मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे सम्मानित योद्धाओं और रणनीतिकारों में से एक थे। उनका आगरा से गहरा ऐतिहासिक संबंध रहा है, क्योंकि 1666 में मुगल सम्राट औरंगजेब ने उन्हें आगरा में बंदी बना लिया था, जहां उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई से भागकर इतिहास रच दिया था। इस घटना को भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक माना जाता है। इस वीरता को सम्मान देने के लिए आगरा में उनका भव्य स्मारक बनाए जाने की मांग की जा रही है।
आज हम इस आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा क्यों गए थे और उन्हें कैसे बंदी बना लिया गया और किस तरह वह जेल से बाहर निकलकर आए थे?
इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने अपनी किताब औरंगजेब में लिखा है कि राजा जयसिंह से पुरंदर की संधि करने के बाद, छत्रपति शिवाजी 11 मई 1666 को अपने दल के साथ आगरा पहुंचे थे। आगरा की सीमा पर, उन्होंने मुलक चंद की सराय में डेरा डाला, जो उस समय सेवला सराय के पास स्थित थी। 12 मई को शिवाजी औरंगजेब के दरबार पहुंचे, जिसे आगरा किले के दीवान-ए-खास में आयोजित किया गया था। वहां पर शिवाजी को विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित करने की जगह, निचले दर्जे के रईसों के बीच उन्हें खड़ा कर दिया गया। यह अपमान शिवाजी सहन नहीं कर पाए।
शिवाजी नाराज हो गए और विरोध जताकर दरबार से बाहर निकल आए। इस अपमान से नाराज होकर औरंगजेब ने उसी दिन शिवाजी को राजा जयसिंह के पुत्र राम सिंह की छावनी के पास सिद्धी फौलाद खां की निगरानी में नजरबंद करने का आदेश दिया।
इसे भी पढ़ें- खेल-खेल में सीखी किला जीतने की कला, जानें छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन का इतिहास
16 मई 1666 को शिवाजी को राजा जय सिंह की हवेली में कैद कर दिया गया, जहां मुगल रक्षकों द्वारा उन पर कड़ी नजर रखी गई। मराठा राजा ने बीमार होने का नाटक किया और आगरा के ब्राह्मणों और फकीरों को प्रसाद के रूप में मिठाई और फलों की बड़ी टोकरियां भेजना शुरू कर दिया। समय के साथ, मुगल रक्षक इस प्रथा के आदी हो गए और उन्होंने टोकरियों की अच्छी तरह से जाँच करना बंद कर दिया।
यह विडियो भी देखें
18 अगस्त 1666 को औरंगजेब ने शिवाजी को फिदाई हुसैन की हवेली में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। यह हवेली शहर के बाहर एक टीले पर थी। 19 अगस्त 1666 को, शिवाजी और उनके बेटे संभाजी दो बड़ी टोकरियों के अंदर छिप गए और उन्हें मंदिर के प्रसाद के रूप में हवेली से बाहर निकल गए। उनकी जगह, हीरोजी फरजंद नामक सेवक उनके बिस्तर पर लेटा रहा, ताकि पहरेदारों को कोई संदेह न हो।
20 अगस्त को जब शिवाजी के भागने की खबर औरंगजेब को मिली, तब तक वे काफी दूर निकल चुके थे। इस तरह, शिवाजी ने आगरा में 101 दिनों तक नजरबंदी में रहने के बाद मुगलों को चकमा देकर भागने में सफलता पाई। शिवाजी आगरा से निकलकर लगातार यात्रा करते रहे और 12 सितंबर 1666 को अपने राजगढ़ किले पहुंचे थे।
आगरा किले के दीवान-ए-खास के पास एक शिलालेख स्थापित है, जो शिवाजी के औरंगजेब के दरबार में आने की घटना को दर्शाता है। 2017 से पहले इस शिलालेख में लिखा था कि शिवाजी दरबार में बेहोश हो गए थे। इस पर पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने इस पर आपत्ति जताई। उनका तर्क था कि शिवाजी जैसे वीर और साहसी व्यक्ति के मूर्छित होने की बात संभव नहीं है। उनका मानना था कि शिवाजी दरबार में टेक लगाकर बैठे होंगे। इस आपत्ति के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इस शिलालेख को बदल दिया।
इसे भी पढ़ें- आखिर कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज? जानें शिवनेरी से क्या था संबंध
एक समय यह माना गया था कि आगरा किले में शिवाजी को औरंगजेब ने कैद किया था। इसी आधार पर 2003 में ASI ने किले के वाटर गेट के पास स्थित कोठरियों को शिवाजी की जेल मानकर संरक्षण प्रदान किया था और इसे खोलने की तैयार की जा रही थी। लेकिन इतिहासकार राजकिशोर राजे ने RTI के तहत जानकारी मांगी थी, जिसमें ASI ने स्पष्ट किया था कि उनके पास शिवाजी को आगरा किले में कैद किए जाने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। इतिहासकारों के मुताबिक, मुगल शासक अक्सर अपने दुश्मनों को आगरा की जगह ग्वालियर किले में कैद किया करते थे। इस विषय पर इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं, लेकिन शिवाजी की सूझबूझ और बहादुरी का यह एक अनोखा उदाहरण है।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit - social media, wikipedia, jagran
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।