नवरात्रि में देवी की पूजा के दौरान बरतेंगी ये सावधानियां तो मनोकामना होगी पूरी

नवरात्रि में देवी की पूजा के दौरान बरतेंगी ये सावधानियां तो मनोकामना होगी पूरी 

navratri devi durga right pooja vidhi by astrologer

आश्विन मास शुक्ल पक्ष की नवरात्री बड़े महत्व की होती है।इ समें नौ दिनों तक आद्याशक्ति भगवती का व्रत एवं पूजन समस्त प्रकार की संपत्तियों को देने वाला तथा तीनों तापों से छुड़ाने वाला होता है। इसके साथ ही इस मास में पड़ने वाली नवरात्रि में ऋतुओं में भी परिवर्तन होता है। जिससे मनुष्‍य विभिन्‍न्‍प्रकार के रोगों का शिकार हो जाता है। इस लिए से शुक्ल पक्ष की नवरात्रि को बहुत ही संयम और नियमों का पालन करते हुए बिताना चाहिए। फिलहाल HerZindagi.com से खास बातचीत में ज्‍योतिषाचार्य सोनिया मलिक और पंडित मनीष शर्मा ने बताया कि देवी जी का पुजन करने की सही विधि क्‍या होती है। यह विधि आप भी जान लीजिए।

navratri devi durga right pooja vidhi by astrologer

नारियल का महत्‍व

नारियल का नवरात्रि में बहुत महत्‍व होता है। हमेशा देवी पूजन के लिए 2 नारियल खरीदने चाहिए एक नारियल का घट पूजन के लिए कलश के उपर रखना चाहिए और एक नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर माता रानी के समीप रखना चाहिए। दूसरा नारियल रखते वक्‍त अपनी मनोकामना देवी को कहनी चाहिए। इस नारियल को मन्‍नत का नारियल कहा जाता है और इस पर मोली भी बांधी जाती है।

navratri devi durga right pooja vidhi by astrologer

मोली का महत्‍व

नवरात्रि की पूजा बिना मोली के संपन्‍न नहीं होती। नवरात्रि के पहले दिन आप बाजार से नई मोली लाएं और उसे कुछ देर के लिए देवी की तस्‍वीर के आगे रख दें। इसके बाद उस मोली में 9 गाठें लगाएं और उसे अपने हाथों में अपनी कलाई पर बांध लें। मोली को कलाई पर बांधते वक्‍त आपको यह मंत्र भी बोलना है, ‘सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम ।।’

कब करें स्‍थापना

प्रतिपदा में प्रात:काल जल्दी उठकर स्न्नादि से निवृत हो पवित्र स्थान पर घट स्थापना करनी चाहिए। प्रात:जल्दी ना कर पाए तो दोपहर में अभिजित मुहुत्र्त में स्थापना करनी चाहिए। इस व्रत को पति-पत्नि मिलकर करे तो श्रेष्ठ लाभ होता है।कलश के उपर देवी प्रतिमा की स्थापना कर उसका पूजन करने से देवी प्रसन्न होती है तथा पूरे परिवार को महामारी, दुर्घटनाओं, दरिद्रता से बचाती है।

navratri devi durga right pooja vidhi by astrologer

कुमारी पूजन

कुमारी पूजन नवरात्री का अनिवार्य अंग है। कुमारी जगदंबा का प्रत्यक्ष रूप है। कुमारी पूजन में तीन से लेकर नौ साल तक की बच्चीयों का ही पूजन करना चाहिए। इससे कम या ज्यादा उम्र वाली कन्याओं का पूजन वर्जीत है। अपने समर्थ के अनुसार नौ दिनों तक अथवा एक दिन कन्याओं का पैर धुलाकर विधिवत कुंकुम से तिलक कर भोजन ग्रहण करवाएं तथा दक्षिणादि देकर हाथ में पुष्प लेकर प्रार्थना करे, ‘जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरुपिणि।

पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तु ते।।’ तब वह पुष्प कुमारि के चरणों में अर्पण कर विदा करे।

विसर्जन है जरूरी

नौ दिनों के बाद 10वें दिन विसर्जन करना चाहिए। माता का विधिवत पूजन अर्चन कर ज्वारों को फेकना नही चाहिए। उसको परिवार में बांटकर सेवन करना चाहिए। इससे नौ दिनों तक ज्वारों में व्याप्त शक्ति हमारे भीतर प्रवेश करती है। ज्वारों के मात्र हरे भाग का सेवन पिसकर या सलाद बनाकर करने से डायबीटिज, कब्ज, पाईल्स, ज्वर एवं उन्माद आदि रोगों में लाभ होता है।

इन नौ दिनों में मार्कण्डेय पुराण, दुर्गाशप्तसती, देवीपुराण, कालिकापुराण आदि का वाचन या रामचरितमानस का पाठ, रामरक्षा का पाठ यथा शक्ति करना चाहिए।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP