रामायण महाग्रंथ में शूर्पणखा के बारे में सभी जानते हैं। शूर्पणखा महान ऋषि विश्रवा और कैकसी की पुत्री थी। वह रावण, कुंभकरण और विभिषण की बहन भी थी। वह बहुत सुंदर और बड़ी नाखूनों वाली स्त्री थी। बचपन में सूर्पणखा का नाम मीनाक्षी था। क्योंकि उनकी आंखे मछली के समान थी। उसके बाद उन्हें चंद्रमुखी के नाम से जाना जाने लगा।
शूर्पणखा का नाखून बहुत लंबे थे। इसलिए उन्हें सभी लोग शूर्णणखा के नाम से बुलाते थे, लेकिन क्या आप शूर्पणखा के श्राप के बारे में जानते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भाई रावण को बहन शूर्पणखा ने श्राप दिया था।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
भाई रावण ने की थी बहन के पति की हत्या
रामायण के मुताबिक रावण के बहन शूर्पणखा भी भाई रावण का सर्वनाश चाहती थी। इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण था। बता दें, शूर्पणखा के पति का वध खुद उसका भाई रावण ने किया था। शूर्पणखा के पति का नाम विद्युतजिव्ह था। वह कालकेय नाम के राजा का सेनापति था। जब रावण विश्व विजय पर निकला तो कालकेय से उसका युद्ध हुआ। इस युद्ध के दौरान उनका सामना शूर्पणखा के पति से भी हुआ था। युद्ध में रावण ने विद्युतजिव्ह का भी वध कर दिया। तब शूर्पणखा ने मन में रावण को श्राप दिया कि मेरे कारण ही तेरा सर्वनाश होगा।
इसे जरूर पढ़ें - Ramayan Facts: जानें श्री राम के भाई भरत और शत्रुघ्न किसके अवतार थे
जब वनवास में सीता से मिलने पहुंची शूर्पणखा
रामायण में रावण का सर्वनाश होने के बाद शूर्पणखा ने सीता का पीछा नहीं छोड़ा था। जब भगवान श्री राम (भगवान श्री राम मंत्र) ने एक धोबी द्वारा माता सीता पर आक्षेप लगाने के बाद सीता को त्याग दिया था। तब माता सीता ऋषि वाल्मिकी के आश्रम में रहने लगी। इस दौरान शूर्पणखा को सीता के वनवास का पता चला था और वह उनसे मिलने आई थी।
इसे जरूर पढ़ें - Ramayan Facts: राम-रावण युद्ध के बाद क्या हुआ था वानर सेना का?
शूर्पणखा ने माता सीता को कहा कि जो अपमान तुम्हारे पति और देवर ने मेरा किया था। तुम्हे उसी की सजा मिल रही है। इस पर माता सीता ने कहा कि उसके इस प्रतिशोध की आग में रावण का रुल नष्ट हो चुका है। तभी इस बात से शूर्पणखा को बड़ी ग्लानि हुई और वह वहां से चली गई।
शूर्पणखा की नाक इस जगह कटी थी
ग्रंथों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि रावण की बहन शूर्पणखा ने पंचवटी में राम-लक्ष्मण के सामने विवाह (विवाह के लिए उपाय) का प्रस्ताव रखा था और देवी सीता को मारने की कोशिश भी की थी। तब लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दी थी। तभी इस बात का बदला लेने के लिए रावण ने सीता का हरण किया था। सूर्पणखा की नाक जिस जगह कटी थी। वह क्षेत्र नासिक के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों