जिन्दगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है‘ फिल्म मिस्टर इंडिया का यह गाना जिन्दगी की सच्चाई को चरितार्थ करता है। जीवन में आपको हरदम सफलता ही मिले, यह जरूरी नहीं है। ंकभी-कभी कठिन परिश्रम करने के बाद भी लोगों को हार का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोग फेलियर से निराश हो जाते हैं।
यह सच है कि जब आपको जीवन में अपनी उम्मीद के मुताबिक नहीं मिलता या फिर आपको किसी भी चीज में फेलियर का सामना करना पड़ता है, तो मन में एक दुख व निराशा होती हैं। फिर चाहे बात स्कूल के मॉर्क्स की हो या फिर करियर की। हालांकि, फेलियर से ज्यादा इस बात के मायने होते हैं कि आप उसके बाद की स्थिति को किस तरह से हैंडल करते हैं। इसलिए, रूक जाना नहीं, तू कहीं हार के, कांटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के-
अक्सर यह होता है कि जब लोगों को जीवन में असफलता का सामना करना पड़ता है तो वह खुद को कोसना शुरू कर देते हैं। उन्हें लगता है कि वह इस काबिल ही नहीं हैं कि जीवन में सफलता हासिल कर सकें। खुद के प्रति यह अप्रोच ना केवल आपको नकारात्मक बनाती है, बल्कि सफलता से भी कोसों दूर करती है। इसलिए अगर आपको उम्मीद के अनुसार फल नहीं मिलता है तो ऐसे में आप खुद को कोसने की जगह उन कारणों पर गौर करें, जिसके कारण आपको उम्मीद के अनुसार परिणाम नहीं मिले। जब आपको अपनी कमियों का पता होगा तो आप उसे दूर करके सफल होने की राह पर कदम बढ़ा सकते हैं।
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कुछ लोगों की यह शिकायत होती है कि वह बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी सफलता उनसे दूर भागती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वह स्मार्ट वर्क से ज्यादा हार्ड वर्क पर जोर देते हैं। मेहनत का फल पाने के लिए एनर्जी को सही दिशा में लगाना जरूरी होता है। मसलन, अगर एक बच्चा पेपर (परीक्षा में सफलता के लिए वास्तु टिप्स)से पहले दिन रात केवल पढ़ाई ही करता है, तो हो सकता है कि जब उसके सामने पेपर आए तो वह पूरी तरह से ब्लैंक हो जाए। इसलिए चीजों को रटने से ज्यादा कॉन्सेप्ट को समझने पर फोकस किया जाना चाहिए, तभी सफलता आपके कदम चूमेगी।
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शायद यह कॉन्सेप्ट आपको थोड़ा अजीब लगे, लेकिन हार के बाद भी खुद को एक ट्रीट देना बेहद आवश्यक होता है। यह कई मोर्चों पर काम करता है। सबसे पहले तो आप खुद से यह कहें कि इस असफलता ने आपको अपनी खामियों पर काम करने का मौका दिया है। जिसका अर्थ है कि अब तक आप केवल बेहतर काम कर रहे थे, लेकिन अब सफलता पाने के लिए आपको अपना बेस्ट देना होगा। इस तरह आप खुद को अधिक बेहतर तरीके से एक्सप्लोर कर पाएंगे। इसके अलावा, जब आप खुद को एक ट्रीट देते हैं, तो यह आपके मन की नेगेटिविटी को दूर करता है और आप एक नई एनर्जी के साथ अपने काम में जुट जाते हैं। इस तरह भी आप खुद को अधिक बेहतर तरीके से काम करने के लिए मोटिवेट कर सकते हैं।
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अगर आप असफलता के बाद सफलता का स्वाद चखना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखना बेहद आवश्यक हो जाता है। कुछ लोग जब असफल हो जाते हैं तो उसे स्वीकार ही नहीं करना चाहते हैं। ऐसे में वह अपनी हार की जिम्मेदारी खुद लेने के स्थान पर दूसरों की गलतियां निकालनी शुरू कर देते हैं। लेकिन अपनी हार का ठीकरा दूसरे के सिर फोड़ना बिल्कुल भी उचित नहीं कहा जाता। दरअसल, जब आप ऐसा करते हैं तो इसका सीधा सा अर्थ होता है कि आप अपनी कमियों को देखना ही नहीं चाहते और जब आप अपनी कमियों को समझकर उसे स्वीकार नहीं करेंगे तो उस पर काम भी नहीं कर पाएंगे। इस तरह आप अपनी सफलता के द्वार खुद ही बंद कर देंगे।
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