हमारे जीवन में पेड़-पौधों का महत्व बहुत ज्यादा है। यूं कहा जाए कि वे न केवल वातावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि जीवनयापन की सामग्रियां जैसे फल, अनाज, सब्जियां भी प्रदान करते हैं। यही नहीं पेड़-पौधे घर-परिवार में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आते हैं। हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में भी पौधों को विशेष स्थान दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि घर में कुछ पौधों को सही दिशा में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। यही कारण है कि घर में लगाए गए पौधों की देखभाल करना भी जरूरी होता है। पौधों की देखभाल का एक प्रमुख चरण उनमें पानी डालना होता है। पौधों को पानी देना उनकी सेहत के लिए अच्छा होने के साथ धार्मिक कारणों से भी शुभ माना जाता है। वैसे तो लोग पौधों में पानी सुबह के समय ही डालते हैं, लेकिन कई बार लोग पौधों पर रात के समय भी पानी देते हैं। लोग अपनी सुविधा के कारण रात को पौधों में पानी डाल देते हैं, लेकिन शास्त्रों और विज्ञान दोनों की दृष्टि से यह उचित नहीं माना जाता। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके कारणों के बारे में।
हिंदू धर्मग्रंथों और वास्तु शास्त्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पौधों में पानी सुबह या दिन के समय ही देना चाहिए। रात में पौधों में पानी डालना नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है और घर के सुख-समृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। ऐसा कहा जाता है कि रात के समय पौधे भी आराम करते हैं। शास्त्रों में पौधों को जीवित माना गया है। ऐसे में रात का समय विश्राम का होता है। यदि आप इस समय पौधों को पानी देती हैं तो उनकी वृद्धि प्रक्रिया प्रभावित होती है। यही नहीं ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा का ह्रास भी होता है।
वास्तु शास्त्र में पौधों को घर की ऊर्जा का प्रमुख स्रोत माना जाता है। इसी वजह से कुछ दिशाओं में अलग-अलग पौधे लगाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में रात में जब वातावरण शांत होता है, तब पौधों पर डाला गया पानी अक्सर ठहर जाता है और मिट्टी में नमी अधिक देर तक बनी रहती है। यह नमी घर में नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। वास्तु की मानें तो इससे घर की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है और मिट्टी में नमी से कई जीव-जंतु पनपने लगते हैं जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं।
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धार्मिक और शास्त्रीय मान्यताओं के अलावा वैज्ञानिक दृष्टि से भी रात के समय पौधों को पानी देना ठीक नहीं माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पौधे दिन के समय सूर्य की रोशनी से भोजन तैयार करते हैं और रात के समय यह प्रक्रिया बंद हो जाती है। ऐसे में रात में पानी देने से पौधों की वृद्धि धीमी हो सकती है। रात को डाला गया पानी लंबे समय तक मिट्टी में जमा रहता है, इससे मिट्टी में फंगस होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं।
शास्त्रों के अनुसार पौधों को पानी देने का सबसे शुभ और उपयुक्त समय सुबह सूर्योदय के बाद माना जाता है। गर्मियों में पौधों को शाम के समय भी पानी दिया जा सकता है, लेकिन सूर्यास्त से पहले ही पौधों को पानी दें। मुख्य रूप से तुलसी के पौधे में रात के समय पानी न दें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और धन हानि के योग बनाते हैं। आपको पानी हमेशा पौधों जड़ों के पास डालना चाहिए, जिससे पौधे पानी को सही तरीके से अवशोषित कर सकें।
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