Frequetly Asked Questions about CAA: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मोदी सरकार की तरफ से हाल ही में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करने की घोषणा कर दी गई। इसके बाद से एक बार फिर इसे लेकर सवालों का सिलसिला शुरू हो गया है। सीएए के लागू होने के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके इसके लागू होने की जानकारी दी थी और बताया था कि किस तरह इसे लागू कर मोदी सरकार ने अपने वादे को निभाया है। हालांकि, इसके लागू होने के साथ ही एक बार फिर कई मुद्दों पर इसको लेकर बहस छिड़ गई है। सीएए क्या है? इसका आम नागरिकों पर, हमारी नागरिकता पर, देश के कानूनों पर क्या असर होगा और क्या वाकई इससे किसी धर्म विशेष के नागरिकों को खतरा है, अगर ये सब सवाल आपके भी मन में घूम रहे हैं, तो इस आर्टिकल में आपको सीएए से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
आखिर क्या है CAA? (What is CAA?)
सीएए को दिसंबर 2019 में पारित किया गया था। इसका फुल फॉर्म Citizenship Amendment Act यानी नागरिकता संशोधन कानून है। दिसंबर 2019 में देश की संसद से पारित सीएए को अब पूरे देश में लागू कर दिया गया है। असल में यह कानून, तीन पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का रास्ता देता है। यह पड़ोसी देशों के उन नागरिकों के लिए है, जिन्होंने लंबे समय से भारत में शरण ली हुई है, लेकिन उनके पास भारत की नागरिकता नहीं है। 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए लोग CAA के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
CAA का आम आदमी पर क्या होगा असर? ( Know about Citizenship Amendment Act)
CAA के लागू होने पर सबसे ज्यादा जो सवाल सामने आ रहा है, वो यह है कि क्या इसके लागू होने से भारतीय नागरिकों पर कोई असर होगा, क्या यह एक्ट किसी तरह से एक धर्म विशेष को लाभ पहुंचाएगा और किसी एक धर्म के लोगों को इससे खतरा है? आपको बता दें कि भारत में रहने वाले किसी भी नागरिक पर सीएए का कोई असर नहीं होगा। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन या किसी अन्य धर्म के लोग, जो भारत के नागरिक हैं, उनकी जिंदगी पर इसका कोई असर नहीं होगा। इस कानून में भारत के किसी भी मजहब के नागरिक की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। होगा बस ये कि पड़ोसी देशों से भारत में आए जिन लोगों की गिनती अब तक शरणार्थियों में होती थी, वे अब इस देश का नागरिक कहलाएंगे और उनकी गिनती जनसंख्या में की जाएगी।
CAA के लिए कैसे करना होगा अप्लाई?) (What Does The Law CAA Mean?)
The Modi government today notified the Citizenship (Amendment) Rules, 2024.
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) March 11, 2024
These rules will now enable minorities persecuted on religious grounds in Pakistan, Bangladesh and Afghanistan to acquire citizenship in our nation.
With this notification PM Shri @narendramodi Ji has…
CAA के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए मुस्लिमों को ये नागरिकता नहीं मिलेगी। इसके लिए इन तीन देशों से भारत आए गैर-मुस्लिम नागरिकों यानी हिन्दू, जैन, ईसाई और सिखों को नागरिकता दी जाएगी। गृहमंत्री अमित शाह ने जो ट्वीट किया है, उसमें उन्होंने उन दस्तावेजों की लिस्ट भी बताई है, जिनके साथ ये लोग भारत में नागरिकता के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
सरकार की तरफ से CAA पर कही गई यह बात (What Documents Are Required For CAA?)
सरकार की तरफ से साफ शब्दों में कहा गया है कि इस कानून से भारतीय मुस्लिमों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसका किसी भी तरह उनकी नागरिकता पर असर नहीं होने वाला है। भारत में अभी 18 करोड़ मुस्लिम हैं और उन्हें हिन्दुओं के समान ही अधिकार प्राप्त हैं। यह आगे चलकर भी ऐसे ही रहने वाला है। इस अधिनियम के बाद किसी भी भारतीय नागरिक से अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा।
CAA पर यह है एक्सपर्ट की राय (Seeking Citizenship Under CAA)
इस बारे में हमने बॉम्बे हाईकोर्ट के एडवोकेट और लीगल काउंसलर, सिध्दार्थ चंद्रशेखर से भी बात की और इसके बारे में सरल शब्दों में समझने का प्रयास किया। उन्होंने बताया "नेचुरलाइजेशन(प्राकृतिकीकरण) एक ऐसा लीगल एक्ट या प्रोसेस है जिसमें देश का एक गैर-नागरिक जन्म के बाद उस देश की नागरिकता को प्राप्त करता है। वहीं, सिटिजनशिप एक्ट नेचुरलाइजेशन को परिभाषित नहीं करता है। सेक्शन 6 के तहत किसी भी व्यक्ति को जो भारत का नागरिक नहीं है, जो बालिग है और मानसिक तौर पर स्वस्थ है, अवैध रूप से भारत नहीं आया है, वह इसके लिए आवेदन कर सकता है। इसलिए, मौजूदा कानूनों के तहत कोई भी मुस्लिम समेत कोई भी नागरिक, जो प्रवासी है और भारत में नागरिकता लेना चाहता है, वह इसके लिए अप्लाई कर सकता है। "
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यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी शुरू हो गई है चर्चा (What is UCC?)
बता दें कि सीएए के लागू होने के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सरकार ने इसे लागू करने के भी संकेत दिए हैं। UCC अगर लागू होता है तो इसके तहत देश में सभी धर्मों और समुदायों के लोगों के लिए एक समान, एक बराबर कानून हो जाएगा। यानी की धर्म के आधार पर बने किसी भी अलग कानून की इसके बाद कोई मान्यता नहीं रहेगी।
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