how solar eclipse saved life of arjun during mahabharat

Mahabharat Ka Kissa: जब लगा था महाभारत के समय सूर्य ग्रहण और बाल-बाल बच गई थी अर्जुन की जान; जानें क्या हुआ था उसके बाद

महाभारत युद्ध में कई ऐसी घटनाएं घटीं जिन्होंने इतिहास को बदल दिया और ऐसी ही एक घटना थी जब सूर्य ग्रहण के कारण अर्जुन की जान बाल-बाल बच गई थी।
Editorial
Updated:- 2025-09-10, 16:15 IST

महाभारत का युद्ध केवल एक युद्ध नहीं था, बल्कि धर्म और अधर्म के बीच एक भीषण संघर्ष था। इस युद्ध में कई ऐसी घटनाएं घटीं जिन्होंने इतिहास को बदल दिया और ऐसी ही एक घटना थी जब सूर्य ग्रहण के कारण अर्जुन की जान बाल-बाल बच गई थी। यह घटना कुरुक्षेत्र के युद्ध के 14वें दिन घटी थी जब अर्जुन ने एक बहुत बड़ी प्रतिज्ञा ले ली थी। आइये जानते हैं इस बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

महाभारत का 14वां दिन और अर्जुन की प्रतिज्ञा

महाभारत के युद्ध में 14वें दिन की शुरुआत एक दुखद घटना से हुई थी। कौरवों के महान योद्धा जयद्रथ ने छल से चक्रव्यूह में फंसे अभिमन्यु को घेरकर मार दिया था।

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अपने पुत्र की मृत्यु से अर्जुन बहुत दुखी और क्रोधित हो गए थे। उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि अगले दिन सूर्यास्त से पहले वह जयद्रथ का वध कर देंगे, और अगर वह ऐसा नहीं कर पाए तो खुद को अग्नि में भस्म कर लेंगे।

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जयद्रथ के वध की प्रतिज्ञा सुनकर कौरव सेना बहुत खुश हुई। दुर्योधन और जयद्रथ ने मिलकर एक योजना बनाई कि वे जयद्रथ को इस तरह छिपा देंगे कि अर्जुन उसे ढूंढ न पाए। पूरी कौरव सेना जयद्रथ की सुरक्षा में लग गई, और अर्जुन के लिए उस तक पहुँचना असंभव हो गया। दिन ढलने लगा, और जयद्रथ सुरक्षित था।

सूर्य ग्रहण और अर्जुन की जान बचना

जैसे-जैसे सूर्यास्त का समय नजदीक आ रहा था, अर्जुन निराश हो रहे थे। वे सोच रहे थे कि अब उन्हें अपनी प्रतिज्ञा पूरी करनी होगी। कौरव सैनिक और जयद्रथ भी प्रसन्न थे। तभी, भगवान कृष्ण ने एक चमत्कार किया। उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य को ढक दिया, जिससे चारों ओर अंधेरा छा गया।

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कौरव सेना को लगा कि सूर्यास्त हो गया है और अर्जुन अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार अग्नि में भस्म होने जा रहे हैं। जयद्रथ भी खुश होकर अपनी सुरक्षा वाली जगह से बाहर निकल आया। जैसे ही जयद्रथ सामने आया, भगवान कृष्ण ने अपना सुदर्शन चक्र हटा लिया और सूर्य फिर से चमकने लगा। यह देखकर जयद्रथ और कौरव सैनिक हैरान रह गए।

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अर्जुन को सही मौका मिल गया था। उन्होंने तुरंत अपनी गांडीव से बाण चलाया और जयद्रथ का वध कर दिया। इस तरह, भगवान कृष्ण के इस चमत्कार से अर्जुन की जान बच गई और उनकी प्रतिज्ञा भी पूरी हुई। यह घटना महाभारत के युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी और इसने पांडवों को युद्ध में एक बड़ी बढ़त दिलाई।

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image credit: herzindagi 

FAQ
शकुनि को स्वर्ग क्यों मिला था?
शकुनि को स्वर्ग इसलिए मिला था क्योंकि उसने महाभारत के युद्ध में कौरवों की ओर से लड़ते हुए अपने कर्तव्य का पालन किया था।
महाभारत युद्ध में कौन-कौन बचा था?
महाभारत युद्ध में पांडव ही बचे थे एकमात्र और इनके अलावा, अश्वत्थामा भी शेष रह गया था।
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