कौन थे संजय जिन्होंने धृतराष्ट्र को सुनाया था महाभारत युद्ध का आंखों देखा हाल

महाभारत का आंखों देखा हाल धृतराष्ट्र को बताने वाले संजय का युद्ध के बाद क्या हुआ, इस बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। 

who is sanjay in mahabharat

Mahabharat Ke Sanjay: हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक महाभारत में अक्सर संजय का नाम सुनने में आता है। ये इकलौते ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से महाभारत युद्ध को साक्षात देखा था और उसका विस्तृत वर्णन धृतराष्ट्र को सुनाया था। कुरुक्षेत्र के रण में जो भी हुआ वो संजय की दृष्टि से नहीं छुप सका।

संजय न सिर्फ महाभारत के मुख्य पात्रों में से एक थे बल्कि इनका जीवन भी काफी रहस्यमयी रहा। ऐसे में हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको संजय के बारे में बेहद दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं। इस जानकारी में संजय का जीवन और महाभारत युद्ध के बाद उनका क्या हुआ इस बारे में सम्मिलित है।

  • संजय महर्षि वेद व्यास के शिष्य थे। संजय भले ही जाति से बुनकर थे लेकिन उनके ज्ञान और उनकी विद्वता का कोई सानी नहीं था। संजय श्री कृष्ण (क्यों श्री कृष्ण ने खाए थे केले के छिलके) के भक्त भी थे।संजय गावाल्गण नामक सूत के पुत्र थे। साथ ही, संजय धृतराष्ट्र की सभा में सलाहकार और धृतराष्ट्र के बेहद करीबी भी थे।
  • महाभारत ग्रंथ (महाभारत का पाठ क्यों माना जाता है अशुभ) के अनुसार, संजय स्वभाव से विनम्र होने के साथ-साथ अत्यंत धार्मिक भी थे। माना जाता है कि धृतराष्ट्र ने महाभारत युद्ध को टालने के लिए पांडवों के पास संजय को ही भेजा था। इसका सरल कारण ये था कि संजय पांडवों के प्रति सहानुभूति रखते थे।
sanjay kaun the
  • संजय के प्रयासों के बारे में भी महाभारत ग्रंथ में उल्लेख मिलता है। ग्रंथ में वर्णित जानकारी के अनुसार संजय ने महाभारत युद्ध टालने के लिए धृतराष्ट्र और उसके सभी पुत्रों को समझाने का अथक प्रयास किया था। यहां तक कि उन्होंने धृतराष्ट्र के पुत्रों द्वारा हो रहे अधर्म के खिलाफ कड़े वचन भी कहे थे।
kaun the sanjay
  • हालांकि कौरव वंश का विनाश निश्चित था तो कौरव पुत्रों पर संजय द्वारा समझाए जाने का भी कोई असर नहीं पड़ा। बहराल, जब युद्ध आरंभ होने की कगार पर था जब महर्षि वेदव्यास जी ने संजय को दिव्यदृष्टि प्रदान की थी। इस लिहाज से संजय को देश का सबसे पहला और प्राचीन कमेंटेटर भी माना जाता है।
  • महाभारत युद्ध के बाद कई सालों तक संजय युधिष्ठिर के राज्य में रहे और युधिष्ठिर का मार्ग दर्शन करते रहे। इसके बाद वह धृतराष्ट्र, गांधारी और पांडव माता कुंती के साथ संन्यास के लिए चले गए। मान्यता है कि धृतराष्ट्र की मृत्यु के बाद संजय ने हिमालय पर निवास किया था।

तो ये थी महाभारत के संजय से जुड़ी दिलचस्प बातें। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pinterest, Twitter

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP