क्या आपने कभी सोचा है कि फीमेल एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में पीरियड्स आते हैं? अगर आते हैं तो वे क्या करती हैं?

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में 9 महीने बिताने के बाद धरती पर लौट चुकी हैं। फीमेल एस्ट्रोनॉट्स पहले भी कई मिशन पर स्पेस में जा चुकी हैं। ऐसे में क्या आपके दिमाग में कभी यह सवाल आया कि महिला एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में पीरियड्स आते हैं, तो वे क्या करती हैं।
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स्पेस की दुनिया धरती से बिल्कुल अलग है। इस दुनिया से जुड़ी अलग-अलग जानकारियां लेने के लिए स्पेस यात्री अंतरिक्ष में जाते रहते हैं। सुनीता विलियम्स 9 महीने से अधिक का समय अंतरिक्ष में बिताकर धरती पर वापिस लौट चुकी हैं। इससे पहले भी कई महिला एस्ट्रोनॉट्स, स्पेस में अलग-अलग मिशन के लिए जा चुकी हैं। इतने वक्त में उन्हें कई चैलेंजेस से गुजरना पड़ा। उन्होंने बताया था कि कैसे वो चलना तल भूल चुकी हैं। अंतरिक्ष में कुछ दिन के लिए जाना अलग बात है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि जब कोई फीमेल एस्ट्रोनॉट, स्पेस में इतना समय बिताती है, तो वह अपने पीरियड्स को कैसै मैनेज करती है। जी हां, पीरियड्स महिलाओं में हर महीने होने वाला एक प्रोसेस है। ये दिन आमतौर पर किसी भी महिला के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं। इन दिनों में अपने डेली रूटीन को मैनेज कर पाना ही मुश्किल होता है। ऐसे में अगर कोई महिला अंतरिक्ष में है, तो क्या उसे पीरियड्स आते हैं...अगर आते हैं तो वह कैसे इन्हें मैनेज करती हैं। चलिए, आपको यह जानकारी देते हैं।

क्या फीमेल एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में पीरियड्स आते हैं?

Do female astronauts get periods in space
सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि अंतरिक्ष में फीमेल एस्ट्रोनॉट्स को पीरियड्स आते हैं। अंतरिक्ष की माइक्रोग्रैविटी का पीरियड्स पर कोई असर नहीं होता है यानी की जो महिला एस्ट्रोनॉट स्पेस में जाती हैं, उन्हें भी हर महीने पीरियड्स आते हैं। हालांकि, कई एस्ट्रोनॉट्स यह बात बता चुकी हैं कि उनके पास पीरियड्स को टालने का ऑप्शन होता है यानी वह अपने पीरियड्स को टाल सकती हैं। इसके लिए कई फीमेल एस्ट्रोनॉट्स कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल करती हैं। इन गोलियों में एस्ट्रोजन होता है, जो पीरियड्स को रोक सकता है। अगर वह ऐसा करती हैं, तो वे जितने भी दिन मिशन पर हो, उन्हें ये पिल्स लेना होता है। हालांकि, यह पूरी तरह मिशन की अवधि, एस्ट्रोनॉट्स की च्वॉइस और डॉक्टरी सलाह पर निर्भर करता है। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की महिला अंतरिक्ष यात्री रिया ने एक बार इस बारे में बात की थी। उन्होंने बताया था कि अंतरिक्ष में पीरियड्स के साथ डील करना काफी मुश्किल है। स्पेस में टैम्पोन बदलने के लिए रिमाइंडर सेट करना और हाइजीन का ध्यान रखना आसान नहीं होता है। उन्होंने यह भी बताया था कि अगर लोग ऐसा सोचते हैं कि स्पेस में पीरियड ब्लड जीरो ग्रेविटी में तैरता है, तो ऐसा नहीं है। ज्यादातर फीमेल एस्ट्रोनॉट्स, स्पेस में पीरियड्स होने पर टैम्पोन का इस्तेमाल करती हैं।

रिसर्च में सामने आई थी यह बात

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स्पेस में जाने वाली फीमेल अंतरिक्ष यात्रियों को बेशक पीरियड्स से जुड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। एक रिसर्च में यह बात सामने आई थी कि अगर लंबे समय तक फीमेल एस्ट्रोनॉट, स्पेस में हैं, तो वह अपने साथ ज्यादा पिल्स भी नहीं ले जा सकती हैं क्योंकि स्पेस में जाते वक्त हर चीज का वजन मायने रखता है। ऐसे में कई एस्ट्रोनॉट्स, हार्मोनल आईयूडी या फिर इंजेक्शन्स का भी इस्तेमाल करती हैं।


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Image Credit: Twitter/Nasa

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