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should we bath in standing position

बैठकर नहाना चाहिए या खड़े होकर, जानें ज्योतिष से

ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि नहाना ही तो है, कैसे भी नहा लो क्या ही फर्क पड़ता है। तो बता दें कि नहाना सिर्फ एक क्रिया नहीं है बल्कि इससे आपके ग्रह जुड़े हुए हैं। सिर्फ अपने नहाने के तरीके में ही बदलाव करने से आपको कई पॉजिटिव इफेक्ट्स नजर आने लगेंगे।
Editorial
Updated:- 2025-02-11, 15:08 IST

आप में से बहुत लोग बाथरूम में खड़े होकर शॉवर के नीचे नहाते होंगे। वहीं, बहुत से लोग बैठकर स्नान करते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र और हिन्दू धर्म ग्रंथों में स्नान का सही तरीका क्या है। अब आप कहेंगे कि नहाना ही तो है तो कैसे भी नहा लो क्या ही फर्क पड़ता है। तो बता दें कि नहाना सिर्फ एक क्रिया नहीं है बल्कि इससे आपके ग्रह जुड़े हुए हैं और आपके नहाने के तरीके से ही उन ग्रहों का शुभ-अशुभ प्रभाव आपको जीवन में देखने को मिलता है। यकीन मानिए अगर आप सिर्फ अपने नहाने के तरीके में ही बदलाव कर लेते हैं तो आपको कई पॉजिटिव इफेक्ट्स जीवन में नजर आने लगेंगे। तो चलिए जानते हैं इस बारे में डिटेल से ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा।

खड़े होकर या बैठकर, कैसे नहाना सही है? (Standing Or Sitting, In Which Position We Should Take Bath)

ज्योतिष शास्त्र और हिन्दू धर्म ग्रंथों में इस अबत का उल्लेख मिलता है कि खड़े होकर सिर्फ और सिर्फ तब नहाना चाहिए जब आप पवित्र नदियों में स्नान के लिए जाएं। अन्यथा घर में बैठकर नहाना ही सही माना गया है।

khade hokar ya baith kar kaise nahana chahiye

जो लोग घर में खड़े होकर नहाते हैं उन्होंने खुद ही महसूस किया होगा कि नहाने के बाद भी मन में ताजगी महसूस नहीं होती है, अजीब मायूसी रहती है या फिर नहाकर निकलने के थोड़ी देर बाद ही आलस्य आने लगता है।

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ऐसा इसलिए होता है क्योंकि खड़े होकर नहाने से शरीर में से सिर्फ नकारात्मक ऊर्जा ही नहीं बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी निकल जाती है। वहीं, बैठकर नहाने से शरीर के बाहर सिर्फ नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

kya baith kar nahana sahi hai

इसके अलावा, खाए होकर नहाने से राहु ग्रह कमजोर होता है। राहु के कमजोर होने पर व्यक्ति को हमेशा आलस्य, उदासी और तनाव का आभास होता रहता है। राहु का दुष्प्रभाव व्यक्ति के मन में चिंता पैदा करता है।

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यही कारण है कि पहले के समय में खड़े होकर मात्र नदियों में स्नान किया जाता था ताकि राहु का दुष्प्रभाव न पड़े और पवित्र नदी के जल से शरीर को दिव्य ऊर्जा प्राप्त हो सके। वहीं, बैठकर स्नान करने से राहु मजबूत होता है।

kya khade hokar nahana sahi hai

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