आज के डिजिटल युग में प्राइवेट नौकरियां सेफ नहीं हैं। कभी कंपनी में कॉस्ट कटिंग के लिए ले-ऑफ किया जाता है, तो कभी अचानक से कंपनी लॉस में चली जाती है। ऐसी सिचुएशन में सबसे बड़ी चिंता होती है कि महीने के खर्च कैसे चलेंगे। इसी परेशानी को देखते हुए अब कुछ बीमा कंपनियां एक खास तरह का इंश्योरेंस कवर दे रही हैं, जिसे जॉब लॉस इंश्योरेंस कहा जाता है। यह पॉलिसी उस समय काम आती है, जब आपकी कंपनी आपको नौकरी से निकाल देती है और आप बेरोजगार हो जाते हैं। इस पॉलिसी के तहत, आपको कुछ समय के लिए एक तय अमाउंट मिलता है, ताकि आप घर खर्च, लोन की EMI और बच्चों की एजुकेशन जैसी जरूरी चीजों को मैनेज कर सकें। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं कि जॉब लॉस इंश्योरेंस क्या होता है, यह कैसे काम करता है और इसे कैसे खरीदा जा सकता है?
जॉब लॉस इंश्योरेंस क्या होता है?
जॉब लॉस इंश्योरेंस एक ऐसी पॉलिसी है, जो तब काम आती है जब आपका ले-ऑफ हो जाता है। अगर आपके पास यह पॉलिसी होती है, तो बीमा कंपनी आपको कुछ समय तक के लिए आर्थिक मदद देती है। बीमा कंपनियां आपको पैसा देती हैं, जिससे आप अपनी EMI और दैनिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। आपको बता दें कि यह पॉलिसी अक्सर किसी दूसरी पॉलिसी के साथ जुड़कर आती है। जैसे- होम लोन के साथ, पर्सनल लोन, कार लोन के साथ या टर्म लाइफ इंश्योरेंस के साथ एक ऐड-ऑन कवर या राइडर के रूप में। इसका मतलब होता है कि आप जब कोई बड़ी पॉलिसी लेते हैं, तो उसमें कुछ एक्स्ट्रा पैसा देकर आप जॉब लॉस कवर भी जोड़ सकते हैं।
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जॉब लॉस इंश्योरेंस किसके लिए जरूरी है?
- यह पॉलिसी हर किसी के लिए जरूरी नहीं होती है, बल्कि यह कुछ लोगों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकती है।
- जो लोग प्राइवेट कंपनियों या मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करते हैं।
- जो लोग होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लिए हुए होते हैं और हर महीने EMI भर रहे होते हैं।
- जो लोग टेक स्टार्टअप, मीडिया, ई-कॉमर्स जैसे रिस्की सेक्टर्स में काम कर रहे होते हैं।
- जिनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी होती है और घर चलाने वाले वह अकेले होते हैं।
जॉब लॉस इंश्योरेंस किन हालात में मदद करता है?
जॉब लॉस इंश्योरेंस नौकरी छूटने पर कौन-कौन सी परिस्थितियों में मदद करता है। आपको बता दें कि यह हर तरह की नौकरी जाने की स्थिति में काम नहीं करता है।
- अगर कंपनी ने ले-ऑफ किया होता है और आपकी नौकरी चली जाती है।
- कंपनी बंद होने पर या किसी दूसरी कंपनी में मर्ज होने पर नौकरी चली जाती है।
- कंपनी को लॉस होने पर नौकरी चली जाती है।
- तब आपको बीमा कंपनी हर महीने एक तय रकम देती है। वहीं, कुछ प्लान में आपके लोन की EMI तक बीमा कंपनियों द्वारा 6 महीने तक भरी जाती है।
नौकरी छूटने पर पॉलिसी कैसे मदद करता है?
नौकरी चली जाने पर यह पॉलिसी आपकी आर्थिक मदद कर सकती है। हम आपको स्टेप बाय स्टेप बता रहे हैं।
- आप जॉब लॉस इंश्योरेंस पॉलिसी को दो तरीकों से खरीद सकते हैं। कुछ बीमा कंपनियां इसे सिंगल प्रोडक्ट के रूप में देती हैं।
- कुछ बीमा कंपनियां इस पॉलिसी को टर्म इंश्योरेंस या लोन प्रोटेक्शन प्लान के साथ जोड़कर भी देती हैं।
- पॉलिसी लेने के बाद, आपको 90 से 120 दिन तक का वेटिंग पीरियड का इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि, इस दौरान अगर आपका ले-ऑफ हो जाता है, तो आप क्लेम नहीं कर सकते हैं।
- वेटिंग पीरियड खत्म होने के बाद, अगर आपका ले-ऑफ हो जाता है, तो आप क्लेम कर सकते हैं। लेकिन, अगर आप खुद से नौकरी छोड़ते हैं, तो आप बीमा क्लेम नहीं कर सकते हैं।
- पॉलिसी क्लेम करने के लिए आपके पास टर्मिनेशन लैटर, बैंक स्टेटमेंट, ज्वाइनिंग लैटर, सैलरी स्लिप की कॉपी होनी जरूरी है।
- अगर आपका क्लेम सही पाया जाता है, तो बीमा कंपनी हर महीने आपको एक तय रकम देने लगती है। यह मदद आमतौर पर 3 से 6 महीने तक मिलती है।
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