Paris Olympics 2024: निशानेबाज मनु भाकर ने रचा इतिहास, पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के नाम किया पहला ब्रॉन्ज मेडल

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के साथ महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को पेरिस ओलंपिक में जीत दिलाई।

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मनु भाकर ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं हैं, जिससे निशानेबाजी में ओलंपिक मेडल के लिए 12 साल का इंतजार खत्म हुआ।

मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं मनु भाकर

मनु भाकर ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। मनु भाकर ने रविवार को पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के साथ महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को पेरिस ओलंपिक में बढ़त दिलाई। इस उपलब्धि ने न केवल भारतीय निशानेबाजी बल्कि सभी भारतीय महिला खिलाड़ियों के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बन गया है।

मनु, जो क्वालीफिकेशन राउंड में कुल 580 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहकर ओलंपिक में निशानेबाजी स्पर्धा के फाइनल राउंड में प्रवेश करने वाली तीसरी भारतीय महिला बनीं, मनु ने फाइनल में 221.7 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया और ब्रॉन्ज मेडल जीता।

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विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में कांस्य पदक जीता

मनु भाकर की इस जीत से भारत के लिए निशानेबाजी में ओलंपिक पदक का 12 साल का इंतजार खत्म हुआ है। इससे पहले, भारत ने 2012 लंदन ओलंपिक में विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में कांस्य पदक जीता था। मनु भाकर अभी बहुत युवा हैं और उनके पास अभी भी कई और ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की क्षमता है। उनकी इस जीत से भारतीय खेलों के भविष्य के लिए उम्मीदें बढ़ गई हैं।

दक्षिण कोरिया की किम येजी पर 0.1 अंक की बढ़त के साथ सिल्वर मेडल की दौड़ में थीं, लेकिन अंतिम शॉट में भारतीय खिलाड़ी ने 10.3 अंक हासिल किए, जबकि कोरियाई खिलाड़ी ने 10.5 अंक हासिल कर सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया।

हरियाणा के झज्जर से ताल्लुक रखने वाली हैं मनु भाकर

हरियाणा के झज्जर से ताल्लुक रखने वाली मनु ने बचपन से ही खेलों के प्रति गहरा लगाव दिखाया। टेनिस, स्केटिंग, बॉक्सिंग और थांग ता जैसी विभिन्न खेलों में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। मनु भाकर की कहानी, एक युवा प्रतिभा की कहानी है जो अपनी लगन और दृढ़ संकल्प के बल पर ऊंचाइयों को छू रही है।

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2016 में, रियो ओलंपिक ने मनु को गहराई से प्रभावित किया और उन्होंने शूटिंग को अपना जुनून बना लिया। मात्र 14 साल की उम्र में, उन्होंने अपने पिता को मनाकर एक स्पोर्ट्स पिस्टल खरीद ली और इस खेल में अपना करियर बनाने का फैसला कर लिया।

मनु की सफलता की कहानी 2017 में शुरू हुई जब उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में 242.3 के रिकॉर्ड-तोड़ स्कोर के साथ ओलंपियन हीना सिद्धू को हराकर राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप का खिताब जीता। इतनी कम उम्र में एक अनुभवी खिलाड़ी को हराकर मनु ने सभी को चौंका दिया और भारतीय निशानेबाजी में एक नया सितारा बनकर उभरीं।

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यह जीत भारतीय खेलों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। मनु भाकर की जीत ने भारत में निशानेबाजी को एक लोकप्रिय खेल बनाने में अहम भूमिका निभाई है। अब अधिक से अधिक युवा निशानेबाजी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। मनु भाकर ने न केवल देश का नाम रोशन किया है बल्कि उन्होंने आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल भी कायम की है।

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Image Credit- ANI

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