Paris Paralympic 2024 Bhavina Patel: बचपन में हुईं पोलियो की शिकार, फिर भी न मानी हार.. टेबल टेनिस की ये महिला खिलाड़ी है कुछ खास

Bhavina Patel Success Story: भाविना पटेल ने पेरिस पैरालिंपिक में टेबल टेनिस महिला डबल्स 10 के क्वार्टर फाइनल में 1-3 से हार गईं, लेकिन उन्होंने पिछले साल पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए पहला मेडल जीता था। आइए उनकी सफलता की कहानी जानते हैं। 

bhavina patel story

Paris Paralympic 2024 Bhavina Patel Success Story: मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती, डूब के नौका कभी पार नहीं होती.. तब तक मेहनत करते रहो, जब तक लक्ष्य हाथ न लग जाए... ऐसी कई कहावते हैं टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल पर परफेक्ट बैठती हैं। इस महिला खिलाड़ी के साथ बचपन में एक हादसा हुआ था, जिसके कारण वह पोलियो पीड़ित हो गईं। काफी इलाज के बाद भी उनके पैर ठीक नहीं हो पाएं। इतने बड़े हादसे का शिकार होने के बाद भी भावना ने कभी अपने जीवन में हार नहीं मानी और वो भारत की एक अहम खिलाड़ी बन गईं। आइए इसी के साथ आज हम उनकी यहां तक के सफर की कहानी के बारे में जान लेते हैं।

मनोरंजन के लिए शुरू किया था टेबल टेनिस खेलना

bhavina patel success story

भाविना पटेल ने मनोरंजन के लिए व्हीलचेयर पर ही टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया था। इसके पीछे भी एक कहानी है। दरअसल, 12 साल की उम्र में, भाविना कंप्यूटर सीखने के लिए अहमदाबाद के वस्त्रपुर में ब्लाइंड पीपल्स एसोसिएशन में गई थीं। यहीं पर उनकी मुलाकात विकलांग बच्चों से टेबल टेनिस खेलते हुए हुई। बच्चों को देख उन्होंने भी इस खेल को अपनाने का फैसला कर लिया।

माता का मिला सपोर्ट

bhavina patel paris paralympic

भाविना ने इसके बाद टेबल टेनिस सीखना शुरू किया और जल्दी ही इसमें महारत भी हासिल कर ली। इस खेल को अपनाने के पहले ही साल में उन्होंने एक प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। अहम बात यह है कि खेल के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और संस्कृत में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

भाविना ने इसके बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दो दर्जन से ज्यादा पदक जीते। उनके माता-पिता ने भी उनकी इस यात्रा में मजबूती से खड़े रहे। आपको बता दें, भाविना के पिता हसमुख पटेल मेहसाणा के वडनगर तहसील के गांव में कटलरी की दुकान चलाते थें, जिसे उन्होंने बंद करने का फैसला किया, ताकि उनकी बेटी टोक्यो पैरालिंपिक के लिए ठीक से प्रशिक्षण ले सके।

इसे भी पढ़ें-महिलाओं के जोश और जज्बे की कहानी कहते हैं ओलम्पिक के ये पल, इतिहास के पन्नों में हमेशा रहेंगे दर्ज

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

Image credit- Herzindagi, Twitter

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP