
हिंदू धर्म में किसी भी अन्य पर्व की ही तरह तुलसी विवाह का भी विशेष महत्व है। इस दिन तुलसी के पौधे का विवाह शालिग्राम से करने का विधान है। इस पर्व को धूम-धाम से मनाया जाता है। तुलसी विवाह एक पवित्र और शुभ अनुष्ठान माना जाता है। यह विवाह हर साल देवउठनी एकादशी या कार्तिक माह की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है।
इस दिन माता तुलसी को दुल्हन की तरह सजाया जाता है और वर के रूप में भगवान शालिग्राम से विवाह रचाया जाता है। इस अनुष्ठान में कई तरह की पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है और विधि-विधान से पूजन किया जाता है। अगर आप भी घर में तुलसी पूजन का आयोजन कर रही हैं और तुलसी की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री के बारे में जानकारी लेना चाहती हैं तो ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें तुलसी विवाह की पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में विस्तार से।

तुलसी विवाह की पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का पूजा के लिए विशेष महत्व है। यहां कुछ प्रमुख पूजा सामग्रियों के बारे में जानें-
यह भी पढ़ें: Tulsi Vivah Bhog 2024: तुलसी विवाह पर माता तुलसी को क्या भोग लगाएं?

तुलसी विवाह का आयोजन किसी भी हिंदू विवाह की ही तरह होता है और इसमें सभी वैवाहिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। इस विवाह की प्रक्रिया में सबसे पहले तुलसी के पौधे और शालिग्राम की मूर्ति को सजाया जाता है। विवाह के लिए पूरा मंडप उसी तरह से सजाया जाता है, जैसे किसी अन्य विवाह में। तुलसी माता को साड़ी या लाल चुनरी पहनाई जाती है और भगवान शालिग्राम को पीले वस्त्रों से सजाया जाता है।

तुलसी विवाह का महत्व विशेष रूप से हिंदू धर्म में है। ऐसी मान्यता है कि इस पूजा से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। तुलसी विवाह का आयोजन करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी मानी जाती है जो अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाना चाहते हैं।
इस दिन घर में तुलसी विवाह आयोजित करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है और आपसी मतभेदों से मुक्ति मिलती है। तुलसी विवाह की धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता तुलसी का जन्म एक असुर कन्या वृंदा के रूप में हुआ था। भगवान विष्णु ने छल पूर्वक वृंदा के पति जालंधर का वध करवाया जिससे क्रोधित होकर वृंदा ने विष्णु जी को पत्थर का बनने का श्राप दिया और भगवान विष्णु ने वृंदा का सम्मान करते हुए उन्हें तुलसी के रूप में स्थान दिया और उनसे विवाह किया।
घर में तुलसी विवाह करने से शांति और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही, यह मान्यता भी है कि जिनके विवाह में देरी हो रही हो, उनका इस पूजन का आयोजन करने से शीघ्र विवाह के योग बन सकते हैं।
अगर आप भी अपने घर में तुलसी विवाह का आयोजन करती हैं तो यहां बताई सामाग्री को पहले से ही इकठ्ठा कर लें और विधि-विधान के साथ पूजन करें। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Images: Freepik.com
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।