डिजिटल युग में तकनीक हमारी जिंदगी का हिस्सा नहीं बनी है, बल्कि हमारी जिंदगी ही तकनीक के भरोसे चलने लगी है। ऐसे यह कहना गलत नहीं होगा कि तकनीक की वजह से जिंदगी आसान हो गई है, लेकिन इसने जिस तरह से रिश्तों की परिभाषा बदलकर रख दी है, वह हैरान करने वाला है। पहले रिश्तों का मतलब इमोशन्स, बातचीत और एफर्ट हुआ करते थे। वहीं, अब मैसेज के ब्लू टिक और लास्ट सीन स्टेट्स पर हम अटककर रह गए हैं। ऐसे में अगर डिजिटल अफेयर जैसी कोई चीज सुनने को मिलती है तो हैरानी कम ही होती है।
क्या है डिजिटल अफेयर?
डिजिटल अफेयर एक ऐसा रिश्ता है जो सोशल मीडिया पर बनता है और उसी पर मेनटेन भी किया जाता है। यह आपको सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। जी हां, डिजिटल अफेयर को ऑनलाइन अफेयर भी कहा जाता है। यह वह रोमांटिक या इंटीमेट रिश्ता होता है जिसे डिजिटल मीडियम्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बनाया जाता है और उस पर बातचीत करके या कनेक्शन में रहकर कंटिन्यू किया जाता है।
डिजिटल अफेयर को कुछ लोग रियल नहीं, बल्कि रील दुनिया का रिश्ता भी मानते हैं। क्योंकि, इसमें दो लोग शायद भावनात्मक रूप से जुड़े तो होते हैं, लेकिन कभी एक-दूसरे से मिले नहीं होते हैं। कई बार यह दोस्ती के रूप में शुरू होते हैं, लेकिन फिर यह अफेयर में बदल जाते हैं। डिजिटल अफेयर जैसी चीजें यंग जनरेशन या Gen-Z के बीच बहुत कॉमन देखने को मिलती हैं।
इसे भी पढ़ें: जब एक लड़का दो लड़कियों को डेट करता है, तो वो चीटिंग नहीं Polyamory है...जानिए Gen Z के नए प्यार का फॉर्मूला
भारत में तेजी से बढ़ रहा डिजिटल अफेयर का ट्रेंड
रिश्तों के मामले में भारत में अभी भी पारंपरिक सोच देखने को मिलती है। जहां एक साथी के साथ जीवनभर नहीं, बल्कि सात जन्मों तक रहने का वादा किया जाता है। वहां अब डिजिटल अफेयर का ट्रेंड खूब तेजी से बढ़ता देखने को मिल रहा है। यह यंग जनरेशन और मिड एज ग्रुप के लोगों में खूब पॉपुलर हो रहा है और इसके पीछे की वजह हर हाथ में स्मार्टफोन और सोशल मीडिया मानी जा रही है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की वजह से हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे शख्स से कनेक्ट कर सकते हैं। यह कनेक्शन पहले दोस्ती, फिर इमोशनल कनेक्शन से शुरू होता है और बाद में कई बार सीरियस सिचुएशन में भी बदल जाता है। लेकिन, इस तरह के रिश्तों की वजह से आपके रियल लाइफ के रिश्तों पर असर पड़ सकता है।
डिजिटल अफेयर के नुकसान
भरोसा करना मुश्किल

वर्चुअल दुनिया में किसी से मुलाकात और उससे कनेक्शन बनाना तो आसान है। लेकिन, भरोसा करना उतना ही मुश्किल है। क्योंकि, हो सकता है कि उसकी रियल लाइफ आपको दिखाई दुनिया से बिल्कुल अलग हो। ऐसी स्थिति में अगर आप जल्दी भरोसा करने वाले लोगों में से हैं, तो डिजिटल अफेयर खतरे की घंटी हो सकते हैं।
फ्रॉड और धोखा
वर्चुअल दुनिया या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बनने वाले रिश्तों में फ्रॉड और धोखे के ज्यादा चांस होते हैं। ऐसे में कई बार सामने वाला आपके इमोशन्स का फायदा उठा लेता है और ब्लैकमेल, धोखा या हनी ट्रैप में फंसा लेता है।
इमोशनल डैमेज
डिजिटल अफेयर में भले ही आप सीरियस हो जाएं, लेकिन सामने वाला अगर टाइम पास कर रहा है, तो यह आपके इमोशन्स को हर्ट कर सकता है। ऐसे में दिल टूटना और भावनाओं को चोट पहुंच सकती है।
इसे भी पढ़ें: सिचुएशनशिप के बाद आया 'नैनोशिप', जानें क्या होता है इसका मतलब?
कमिटमेंट की कमी
डिजिटल अफेयर्स में कमिटमेंट और लिमिट्स की कमी होती है। क्योंकि, यह रिश्ते स्टेबल नहीं होते हैं और एक कॉल नहीं उठाने या ब्लॉक का बटन क्लिक करने पर ही खत्म हो जाते हैं।
हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
Image Credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों