बिना एक रुपया खर्च किए मधुमालती में लाएं बहार, बस डालें रसोई की ये जादुई चीजें

क्या आपके मधुमालती के पौधे में सिर्फ पत्ते ही पत्ते आ रहे हैं? क्या मधुमालती में फूल नहीं खिल रहे हैं? तो यहां हम ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिना एक रुपया खर्च किए बिना मधुमालती के पौधे में बहार ला सकते हैं। 
What to do for Madhumalti plant flowering

घर की बालकनी या छत पर मधुमालती का पौधा लगा हो तो वह अपने खूबसूरत फूलों और खुशबू से हर किसी का ध्यान अपनी तरप खींच ली लेता है। मधुमालती के पौधे की बेल होती है, जो तेजी से बढ़ती है और सीजन के दिनों में खूब सारे फूल देती है। लेकिन, कई बार पौधे पर सिर्फ पत्तियां ही पत्तियां लगती हैं। अगर आपने भी अपनी बालकनी या छत पर मधुमालती का पौधा लगाया है और उसनें फूल नहीं, सिर्फ पत्तियां आ रही हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, यहां हम ऐसे नेचुरल फर्टिलाइजर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से मधुमालती का पौधा तेजी से ग्रो तो करेगा ही और उसपर ढेरों फूल भी लग सकते हैं।

इन नेचुरल फर्टिलाइजर्स की खास बात यह है कि इन्हें बनाने में आपको जेब से एक्स्ट्रा पैसे खर्च नहीं करने होंगे। जी हां, आपकी किचन में पहले से ही मौजूद चीजों की मदद से यह नेचुरल फर्टिलाइजर बनकर तैयार हो जाएंगे। आइए, यहां जानते हैं कि बिना एक रुपया एक्स्ट्रा खर्च किए मधुमालती के पौधे पर किन नेचुरल फर्टिलाइजर से फूल खिल सकते हैं।

मधुमालती में फूल नहीं आ रहे हैं तो क्या करें?

natural fertilizers

मधुमालती के पौधे की केयर में सबसे जरूरी बात यह है कि इसे 6 से 8 घंटे की सीधी धूप चाहिए होती है। ऐसे में पौधे को ऐसी जगह लगाएं जहां डायरेक्ट धूप आए और गमले में पानी की निकासी के लिए भी जगह रखें।

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मधुमालती के पौधे में इन नेचुरल फर्टिलाइजर्स का करें इस्तेमाल

चावल का पानी

जब भी घर पर चावल पकाएं, तो उसका बचा पानी फेकें नहीं। बल्कि, एक कटोरे में निकालकर रख लें। पौधे में डालने से पहले सामान्य पानी इसमें मिला लें और घोल को पतला कर लें। फिर ही पौधे की जड़ में डालें। चावल के पानी में कार्बोहाइड्रेट्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो पौधे के विकास में मदद कर सकते हैं।

दाल का पानी

चावल की तरह ही जब घर पर दाल पकाएं, तो उसे धोने वाला पानी फेंके नहीं। इस पानी का इस्तेमाल मधुमालती के पौधे में करें। ऐसा करने से से पौधे और फूलों की ग्रोथ बढ़ सकती है।

प्याज के छिलके

दरअसल, प्याज के छिलकों में पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। इसका मधुमालती के पौधे की जड़ में इस्तेमाल करने से फूलों की ग्रोथ बढ़ सकती है। इसके लिए पहले प्याज के छिलकों को पानी में उबाल लें और फिर ठंडा कर लें। अब प्याज के छिलकों का पानी छन्नी से छान लें। इसके बाद इसे मधुमालती की पौधे में डाल सकती हैं।

अंडे के छिलके

egg shells for madhumalti plant

अंडे के छिलकों को कैल्शियम का स्रोत माना जाता है। इसका इस्तेमाल मधुमालती में करने से फूलों की ग्रोथ के साथ-साथ पौधा भी तेजी से ग्रो कर सकता है। इसके लिए अंडे के छिलकों को बारीक पीस लें और फिर मिट्टी में मिला सकती हैं।

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नीम की पत्तियों का पानी

अगर आपके मधुमालती में फूल नहीं आ रहे हैं, तो हो सकता है कि पौधे में कीट या कीड़े लग गए हों। ऐसे में नीम की पत्तियों का पानी एक नेचुरल फर्टिलाइजर की तरह आपकी मदद कर सकता है। मधुमालती की जड़ में डालने के लिए सबसे पहले 10 से 15 नीम की पत्तियां लें और उन्हें पानी में अच्छी तरह से उबाल लें। जब नीम की पत्तियों का पानी ठंडा हो जाए तो उसे छानकर अलग कर लें। इस पानी में थोड़ा सामान्य पानी मिलाकर पतला कर लें और अब चाहें तो इसे स्प्रे बोतल में डालकर पौधे में स्प्रे करें या फिर डायरेक्ट जड़ में भी डाला जा सकता है।

हालांकि, इस बात का खास ध्यान रहे कि मधुमालती के पौधे में 15 से 20 दिन में ही एक बार नेचुरल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्यादा फर्टिलाइजर का इस्तेमाल से पौधा खराब या गल सकता है।

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Image Credit: Freepik
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