मम्मी से पसंद का टिफिन पैक करवाना...कांधे पर स्कूल बैग...गले में वॉटर बॉटल...मन में बुनती कई कहानियां और आंखों में चमक, कुछ ऐसे ही तो स्कूल जाते हैं न बच्चे, हम भी तो बचपन में इसी तरह हंसी-खुशी स्कूल जाते थे। कम से कम मुझे तो यही याद आता है। लेकिन, आज इस खबर को पढ़कर मेरी आंखों के आगे से यह बचपन वाली छवि धूमिल हो रही है क्योंकि आज मुझे एक 4 साल की रोती-बिलखती बच्ची नजर आ रही है, जो स्कूल गई तो हंसते-मुस्कुराते थी लेकिन जब वह घर आई तो आंखों में आंसू और चेहरे पर डर था।
जी हां, लखनऊ से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां स्कूल वैन में 4 साल की बच्ची से हैवानियत हुई है। मामले के सामने आने के बाद स्कूल वैन ड्राइवर ने जहां परिवार को धमकाया, वहीं स्कूल वालों ने मामले को दबाने के लिए दबाव बनाया। चलिए, आपको पूरी जानकारी देते हैं।
लखनऊ में स्कूल वैन में 4 साल की बच्ची से रेप
लखनऊ में 4 साल की मासूम बच्ची से रेप का मामला सामने आया है। एक प्रतिष्ठित स्कूल के वैन ड्राइवर आरिफ ने 4 साल की बच्ची से रेप किया। परिवार की शिकायत के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। बच्ची की मां ने बताया कि बच्ची जब गुरुवार को घर लौटी तो वह जख्मी थी, डरी और सहमी हुई थी, उसके प्राइवेट पार्ट में दर्द था और मां के पूछने पर उसने इशारों में पूरी बात बताई। बच्ची की मां ने बताया कि जब बच्ची ने विरोध किया, तो इसे डराया और मारा-पीटा गया था, जिसके उसके चोट भी लगी थीं और वह डर गई थी। शिकायत में बताया गया है कि जब बच्ची को डॉक्टर के पास लेकर जाया गया, तो जख्म होने की पुष्टि हुई। बताया जा रहा है कि जब ड्राइवर ने इस घटना को अंजाम दिया, बच्ची उस वक्त वैन में अकेली थी।
ड्राइवर ने घटना के बाद पेरेंट्स को धमकाया
बच्ची की मां ने इस बारे में बयान दिया है कि जब वह स्कूल में इस बात की शिकायत दर्ज करने गईं, तो उन पर ही बात को दबाने के लिए कहा गया। प्रबंधक ने कहा कि इससे स्कूल की बदनामी हो सकती है इसलिए इस बात को वे लोग यहीं खत्म कर दें और जब पीड़िता के परिवार ने ऐसा करने से मना किया, तो उन्हें धमकाया गया। यहां तक कि आरोपी वैन ड्राइवर ने भी बच्ची की मां को धमकाते हुए कहा कि अगर उन्होंने मुंह बंद नहीं रखा, तो वह बच्ची को गायब कर देगा और उन्हें पता भी नहीं चलेगा।
क्या अब भी समाज पूछेगा कि उसने क्या पहना था या क्या वह रात को अकेले घर से बाहर निकली थी?
4 साल की मासूम बच्ची से रेप...यह पढ़ने और सुनने में ही कितना घिनौना लगता है। लेकिन, दुखद है कि हमारे समाज में ऐसी शैतानी मानसिकता के लोग भी हैं, जिनके लिए यह सोचना और करना भी बड़ी बात नहीं रह गया है। अक्सर जब भी कोई ऐसा मामला सामने आता है तो कभी लड़कियों के कपड़े, कभी उनके चरित्र, कभी उनके प्रोफेशन तो कभी किसी और पैमाने पर उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है। लेकिन, मुझे यह समझ नहीं आता है कि इस तरह की घटनाओं में गलती लड़कियों की नहीं, बल्कि सोच ही है...यह मानने में हमें और कितना वक्त लगेगा। एक और मासूम बचपन तार-तार हुआ लेकिन माफ कीजिएगा...मैं नहीं जानती कि अभी बदलाव आने में और कितना वक्त लगेगा????
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एक लड़की होने के नाते मैं चाहती हूं कि इस तरह की खबरें मुझे न पढ़नी पढ़ें...इस तरह की घटनाएं होना बंद हो जाएं...एक जर्नलिस्ट होने के नाते मैं चाहती हूं कि मुझे ऐसी खबरें न लिखना पड़े लेकिन हर दूसरे दिन कोई न कोई ऐसी घटना न केवल मेरा दिल तोड़ देती है बल्कि लड़की होने के नाते मेरे मन में कई सवाल भी खड़े करती हैं...वो सवाल जिनके जवाब शायद नहीं हैं। आप इस बारे में क्या सोचते हैं, हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर बताएं।
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