
हिंदू पंचांग में योगों का बहुत महत्व होता है। इनमें से एक अत्यंत शुभ और शक्तिशाली योग है रवि योग। इस योग में किया गया कोई भी कार्य शुभ फल देता है और व्यक्ति को सफलता, आत्मविश्वास और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हमने इस योग के बारे में मध्य प्रदेश छिंदवाड़ा निवासी पंडित एंव ज्योतिषाचार्य सौरभ त्रिपाठी से पूछा, तो वह बताते हैं, " यह योग सूर्यदेव की ऊर्जा से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें किए गए कार्यों में प्रकाश, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रभाव अधिक रहता है।"
रवि योग को सूर्य देव का विशेष योग कहा जाता है। यह योग तब बनता है जब सूर्य और चंद्रमा की स्थिति विशेष रूप से अनुकूल रहती है। इस समय की गई पूजा, साधना, दान या शुभ कार्य कई गुना फल प्रदान करते हैं। मान्यता है कि इस योग में किया गया कोई भी कार्य विघ्नरहित पूरा होता है और व्यक्ति के जीवन में उन्नति, सफलता और समृद्धि लाता है।
यह समय रवि योग का सबसे शुभ काल रहेगा। इस दौरान किए गए हर अच्छे कार्य में सफलता की संभावना अधिक रहती है। चाहे आप नया काम शुरू करना चाहते हों या कोई पूजा-पाठ करना चाहते हों, यह मुहूर्त बहुत शुभ रहेगा।
यदि आप किसी नए व्यापार, नौकरी, स्टार्टअप या प्रोजेक्ट की शुरुआत करने का सोच रहे हैं, तो यह योग आपके लिए बहुत ही शुभ रहेगा। इस समय किया गया नया कार्य सफलता की दिशा में आगे बढ़ता है और लंबे समय तक सकारात्मक परिणाम देता है।
रवि योग में पढ़ाई शुरू करना, नया कोर्स जॉइन करना या किसी नई स्किल को सीखना बेहद लाभकारी होता है। साथ ही, जो लोग शेयर बाजार या प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह समय शुभ माना जाता है।
अगर आप अपने नए घर में प्रवेश करने या भूमि पूजन का विचार कर रहे हैं, तो रवि योग में करना अत्यंत मंगलकारी रहेगा। इस योग में गृह प्रवेश करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
इस दिन अन्नदान, वस्त्रदान, भूमि दान या किसी जरूरतमंद की सहायता करना बहुत शुभ माना गया है। यह पुण्य कई गुना बढ़कर फल देता है। सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए गुड़, गेहूं या लाल वस्त्र का दान करना विशेष फलदायी रहता है।
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रवि योग के दिन बाल, नाखून या दाढ़ी कटवाने से बचना चाहिए। इससे सूर्य की कृपा में बाधा आती है और यह अशुभ माना जाता है।
इस दिन किसी का अपमान करने, झूठ बोलने या बुरा बोलने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। रवि योग में हमेशा सत्य बोलें, दूसरों का सम्मान करें और अपने व्यवहार को शांत रखें।
सुबह के समय तांबे के पात्र में जल लेकर उसमें लाल फूल, गुड़ और चावल डालें। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके “ॐ घृणि सूर्याय नमः” या “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जप करते हुए अर्घ्य दें। इससे जीवन में ऊर्जा, आत्मविश्वास और सफलता आती है।
रवि योग में सूर्यदेव की कृपा पाने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ। यह पाठ व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है और कठिन परिस्थितियों से उबरने में मदद करता है।
रवि योग के दिन लाल रंग से जुड़े वस्त्र, गेहूं या गुड़ का दान करने से दरिद्रता और असफलता के दोष समाप्त होते हैं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक स्थिरता आती है।
यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो ज्योतिषाचार्य की सलाह से माणिक्य धारण करना लाभदायक रहेगा। यह रत्न आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सम्मान बढ़ाने में मदद करता है।
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4 नवंबर 2025 को बन रहा रवि योग एक अत्यंत शुभ संयोग है। इस दिन सूर्यदेव की उपासना करें, उन्हें अर्घ्य अर्पित करें और दान-पुण्य करें। इससे न केवल आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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