हिंदू धर्म में तुलसी को सिर्फ एक साथारण पौधा नहीं माना जाता है। इसे पवित्रता, आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य का प्रतीक मानने के साथ-साथ हर भारतीय घर में इसकी पूजा भी जाता है। इसे हरिप्रिया और वृंदा जैसे नामों से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि तुलसी का पौधा घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। यही कारण है कि लोग इसे अपने आंगन या बालकनी में बड़ी श्रद्धा के साथ लगाते हैं और उसकी देखभाल करते हैं। बरसात का मौसम वैसे तो पौधों के लिए वरदान माना जाता है, क्योंकि इस दौरान उन्हें पर्याप्त पानी और नमी मिलती है। इसी मौसम में पौधे सबसे ज्यादा हरे-भरे दिखाई देते हैं। लेकिन, कई बार देखने को मिलता है कि भारी बारिश के बावजूद कुछ तुलसी के पौधे सूखने लगते हैं, उनकी पत्तियां पीली पड़ जाती हैं या वे मुरझाने लगते हैं। ऐसे में, कुछ लोग इसे अशुभ संकेत भी मानते हैं। अगर आपके घर की तुलसी भी बरसात के मौसम में सूखी या मुरझाई हुई दिख रही है और आप उसे फिर से हरा-भरा और जीवंत बनाना चाहती हैं, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम आपको एक ऐसा आसान और प्राकृतिक उपाय बताने जा रहे हैं, जिसमें आपको पूजा में इस्तेमाल की गई एक खास चीज का उपयोग करना है। इसे तुलसी की जड़ के पास चुपके से डालने पर आपका पौधा फिर से खिल सकता है। तो आइए जानते हैं कि कौन सी है यह जादुई चीज और इसे कैसे इस्तेमाल करना है।
तुलसी को हरा-भरा बनाने में कारगर है पूजा में इस्तेमाल हुई यह चीज
आपकी सूखी हुई तुलसी को फिर से जीवंत करने के लिए जिस खास चीज का इस्तेमाल करना है, वह है पूजा के बाद बचे हुए या पुराने फूल, जिन्हें अक्सर हम बेकार समझकर फेंक देते हैं। पूजा के बाद बचे हुए फूल तुलसी के पौधे के लिए एक उचित प्राकृतिक उर्वरक का काम करते हैं। माली ने बताया कि फूलों में, कई सूक्ष्म और मैक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम होते हैं, जो पौधों के विकास के लिए आवश्यक हैं।
ये मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ जोड़ते हैं, जिससे मिट्टी की संरचना में सुधार होता है। यह मिट्टी को अधिक हवादार बनाता है और पानी को बेहतर ढंग से बनाए रखने में मदद करता है। जब फूल मिट्टी में सड़ते हैं, तो वे मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों के विकास को बढ़ावा देते हैं। ये सूक्ष्मजीव मिट्टी में पोषक तत्वों को तोड़कर पौधों के लिए उन्हें अधिक सुलभ बनाते हैं। ये पूरी तरह से प्राकृतिक होते हैं और इनमें कोई हानिकारक रसायन नहीं होते, जिससे पौधा और पर्यावरण दोनों सुरक्षित रहते हैं। हालांकि, आपको इस्तेमाल करने का सही तरीका जरूर जान लेना चाहिए।
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तुलसी में फूलों वाला खाद डालने का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
अपनी सूखी तुलसी को हरा-भरा बनाने के लिए इस आसान तरीके को अपनाएं।
स्टेप 1- सबसे पहले, पूजा के बाद बचे हुए सूखे या हल्के मुरझाए हुए फूलों को इकट्ठा कर लें। ताज़े फूलों की तुलना में हल्के सूखे फूल बेहतर होते हैं क्योंकि वे जल्दी विघटित होते हैं।
स्टेप 2- फूलों को छोटे टुकड़ों में तोड़ लें या हाथ से मसल लें ताकि वे मिट्टी में आसानी से मिल सकें और जल्दी सड़ सकें।
स्टेप 3- तुलसी के पौधे की जड़ के आसपास की ऊपरी मिट्टी को धीरे-धीरे और सावधानी से ढीला करें। आप एक छोटी खुरपी या अपने हाथों का उपयोग कर सकती हैं। ध्यान रहे कि जड़ें क्षतिग्रस्त न हों। तने से थोड़ी दूरी (लगभग 1-2 इंच) पर ही काम करें।
स्टेप 4- अब, ढीली की गई मिट्टी में लगभग 1 से 2 चम्मच (या मुट्ठी भर) तैयार किए गए फूल के टुकड़े धीरे से डालें।
स्टेप 5- फूलों को डालने के बाद, उन्हें मिट्टी की ऊपरी परत के साथ हल्के से मिला दें। आप चाहें तो फूलों को मिट्टी की एक पतली परत से ढक भी सकती हैं।
स्टेप 6- फूल डालने के तुरंत बाद, पौधे को थोड़ा पानी दें। पानी देने से फूलों के पोषक तत्व मिट्टी में घुल जाएंगे और जड़ों तक पहुंच पाएंगे। हालांकि, बरसात के मौसम में यह भी ध्यान रखें कि मिट्टी में बहुत ज्यादा पानी न भरे, क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं।
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