हर कंपनी में काम करने के अपने नियम होते हैं। इसलिए, जब भी हम किसी कंपनी को ज्वॉइन करते हैं तो हमें उनके नियमों का पालन करना होता है। कंपनी का हर कर्मचारी उन नियमों का सम्मान व पालन करें, इसके लिए कंपनी एप्लाइमेंट कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाती है। जॉब ज्वॉइन करते हुए उस कॉन्ट्रैक्ट को साइन करना होता है। अमूमन यह देखने में आता है कि हम बिना सोचे समझे उस कॉन्ट्रैक्ट को साइन कर देते हैं, जबकि साइन करने से पहले कंपनी के नियमों के बारे में सही तरह से जानकारी होना बेहद जरूरी है।
कई बार कुछ कंपनियों के ऐसे नियम होते हैं, जिसके बारे में कर्मचारी को पता नहीं होता है और फिर बाद में उसे समस्या का सामना करना पड़ता है। इसलिए, एप्लाइमेंट कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, जिसके बारे में आज हम आपको इस लेख में बता रहे हैं-
जॉब टाइटल
हो सकता है कि शायद आप इस ओर ध्यान ना दें, लेकिन आपका जॉब टाइटल भी आपके करियर को काफी प्रभावित कर सकता है। इसलिए, हमेशा कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से पहले अपने जॉब टाइटल को एक बार जरूर चेक करें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आपका जॉब टाइटल आपके द्वारा किए जा रहे काम को अच्छी तरह दर्शाता है। गलत जॉब टाइटल बाद में आपके लिए समस्या की वजह बन सकता है। यदि आवश्यक हो तो इस बारे में बातचीत करें, और यह सुनिश्चित करें कि आपको जो टाइटल दिया जा रहा है वह आपको क्यों दिया जा रहा है।
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जॉब डिस्क्रिप्शन
हालांकि, सभी कॉन्ट्रैक्ट में जॉब डिस्क्रिप्शन की जानकारी नहीं होती है, लेकिन फिर भी आपको उसे एक बार जरूर चेक करें। यह सुनिश्चित करें कि यह न तो बहुत सीमित हो और न ही बहुत विस्तृत। अगर जॉब डिस्क्रिप्शन में गड़बड़ होती है तो ऐसे में आपको बाद में काम के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं अगर आपके कॉन्ट्रैक्ट में जॉब डिस्क्रिप्शन के बारे में नहीं बताया गया है तो ऐसे में आप साइन करने से पहले एक बार अपने जॉब रोल्स के बारे में चर्चा कर लें।
सैलरी और बोनस
कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से पहले आपको सैलरी और बोनस आदि के बारे में भी विस्तार से पढ़ लेना चाहिए। आप यह जरूर सुनिश्चित करें कि कॉन्ट्रैक्ट में वही सैलरी हो, जिस पर आपने बातचीत की थी। साथ ही साथ, आपको यह भी पता होना चाहिए कि आपको पैसों का भुगतान कैसे और कब किया जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट में इन्सेटिव्स से लेकर पेड बोनस, हेल्थ बेनिफिट्स व कंपनी द्वारा उठाए जाने वाले अन्य खर्चों की जानकारी भी आपको ध्यान से पढ़नी चाहिए।
काम के घंटे और ओवरटाइम
कॉन्ट्रैक्ट साइन करते हुए आपको एक बार अपने काम के घंटों और ओवरटाइम आदि के बारे में भी जान लेना चाहिए। एक बार यह चेक करें कि क्या कंपनी में ओवरटाइम करने का रूल भी है। साथ ही साथ, ओवरटाइम काम के लिए मुआवजे या टाइम-ऑफ पॉलिसीज को समझने की कोशिश करें।
टर्मिनेशन क्लॉज
अमूमन कॉन्ट्रैक्ट पर टर्मिनेशन क्लॉज के बारे में लिखा होता है। इसलिए, आप कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से पहले नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए टर्मिनेशन क्लॉज को ध्यान से पढ़ें। भविष्य में यह टर्मिनेशन क्लॉज आपके लिए परेशानी की वजह भी बन सकता है। टर्मिनेशन क्लॉज में नोटिस पीरियड से लेकर अन्य कंडीशन को गहराई से समझने की कोशिश करें।
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Image Credit- freepik
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