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नरक चतुर्दशी में क्यों होती है इन 6 देवताओं की पूजा, क्या है इसका महत्त्व

नरक चतुर्दशी में इन सभी देवताओं की पूजा से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। 
Editorial
Updated:- 2020-11-11, 17:03 IST

दिवाली का त्यौहार 5 दिनों तक मनाया जाता है जिसमें सबसे पहले धनतेरस होता है और भाई दूज के साथ इस त्यौहार का समापन हो जाता है। इसी श्रृंखला में धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी का त्योहार आता है जिसका विशेष महत्त्व है। धनतेरस के अगले दिन और दिवाली के एक दिन पहले मनाये जाने वाले इस त्यौहार में मुख्य रूप से यम देवता की पूजा का चलन है लेकिन इस त्यौहार में अन्य देवताओं की पूजा से भी विशेष लाभ मिलता है। आइये जानें नरक चतुर्दशी में किन 6 देवताओं की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। 

यम भगवान की पूजा 

नरक चतुर्दशी के दिन मुख्य रूप से यम भगवान या यमराज की पूजा का विधान है। नरक चतुर्दशी की रात मुख्य रूप से घर की दहलीज पर दीपक जलाया जाता है। यह दीपक सरसों के तेल का होना चाहिए। इस दिन यम की पूजा करने से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है।  

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काली माता की पूजा

kali mata

नरक चतुर्दशी में आधी रात को काली माता की विशेष पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन मां काली की पूजा से जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाता है। इसी वजह से इस त्यौहार को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। 

 

कृष्ण भगवान की पूजा 

lord krishna

नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था। इसलिए इस दिन भगवान् श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्त्व है।   

शिव जी का पूजन 

lord shiva

नरक चतुर्दशी के दिन को शिव चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान् शिव को पंचामृत अर्पित करने के साथ माता पार्वती की भी विशेष पूजा की जाती है। मान्यतानुसार शिव पार्वती का पूजन विशेष फलदायी होता है। 

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हनुमान जी की पूजा

lord hanuman

मान्यताओं के अनुसार इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है। 

वामन देव की पूजा

नरक चतुर्दशी के दिन वामन पूजा का विशेष महत्त्व है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन राजा बलि को भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण करके आशीर्वाद प्रदान किया था। 

 

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Image Credit:  free pik and Pinterest 

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