भगवान कृष्ण के जन्मदिन को पूरे देश में उत्साह से मनाया जाता है। इस समय में देश भर के मंदिरों में सजावट का कार्यक्रम चल रहा है और कई तरह की सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। इस मौके पर देशभर में स्थित इस्कॉन टेंपल्स में विशेष रौनक देखने को मिलती है। अगर बेंगलुरु के जन्माष्टमी उत्सव की बात करें तो यहां भी इस फेस्टिवल को मनाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस बार कान्हा को सजाने के लिए 20 लाख की ज्वैलरी का इस्तेमाल किया गया है। पूरे मंदिर को खूबसूरत लाइट्स से सजा दिया गया है। वहीं मंदिर को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है। इस मौके पर मंदिर के भंडार के लिए कई ट्रक सब्जियां, अनाज और फल आ गए हैं।
108 तरह का प्रसाद का चढ़ेगा भोग
जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के पैदा होने की खुशी में कई तरह के पकवान तैयार किए जा रहे हैं। भक्तगण इन्हें पूरी श्रद्धा के साथ तैयार कर रहे हैं।
इसे जरूर पढ़ें:राशि के अनुसार इस तरह करें लड्डू गोपाल का श्रृंगार
इस मौके पर कई टन मिठाइयां दर्शन करने वाले भक्तों को बांटी जा रही हैं, जो इस शुभ मौके पर श्रीकृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस मौके पर एक लाख लड्डू और एक लाख दोने खिचड़े का प्रसाद बांटा जाएगा।
भगवान कृष्ण के महाभिषेक में 108 नदियों का जल इस्तेमाल होगा
मंदिर के एक और भाग में ब्रास के कई तरह के लैंप रखे गए हैं, जिन्हें भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना के दौरान इस्तेमाल किया जाएगा। नन्हे कान्हा को स्नान कराने के लिए भी भक्तगणों ने पूरी तैयारियां कर ली हैं।
कलश को पवित्र कलावे से बांध दिया गया है और इन्हें जल से भर दिया गया है। इस पानी की शुद्धि के लिए इनमें लॉन्ग, इलाएची, केसर, तुलसी और गुलाब की पत्तियां डाली गई हैं।
भगवान कृष्ण की आराधना के लिए सजे कलश को ऊपर से नारियलों से ढंका गया है। सूत्रों के अनुसार भगवान कृष्ण का महाभिषेक करने के लिए 108 नदियों का जल, 108 तरह की औषधियां, 15 प्रकार के फलों का रस और 35 तरह के फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसे जरूर पढ़ें:घर पर ही बनाएं टेस्टी सूजी के लड्डू और लगाएं भगवान को भोग, जानें इसकी रेसिपी
पुष्प वर्षा का नजारा होता है अद्भुत
भगवान के जन्म के विशेष अवसर पर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में विशेष व्यवस्था की गई है। मध्य रात्रि में जब कान्हा जन्म लेंगे तो उन पर सुगंधित तेलों का लेप लगाया जाएगा। साथ ही उन्हें दूध, दही, घी, शहद और ताजा जूस का सेवन कराया जाएगा। इसके बाद उन पर हल्दी लगाई जाएगी और उन्हें गंगा के पवित्र जल से स्नान कराया जाएगा। इसके बाद भगवान पर पुष्प वर्षा होगी। जब चारों तरफ से भक्तगण पुष्प की वर्षा करते हैं तो वह नजारा अपने आप में अद्भुत होता है। इस्कॉन बेंगलुरु में जन्माष्टमी का यह उत्सव 23 अगस्त से शुरू होकर 24 की मध्य रात्रि तक चलेगा। इस कार्यक्रम की पूरी जानकारी इस्कॉन की वेबसाइट iskconbangalore पर देखी जा सकती है।
Image Courtesy: Iskon Banglore
HerZindagi Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों