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Krishna temple mathura

बिहारी जी के इस मंदिर में मिलता है मिट्टी के पेड़े का प्रसाद

 पेड़े के लिए प्रसिद्ध मथुरा नगरी में मावे के पेड़े आपने अलग-अलग तरीके के खाएं होंगे। लेकिन क्या आपने कभी मिट्टी के पेड़े खाकर देखे हैं।
Editorial
Updated:- 2023-06-08, 13:59 IST

जब भी कृष्ण नगरी मथुरा का नाम आता है तो सबसे पहले पेड़े ध्यान में आते हैं। यहां के पेड़े खाना और उन्हें साथ ले जाना कोई नहीं भूलता। लेकिन क्या आपने कभी मिट्टी के पेड़े खाएं हैं। अगर नहीं तो इस बार ब्रह्मांड बिहारी के मंदिर में जाकर एक बार इन पेड़े को जरूर चखें। ये खाने में काफी स्वादिष्ट होते हैं और श्रद्धालु इसे बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं। यहां की खास बात ये है कि, भगवान कृष्ण को भी इन्ही पेड़े का प्रसाद भोग के लिए चढ़ाया जाता है।

मिट्टी के पेड़ों को बड़े चाव से खाते हैं भक्त

Pede ka prasad

ऐसा कहा जाता है कि, ये वही स्थान है जहां पर मां यशोदा ने भगवान कृष्ण के मुंह से ब्रह्मांड के दर्शन किए थे। इसलिए इस मंदिर को ब्रह्मांड बिहारी कहा जाता है। यहां पर मिट्टी के बने पेड़े का भोग भगवान को चढ़ाया जाता है। इसी भोग को भक्त भी बड़े चाव से खाना पसंद करते है। ऐसा कहा जाता है कि, अगर कोई बच्चा मिट्टी खाता है तो उसे यहां के पेड़े खिलाएं जाते हैं। जिसे खाकर वो मिट्टी खाना छोड़ देता है।

यमुना नदी की मिट्टी से बनाए जाते हैं पेड़े

मिट्टी के पेड़े बनाने के लिए बरसात के मौसम में यमुना (यमुना नदी की उत्त्पति) के घाटों के पास से मिट्टी निकाली जाती है। इसके बाद इसे सुखाया जाता है फिर उसे कूटकर छाना जाता है। जब ये प्रक्रिया पूरी हो जाती है इसके बाद पेड़े बनाए जाते हैं। जो भी भक्त मंदिर में दर्शन करने आते हैं वो इन पेड़े के प्रसाद को भगवान को चढ़ाकर फिर इसे खाते हैं। इन पेड़े से जितनी भी आमदनी होती है उसे बिहारी जी की सेवा में लगा दिया जाता है।

इसी स्थान पर मां यशोदा ने किए थे ब्रह्मांड के दर्शन

Bramand bihari mandir

टीवी में और कहानी में अक्सर हमने सुना है कि, भगवान कृष्ण जब छोटे थे तो उन्हें मिट्टी खाई थी। जिसके बाद मां यशोदा ने उन्हें डांटा और मिट्टी निकालने की कोशिश की। इसी दौरान उन्होंने ब्रह्मांड के दर्शन किए थे। यही वो जगह है जहां भगवान कृष्ण ने ये लीला की थी। यहां पर भगवान कृष्ण का छोटे स्वरूप की मूर्ति इस मंदिर में विराजमान है। जिसकी हर दिन पूजा की जाती है और पेड़े का भोग लगाया जाता है।

मथुरा में ऐसे कई और मंदिर मौजूद हैं जो अपनी अलग-अलग कहानियों से प्रसिद्ध है। आपको भी एक बार इसके दर्शन करने जरूर जाना चाहिए।

 

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Image Credit- Ruchi soni

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