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Meaning of Monsoon word

बरसात के मौसम को हम सभी कहते हैं मानसून, लेकिन क्या आपको पता है कहां से आया यह शब्द

जून-जुलाई के गर्मी आते ही हम मन में सोचने लगते हैं कि कब बरसात होगी ताकि इस तपन और लू से छुटकारा मिल सके। हम सभी बारिश के मौसम को मानसून के नाम से जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह शब्द कहां से आया। चलिए जानते इस शब्द के पीछे का क्या है इतिहास-
Updated:- 2025-07-14, 16:32 IST

मानसून को लेकर हमेशा से हम सभी के मन में एक अलग ही तस्वीर बनी हुई दिखाई देती है। हर तरफ हरियाली, तेज हवा और पानी की बूंदे। बरसात के मौसम में गरजते और बरसते बादल के बीच गांवों में पुरुष और महिलाएं खेत में धान लगा रहे होते हैं। यह तस्वीर असल में मानसून के मौसम की पहचान है। भारत जैसे कृषि-प्रधान देश में मानसून न केवल गर्मी से राहत लेकर आता है बल्कि हर-तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देता है। मानसून का मौसम सावन का महीना शुरू होते ही आ जाता है। कहने को तो बच्चे-बच्चे को पता है कि मानसून किस मौसम को कहते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर मानसून शब्द कहा से आया है। इसका क्या मतलब है और इसके पीछे क्या इतिहास छिपा है। इस लेख में आज हम आपको मानसून शब्द के ओरिजन होने के पीछे के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।

कहां से आया है मानसून शब्द?

History of the Monsoon term

मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द मौसिम से मानी जाती है जिसका मतलब मौसम या सीजन होता है। पुराने समय में अरब के व्यापारी समुद्री मार्गों से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में व्यापार करने आते थे। अब ऐसे में वे समुद्र की हवाओं और ऋतुओं का ध्यान रखते थे और खास समय पर ही अपनी यात्रा की योजना बनाते थे। इन्हीं हवाओं को उन्होंने मौसिम कहा जाता था, जो आगे चलकर मानसून बन गया। इसके बाद ब्रिटिश काल में इस शब्द को अंग्रेजी भाषा में Monsoon के रूप में शामिल किया गया और धीरे-धीरे यह शब्द पूरी दुनिया में बारिश और हवाओं के इस खास मौसम के लिए मशहूर हो गया।

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भारत में मानसून का क्या है महत्व?

Importance of monsoon for Indian agriculture

भारत हमेशा से एक कृषि प्रधान देश रहा है। अब ऐसे में यहां पर मौसम का बदलना न केवल एक प्रकार की प्रक्रिया है बल्कि फसलों का उगना खराब होना मौसम पर भी निर्भर करता है। अब ऐसे में जैसे ठंडी में गेंहू और बरसात के सीजन में चावल की फसल की जाती है। जून से सितंबर के बीच आने वाली यह बारिश खेतों को सींचती है। नदियों को भरती है और तापमान को संतुलित करती है। इसलिए मानसून भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था दोनों का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।

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Image Credit- freepik

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