अगर ITR फाइल करते समय आप क्लेम करना भूल जाएं, तो क्या करें? जानिए इनकम टैक्स के नियम

कई बार टैक्सपेयर्स ITR फाइल करते समय इतनी जल्दबाजी या हड़बड़ी कर देते हैं कि वे टैक्स में मिलने वाली छूट (डिडक्शन) क्लेम करना भूल जाते हैं। अगर आपसे भी यह गलती हुई है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। हम आपको इस गलती को सुधारने का तरीका बता रहे हैं।
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भारत में हर नौकरीपेशा व्यक्ति, प्रोफेशनल और बिजनेस करने वाले के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना एक जरूरी जिम्मेदारी होती है। ITR फाइल करते समय आपको अपनी सालाना इनकम, इनकम के सोर्स, टैक्स डिडक्शन्स का फायदा उठाना और आयकर विभाग को कितना टैक्स लायबिलिटीज ये सब बताना होता है।

फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए, जिन लोगों को ऑडिट की जरूरत नहीं होती, उनके लिए ITR फाइल करने की तारीख 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी गई है। लेकिन, अगर आप इस समय-सीमा से चूक जाते हैं, तो आपको सेक्शन 234A के तहत ब्याज और धारा 234F के तहत देरी से फाइल करने का शुल्क लग सकता है।

वहीं, कुछ लोग जल्दी में ITR भरते समय उन टैक्स कटौतियों और छूट का दावा करना भूल जाते हैं, जिनका उन्हें अधिकार होता है। इसका नतीजा ये होता है कि उनका टैक्स ज्याजा कटता है और रिफंड भी कम आता है। अगर आप भी ITR फाइल करते समय टैक्स बेनिफिट क्लेम करना भूल गए हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है! इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको अपनी गलती सुधारने का पूरा मौका देता है।

हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं कि अगर आप ITR दाखिल करते समय टैक्स बेनिफिट का दावा करना भूल गए हैं, तो क्या होगा और उसे कैसे ठीक करें?

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ITR में टैक्स बेनिफिट क्लेम करना क्यों जरूरी है?

आम तौर पर, कई लोग आयकर रिटर्न दाखिल करते समय टैक्स छूट, जैसे- धारा 80C के तहत लाइफ़ इंश्योरेंस, PPF आदि का क्लेम करना भूल जाते हैं, और इसका सीधा असर आपकी टैक्सेबल इनकम पर पड़ता है। सरकार को लग सकता है कि आपकी इनकम ज्यादा है और आपको जरूरत से ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है। टैक्स बेनिफिट क्लेम नहीं करने की ये भूल आपको मुश्किल में डाल सकती है।

How to revise ITR for tax benefits

  • अगर आपने टैक्स ज्यादा भरा है, लेकिन छूट का दावा नहीं किया है, तो आपको रिफंड ज्यादा नहीं मिलेगा।
  • कभी-कभी लोग ITR फाइल करते समय टैक्स बेनिफिट्स क्लेम नहीं करते हैं, तो उनके पास नोटिस तक आ जाता है।
  • कई टैक्स बेनिफिट ऐसे होते हैं, जो आपको बचत करने में मदद करते हैं। अगर आप क्लेम करना भूल जाते हैं, तो आप फायदा उठाने से चूक जाते हैं।
  • लेकिन, अच्छी बात ये है कि आयकर विभाग Revised Return या Rectification रिक्वेस्ट जैसे विकल्प देता है, जिनकी मदद से आप अपनी गलती सुधार सकते हैं।

ITR फाइल करने के बाद अगर आप कोई टैक्स बेनिफिट क्लेम करना भूल जाएं, तो उसे कैसे सुधारें?

अगर आप जल्दबाजी या गलती में कोई टैक्स कटौती, जैसे- 80C, 80D या HRA आदि ITR में जोड़ना भूल गए हैं, तो घबराएं नहीं। इन तीन आसान तरीकों से आप इसे सही कर सकते हैं।

1. दोबारा नया फॉर्म भरें (अगर वेरिफाई नहीं किया है तो)

  • इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद, आपको उसे 30 दिनों के भीतर वेरिफाई करना होता है। बिना वेरिफिकेशन के आपकी फाइलिंग अधूरी मानी जाती है।
  • अगर आपने ITR वेरिफाई करने से पहले टैक्स बेनिफिट क्लेम नहीं किया है, तो आपको नया फॉर्म भरना होगा।
  • नए ITR फॉर्म में छूटी हुई कटौतियों को जोड़ना होगा। उसे ताजा रिटर्न की तरह दोबारा फाइल करना होगा और इस बार वेरिफाई जरूर करना होगा।

2. Revised Return (संशोधित रिटर्न) दाखिल करें

अगर आपका ITR पहले ही वेरिफाई हो चुका है, लेकिन आप टैक्स बेनिफिट क्लेम करना भूल गए हैं, तो आप उसे संशोधित कर सकते हैं।

इनकम टैक्स के सेक्शन 139(5) के अनुसार, आप फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए 31 दिसंबर 2025 तक संशोधन (रिवाइज्ड रिटर्न) कर सकते हैं।

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Revised Return भरने के स्टेप्स

  • सबसे पहले आपको इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट IncomeTax.gov.in पर लॉग इन करना होगा।
  • फिर e-File टैब पर जाकर क्लिक करना होगा और फिर Income Tax Return ऑप्शन को क्लिक करना होगा।
  • फिर आपके सामने File Income Tax Return का ऑप्शन आएगा और इसमें आपको Return filing section में जाकर Revised Return u/s 139(5) को चुनना होगा।
  • अपने ओरिजनल ITR की Acknowledgment Number और Date एंटर करनी होगी।
  • अब उस छूट/डिडक्शन को जोड़ें, जिसे पहले भूल गए थे।
  • फिर फॉर्म को सबमिट करना होगा और दोबारा ई-वेरिफाई करना होगा।

3. Rectification Request डालें

अगर आपकी संशोधित रिटर्न की समय-सीमा भी खत्म हो चुकी है, तो आप आयकर अधिनियम की धारा 154 के तहत Rectification Request डाल सकते हैं।

ITR correction for missed deductions

Rectification के लिए स्टेप्स

  • सबसे पहले आपको इनकम टैक्स की ऑफ़िशियल वेबसाइट IncomeTax.gov.in पर लॉग इन करना होगा।
  • फिर Services टैब पर टैप करना होगा और Rectification ऑप्शन को क्लिक करना होगा।
  • सही Assessment Year को चुनना होगा।
  • फिर, Mistake Reason में आपको Deduction Missed को चुनना होगा।
  • अब सही छूट/डिडक्शन की डिटेल्स को भरना होगा।
  • ज़रूरत पड़ने पर आप सपोर्टिंग डॉक्युमेंट्स भी लगा सकते हैं।
  • फिर रिक्वेस्ट को सबमिट करना होगा।
  • आपको बता दें कि Rectification का इस्तेमाल सिर्फ साधारण गलती या साफ-साफ हुई भूल को सुधारने के लिए किया जाता है।

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Image Credit - freepik
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