खरपतवार हमारे बगीचे या पौधों के लिए एक बड़ी समस्या हो सकते हैं। ये न केवल पौधों के पोषक तत्वों को सोख लेते हैं बल्कि उनकी वृद्धि को भी बाधित करते हैं। अगर आप भी खरपतवार से परेशान हैं तो इन आसान टिप्स को फॉलो करके आप उनसे छुटकारा पा सकते हैं।
बरसात में पौधों के बीच कई खरपतवार निकल आते हैं। ये पौधे हमारे लिए तो हानिकारक नहीं होते हैं लेकिन अन्य पाथों को बढ़वार को जरूर घटा देते हैं। खाद का पोषण जो, पौधों को मिलना चाहिए वो खरपतवार अवशोषित कर लेते हैं, जिसके कारण पौधों की वृद्धि में कमी आ जाती है। इससे पौधों में कीट और अन्य बीमारियां भी आ सकती हैं। इसलिए समय रहते खरपतवारों को निकाल फेंकना ही पौधों के लिए सही होता है।
अपने बागीचे के लिए हमेशा अच्छे बीजों का चयन करें क्योंकि इसमें कुछ अवांछित बीज भी मिले हो सकते हैं। बेहतर होगा कि आप स्वयं के बीज ही लगाएं। अगर टमाटर, बैंगन जैसी सब्जियों के बीज बोना है, तो उनसे ही बीज निकालकर मिट्टी में बो सकते हैं। इसके अलावा हमेशा गोबर की सड़ी हुई पुरानी खाद और कंपोस्ट का ही प्रयोग करें, क्योंकि इसमें खरपतवार के निकलने की गुंजाइश बहुत कम होती है।
अपनी क्यारी में साथ दो या तीन पौधे लगाएं, जिसे कम्पनियन गार्डन कहते हैं। इससे कीटों को रोकने, मिट्टी को खनिज और पोषक तत्व प्रदान करने, खरपतवारों को दबाने जैसे कई लाभ मिलते हैं। लेकिन ध्यान रहे, कोई भी पौधा किसी भी पौधे के साथ नहीं लगा सकते हैं, जैसे- टमाटर के साथ अजवाइन, गाजर, गेंदा लगा सकते हैं, लेकिन मक्का या गोभी नहीं लगा सकते हैं।
खरपतवार को निकालने के बाद गमले या क्यारी में न छोड़ दें। उन्हें फौरन दूर फेंक दें। ताजी खरपतवार को जड़ सहित खींचकर निकाल दें। लेकिन कई बार उनको हाथों से उखाड़ने पर जड़ें मिट्टी में ही रह जाती हैं। खासतौर पर ऐसा तब होता है जब ने खरपतवार बड़ी हो गई हो और उसकी जड़ों ने मिट्टी पकड़ ली हो। ऐसे में उन्हें खींचकर निकालने के बजाय खुरपी या हंसिया आदि से ने निकालें। खरपतवार को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका है मल्चिंग। सूखे पत्तों, कार्डबोर्ड या फिर पुराने अखबार को मिट्टी के ऊपर बिछा दें। यह मल्चिंग 1-2 इंच के करीब न होनी चाहिए।
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पौधों की मिट्टी में कार्बनिक खाद का प्रयोग करें। इससे खरपतवार की वृद्धि बहुत कम होती जाएगी। न कार्बनिक खादों का प्रयोग भूमि में उगने वाली फसलों को पर्याप्त वायु संचार, भूमि संरचना व अनुकूल नमी बनाए रखने के लिए किया जाता है। साथ ही ऐसा करने से मिट्टी के अंदर होने वाली खरपतवार भी बहुत कम हो जाती हैं। इसलिए अपनी बगिया में हमेशा जैविक और कार्बन युक्त खादों का ही प्रयोग करें।
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खरपतवार को खत्म करने के लिए बेकिंग सोडे का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए घास पर इसका अच्छी तरह से छिड़काव कर दें। लेकिन ध्यान रखें ज्यादा बेकिंग सोडा, मिट्टी को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए केवल खरपतवार पर इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में डालें। गमलों और क्यारियों की निरंतर गुड़ाई करते रहें। गुड़ाई पौधों की वृद्धि के लिए अच्छी है। इसके साथ ही ने इससे खरपतवार भी दूर हो जाते हैं।
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