(shardiya navratri 2023) हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि मनाने की परंपरा है। वहीं इस साल दिनांक 15 अक्टूबर से लेकर दिनांक 23 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाएगी।
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसकी शुरुआत प्रतिपदा तिथि से होती है और इस दिन घटस्थापना करके माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति मां दुर्गा की सच्चे मन से उपासना करता है।
उसके सभी काम सिद्ध हो सकते हैं और जीवन में चल रही परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शारदीय नवरात्रि के दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योगों में पूजा करने से दोगुने फल की प्राप्ति हो सकती है।
ऐसे में इस दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है। इसके बारे में जानना जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ योग का निर्माण होने जा रहा है। इस दिन बब करण योग बन रहा है। यह योग शुभ कार्य करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इस दिन मां दुर्गा (मां दुर्गा मंत्र) की उपासना करने से अक्षय फल की प्राप्ति हो सकती है। इसके बाद बालव करण योग का निर्माण होगा। इस योग में कोई भी काम करने से सफलता जरूर मिलती है।
ज्योतिष पंचांग के हिसाब से आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी कि दिनांक 15 अक्टूबर को सुबह 06:21 मिनट से लेकर सुबह 10:12 मिनट तक कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना किया जा सकता है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 मिनट से लेकर 12:30 मिनट तक है। इस अवधि में कलश स्थापना कर सकते हैं।
यह विडियो भी देखें
इसे जरूर पढ़ें - Shardiya Navratri 2023: कब से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि? जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
शारदीय नवरात्रि के दिन कलश स्थापना करने से सामग्री के बारे में जानें।
नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें । कलश स्थापना के लिए एक मिट्ची के पात्र में पवित्र मिट्टी रखें और उसमें जौ बोएं। बता दें, कलश स्थापना घर की ईशान कोण दिशा में करना बहुत शुभ माना जाता है। उसके बाद पूजा की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं। फिर मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा को रखें।
इसे जरूर पढ़ें - Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि में मां दुर्गा का इस वाहन पर होगा आगमन, जानें ज्योतिषीय प्रभाव
उसके बाद एक तांबे (तांबे के लोटे का उपाय) या फिर मिट्टी के कलश में गंगाजल भरकर उसमें सिक्का, अक्षत, सुपारी, दूर्वा घास, लौंग का जोड़ा डालें और कलश के मुख पर मौली जरूर बांधें। पश्चात कलश में आम के पत्ते लगाकर उसके ऊपर नारियल रखें। अब जौ वाले पात्र और कलश को मां दुर्गा की फोटो के दायीं ओर स्थापित करें। कलश स्थापना करने के बाद मां दुर्गा का आह्वान करें।
शारदीय नवरात्रि के दिन अगर आप कलश स्थापना कर रहें हैं, तो यहां बताई लेख को विस्तार से पढ़ें और अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit - Freepik
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।