मोहर्रम के बारे में क्या कहता है कुरान? जानें किस दिन पड़ेगा आशूरा

कुरान में इस महीने को बरकत वाला और रहमत वाला महीना कहा जाता है। इसके शुरुआती 10 दिन बहुत ही खास माने जाते हैं, जिसमें रोजे रखे जाते हैं और खूब दुआ की जाती है।
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इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम है। इसलिए कई लोगों को लगता है कि यह खुशियों का त्योहार है, लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि यह सब्र और शहादत का महीना है। यह महीना खुदा को याद करने से शुरू होता है, जिसे मुसलमान बहुत ही खास मानते हैं मुसलमान खास तौर पर शिया मुस्लिम। इसे मुख्य तौर पर पैगंबर मुहम्मद के नवासे, इमाम हुसैन की शहादत के लिए जाना जाता है।

कुरान में इस महीने को बरकत वाला और रहमत वाला महीना कहा जाता है। इसके शुरुआती 10 दिन बहुत ही खास माने जाते हैं, जिसमें रोजे रखे जाते हैं और खूब दुआ की जाती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस महीने की क्या फजीलत है और इसमें किन-किन कामों को किया जाता है।

आखिर मुहर्रम क्यों मानते हैं मुस्लिम?

मुहर्रम एक ऐसा महीना है जिसे शिया और सुन्नी मुसलमान दोनों मानते हैं। इसके 10 दिन बहुत ही खास होते हैं और आखिरी दिन की अलग ही फजीलत है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन इमाम हुसैन रजीअल्लाहु अन्हु और इनके साथी शहीद हुए थे।

Muharram

इस गम में शिया मुसलमान मातम मनाते हैं। यह दिन शिया मुस्लिमों के लिए बहुत गहरे भावनात्मक और धार्मिक महत्व वाला होता है। शिया मुस्लिम समुदाय के लिए मुहर्रम का महत्व इमाम हुसैन की शहादत से जुड़ा है। उनके इसलामिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण हस्ती रही हैं।

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आशूरा का दिन कब पड़ेगा?

आशूरा का दिन मोहर्रम का आखिरी दिन होता है। यह दिन सिर्फ तारीख नहीं, बल्कि एक ऐसी कुर्बानी की याद है जिसने इंसाफ और ज़ुल्म के बीच फर्क करना सिखाया। यह दिन हमें हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की वो कहानी याद दिलाता है, जो आज भी पूरी इंसानियत के लिए प्रेरणा है।

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वैसे तो यह चांद पर निर्भर करता है और अभी चांद नजर नहीं आया है। हालांकि, इस बार आशूरा का दिन 5 जुलाई या 6 जुलाई को आने वाला है, क्योंकि यह महीना 27 जून को शुरू हो जाएगा।

कुरान में मोहर्रम की फजीलत

मोहर्रम का कुरान की सूरह अत-तौबा में जिक्र है। इसमें अल्लाह अपने बंदों से फरमा रहे हैं कि बेशक अल्लाह के पास महीनों की गिनती, अल्लाह की किताब में बारह है।

इस दिन से उसने आसमानों और जमीन को पैदा किया, उनमें से चार महीने हुरमत वाले हैं। तो इस महीने की फजीलत बहुत ही ज्यादा है, ऐसे में ज्यादा से ज्यादा दुआ करें।

मोहर्रम क्यों खास है?

  • यह इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से पहला और नया महीना है।
  • इस महीने में जंग और झगड़े से बचने की हिदायत दी गई है।

What is forbidden in the month of Muharram,

  • यह महीना सब्र, शहादत और इंसाफ की याद दिलाता है, खासकर हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद दिलाता है।
  • यह महीना अपने इमान और सब्र के इम्तेहान की याद दिलाता है।

आशूरा के दिन क्या करें?

  • इस दिन रोजा रखना सुन्नत माना जाता है।
  • हजरत मुहम्मद ने आशूरा का रोजा रखने की सलाह दी है और उसके साथ एक दिन पहले या बाद का रोजा भी मिलाने की बात कही है।
  • अपने गुनाहों की माफी के लिए यह दिन बहुत खास है।
  • खैरात और सदका अदा करें और नफिल नमाज पढ़ें।

यह महीना हमें यह भी याद दिलाता है कि सच्चाई और इंसाफ के लिए डटकर खड़े रहना ही असली ईमान है। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- (@Freepik and shutterstock)

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