हेल्थ इंश्योरेंस आपके और आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। खासकर जब Unexpected Medical Expenses का हमें सामना करना पड़ता है। आज के समय में, मेडिकल ट्रीटमेंट्स काफी महंगे हो चुके हैं, सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को चुनना जरूरी हो गया। भारत में कई तरह की बीमा कंपनियां कई तरह के हेल्थ इंश्योरेंस बेच रही हैं, जिससे सही ऑप्शन चुनना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। आज हम इस आर्टिकल में आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने के आसान तरीके बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपनी जरूरतों के हिसाब से हेल्थ इंश्योरेंस खरीद सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस आपको हॉस्पिटल में भर्ती होने, सर्जरी, डॉक्टर की फीस और दवाओं जैसे मेडिकल खर्चों से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। यह सुनिश्चित करता है कि आप महंगे इलाज की चिंता किए बिना बढ़िया मेडिकल ट्रीटमेंट प्राप्त कर सकें। एक अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको कई फायदे देती है। सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को चुनकर आप इनकम टैक्स की धारा 80डी के तहत टैक्स छूट भी प्राप्त कर सकते हैं।
इस पॉलिसी के तहत केवल एक इंसान का मेडिकल इलाज कवर किया जाता है। जो इंसान इस पॉलिसी को खरीदता है, वही अपने मेडिकल खर्चों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर सकता है। यह पॉलिसी तब काम आती है, जब किसी को बीमारी या इलाज की जरूरत पड़ती है। इस पॉलिसी में हॉस्पिटल में भर्ती होने, सर्जरी और डेकेयर ट्रीटमेंट, डॉक्टर की फीस, दवाओं के खर्चे को शामिल किया जाता है।
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पॉलिसी प्रीमियम व्यक्ति की उम्र और उसकी हेल्थ हिस्ट्री के आधार पर तय किया जाता है। अगर आपको कोई मौजूदा बीमारी है, तो आमतौर पर 2-3 साल वेटिंग पीरियड होता है और इसके बाद आप क्लेम कर सकते हैं। पॉलिसीहोल्डर चाहे तो एक्स्ट्रा प्रीमियम देकर अपने लाइफपार्टनर, बच्चों और माता-पिता को भी इस इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल कर सकता है। आपको बता दें कि यह Individual Health Insurance 18 से 65 साल की उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध है।
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फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस के अंतर्गत पूरे परिवार को एक ही पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है। इस पॉलिसी में पति/पत्नी, बच्चे और माता-पिता को शामिल किया जा सकता है। इस पॉलिसी की खासियत यह है कि केवल एक इंसान को प्रीमियम भरना होता है और मेडिकल खर्चों का लाभ पूरे परिवार को मिलता है। फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस के तहत, एक से अधिक परिवार के सदस्य एक साथ इलाज करवा सकते हैं, जब तक बीमा रकम की लिमिट पूरी नहीं हो जाती है।
आमतौर पर इस पॉलिसी का प्रीमियम परिवार के सबसे उम्रदराज सदस्य पर आधारित होता है। अगर आपके घर में 60 साल से अधिक उम्र के सदस्य शामिल हैं, तो आपका प्रीमियम ज्यादा हो सकता है।
इस पॉलिसी के तहत, बड़ी बीमारियों के ट्रीटमेंट को कवर किया जाता है। जैसे- दिल का दौरा, कैंसर, लीवर फेल होना और स्ट्रोक आदि। अगर पॉलिसी होल्डर को लिस्टेड बीमारी हो जाती है, तो बीमा कंपनी पूरे अमाउंट का भुगतान करती है, चाहे असल इलाज खर्च कितना भी हो। इस पॉलिसी को लेने के बाद, आपको हॉस्पिटल में भर्ती होने से लेकर बीमारी का पता चलने पर पूरी बीमा राशि दी जाती है। हालांकि, इस पॉलिसी को रिडीम कराने के लिए 90 दिनों के वेटिंग पीरियड और 30 दिनों की सर्वाइवल पीरियड की जरूर हो सकती है।
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस के अंतर्गत कई तरह की बीमारियां शामिल होती हैं। जैसे- ऑर्गन ट्रांसप्लांट, कैंसर, स्ट्रोक, हार्ट बाईपास सर्जरी, किडनी फेल्योर, पैरालाइसिस, पहला दिल का दौरा, मल्टीपल स्केलेरोसिस और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याएं आदि।
सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस खासतौर पर 65 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए डिजायन किया गया है। अगर आप अपने पैरेंट्स के लिए बीमा पॉलिसी लेना चाहते हैं, तो यह एक बढ़िया ऑप्शन हो सकता है। इस पॉलिसी के अंतर्गत किसी भी बीमारी या एक्सीडेंट के कारण होने वाले मेडिकल खर्चे को कवर किया जाता है। हॉस्पिटल में डिस्चार्ज के बाद भी इलाज में लगने वाले खर्चों को शामिल किया जाता है। अगर आप डॉक्टर से घर पर ही इलाज के लिए कंसल्ट करते हैं, तो इसका खर्चा भी बीमा कंपनी देती है।
इस हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को लेने के लिए उम्र सीमा 70 साल होनी चाहिए। पॉलिसी जारी करने से पहले फुल बॉडी चेकअप होता है। अगर बुजुर्ग को पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो उनका पॉलिसी का प्रीमियम बढ़ जाता है।
अगर आपको मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस से ज्यादा कवरेज चाहिए, तो आप टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस ले सकते हैं। यह आपकी बेस पॉलिसी की बीमा रकम से अधिक खर्चों को कवर करता है। आपको बता दें कि टॉप-अप प्लान तभी काम करता है, जब आपका मेडिकल खर्च आपकी बीमा राशि से अधिक हो जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपकी टॉप-अप पॉलिसी 5 लाख से अधिक कवर करती है और आपकी मौजूदा पॉलिसी लिमिट 3 लाख रुपये हैं, तो आपको पहले 3 लाख रुपये खुद खर्च करने होंगे। इसके बाद ही टॉप-अप प्लान काम करेगा।
सुपर टॉप-अप प्लान पूरा साल मेडिकल खर्चों को कवर करता है। आप एक से अधिक क्लेम कवर कर सकते हैं। अगर आपकी मौजूदा पॉलिसी की बीमा रकम खत्म हो जाती है, तो सुपर टॉप-अप एक्टिव हो जाता है।
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मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रेग्नेंसी और बच्चे के जन्म से जुड़े सभी मेडिकल खर्चों को कवर करती है। यह पॉलिसी Prenatal और Postnatal देखभाल को कवर करती है। इसमें नॉर्मल डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी दोनों के खर्च शामिल होते हैं। इसके अलावा, बच्चे की देखभाल, वैक्सिनेशन और मेडिकल चेकअप का खर्चा भी कवर किया जाता है।
इस पॉलिसी में 9 महीने से 2 साल तक का वेटिंग पीरियड होता है, इसलिए फैमिली प्लानिंग करने से पहले इस पॉलिसी को लेना सही रहता है।
इन दिनों ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का चलन काफी है। यह पॉलिसी कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए प्रदान किया जाने वाला बीमा कवरेज है। इस पॉलिसी का प्रीमियम कम होता है। कर्मचारियों को बिना किसी प्रीमियम के बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस मिलता है। कई ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कर्मचारी के अलावा उनकी फैमिली को भी कवर करती हैं। इस पॉलिसी में कर्मचारी बिना किसी देरी के लाभ उठा सकते हैं। इस पॉलिसी के अंतर्गत हॉस्पिटल में भर्ती होने, डिलीवरी, OPD ट्रीटमेंट को कवर किया जाता है।
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