उच्च वोल्टेज से ट्रेन के विद्युत उपकरण ओवरलोड हो सकते हैं और उनका इन्सुलेशन क्षतिग्रस्त हो सकता है। मोटर, ट्रांसफार्मर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों पर अत्यधिक दबाव पड़ेगा, जिससे वे जल सकती हैं या पूरी तरह खराब हो सकती हैं। यह न केवल महंगे उपकरणों के नुकसान का कारण बनेगा, बल्कि इससे चिंगारी निकलने या आग लगने का भी खतरा पैदा हो सकता है, जिससे यात्रियों और ट्रेन के लिए सुरक्षा जोखिम बढ़ जाएगा। इसलिए, मेट्रो के सुचारु और सुरक्षित संचालन के लिए एक सटीक और स्थिर 25,000 वोल्ट की आपूर्ति बेहद महत्वपूर्ण है।

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Image Credit- freepik

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