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Birth Anniversary: आर.डी बर्मन के जीवन से जुड़ी ये दिलचस्प बातें जानें

महान संगीतकार आर.डी बर्मन के गीत तो कई सुने होंगे आपने, मगर इस आर्टिकल में आप उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं के बारे में जान सकते हैं। 
Editorial
Updated:- 2021-06-27, 11:08 IST

'दम मारो दम ','कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना','चुरा लिया है तुमने जो दिल को' ये गीत बेश्‍क पुराने हो चुके हों, मगर जब भी ये सुनाई देते हैं तो नए से लगते हैं। ऐसे और भी कई गीत हैं, जो आज भी हमारे पैरों को थिरकने और जुबान को गुनगुनाने पर मजबूर कर देते हैं। मगर पंचम दा के गीतों की बात ही अलबेली है। भारतीय सिनेमा के महान संगीतकारों में से एक राहुल देव बर्मन को उनकी अनोखी शैली के गीतों के लिए ही जाना जाता है। मगर पंचम दा की पर्सनल लाइफ के बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है। हालांकि, पंचम दा अब हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनके गीतों में आज भी उन्‍हें महसूस किया जा सकता है। 27 जून को पंचम दा की बर्थ एनिवर्सरी है। इस अवसर पर हम आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्‍यों के बारे में बताएंगे।

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आर.डी बर्मन का जन्‍म

आर.डी बर्मन का जन्‍म बॉलीवुड के महान संगीतकार सचिन देव बर्मन के घर हुआ था। 27 जून 1939 में कोलकाता में जन्‍में आर.डी बर्मन पर सबसे ज्‍यादा प्रभाव उनके पिता का ही था। बचपन से ही आर.डी बर्मन अपने पिता जैसे ही बड़े संगीतकार बनने का सपना देखने लगे थे।

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कैसे हुई करियर की शुरुआत

वर्ष 1984 में फिल्‍मफेयर मैग्‍जीन को दिए एक इंटरव्‍यू में पंचम दा ने अपने करियर से जुड़ी बहुत सी रोचक बातें बताई थीं। उन्‍होंने कहा था, 'मैं पढ़ाई में अच्‍छा नहीं था। मुझे मेरी दादी पढ़ाया करती थीं। मेरे पिता से वह अक्‍सर कहती थीं कि 'राहुल पढ़ाई मे अच्‍छा नहीं है।' तब एक दिन मेरे पिता जी ने यह फैसला लिया कि वो मुझे मुंबई ले जाएंगे। मेरी दादी के मना करने पर भी वो मुझे मुंबई ले आए। मेरे पिता जी ने तब कहा था कि उनका बेटा पढ़ने में अच्‍छा नहीं है तो क्‍या हुआ 10 सालों में मुंबई में वो कुछ न कुछ तो बन ही जाएगा। मगर मुंबई के लिए रवाना होने से पहले मेरे पिता जी ने मेंरे से पूछा कि क्‍या मैं संगीत में कुछ कम्‍पोज कर सकता हूं। तब मैंने 15 धुने तैयार की थीं।'

पंचम दा के बारे में एक दिलचस्‍प बात आपको और बताते हैं। पंचम दा जब मात्र 9 वर्ष के थे तब उन्‍होंने ‘ऐ मेरी टोपी पलट के आ’ गीत कम्‍पोज किया था और इस गीत को सचिन देव बर्मन ने वर्ष 1956 में आई फिल्‍म 'फंटूश' में यूज किया था।

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आर.डी बर्मन को क्‍यों कहा जाता है 'पंचम दा'

यह सवाल अमूमन सभी जानना चाहते हैं कि आर.डी बर्मन को पंचम दा क्‍यों कहा जाता था? आपको बता दें कि उन्‍हें यह नाम एक्‍टर अशोक कुमार ने दिया था। दरअसल, संगीत के सुर 'सा, रे, ग, म, प' में 'प' का स्‍थान पंचवा है और आर.डी बर्मन जब भी कोई गीत गुनगुनाते थे तब वह शुरुआत 'प' से ही करते थे। इस बात को भांपते हुए अशोक कुमार ने उन्‍हें पंचम दा कहना शुरू कर दिया। यह नाम इतना मशहूर हुआ कि सभी उन्‍हें फिर पंचम दा ही कहने लगे।

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आर.डी बर्मन की लव लाइफ एवं शादी

जब भी आर.डी बर्मन का नाम आता है तो लोगों के जहन में आशा भोसले (आशा भोसले की जिंदगी से जुड़ी रोचक बातें ) का चित्र अपने आप ही बनने लगता है। जाहिर है, आशा जी आर.डी बर्मन की वाइफ थीं। मगर पहली नहीं दूसरी वाइफ। आर.डी बर्मन की पहली वाइफ का नाम रीता पटेल था। रीता कोई एक्‍ट्रेस या सिंगर नहीं थीं, वह केवल आर.डी बर्मन की बड़ी फैन थीं। अपने दोस्‍तों से लगाई शर्त को पूरा करने के लिए रीता ने आर.डी बर्मन से मिलना शुरू किया। दोनों को ही एक दूसरे से प्‍यार हो गया। शर्त के मुताबिक रीता आर.डी बर्मन के साथ मूवी डेट पर गईं और शर्त जीतने के साथ ही आर.डी बर्मन का दिल भी उन्‍होंने जीत लिया। वर्ष 1966 में दोनों की शादी हुई मगर यह रिश्‍ता ज्‍यादा दिन नहीं टिका और 1971 में दोनों का तलाक हो गया।

इसके बाद वर्ष 1980 में आशा भोसले और आर.डी बर्मन की शादी हुई। आपको बता दें कि वर्ष 1959 में आई फिल्‍म 'राज' से ही पंचम दा के करियर की शुरुआत हुई थी। इस फिल्‍म के दो गीत पंचम दा के थे। इसमें से एक गाना आशा भोसले ने ही गाया था।

आर.डी बर्मन ने कब कहा संसार को अलविदा

एक अच्‍छा संगीतकार होने के साथ ही आर.डी बर्मन बहुत अच्‍छा माउथ ऑर्गन भी बजाते थे। आर.डी बर्मन के गीत युवाओं को बहुत पसंद आते थे। उनका अंदाज और संगीत सदैव जवान रहा। मगर वर्ष 1985 के बाद आर.डी बर्मन का करियर ग्राफ नीचे गिरने लगा। जिस फिल्‍म में उनके गीत होते, वह फिल्‍म बॉक्‍स ऑफिस पर असफल साबित हो जाती थी। ऐसे में लोगों ने फिल्‍मों की असफलता के लिए आर.डी बर्मन के संगीत को दोषी ठहराना शुरू कर दिया। वर्ष 1988 में इन्‍हीं सब बातों से परेशान आर.डी बर्मन को दिल का दौरा पड़ा। लंदन में जब उनका इलाज चल रहा था, उस दौरान भी आर.डी बर्मन ने धुनें बनाना नहीं छोड़ा। उनकी आखिरी फिल्‍म '1942: लव स्‍टोरी' थी। फिल्‍म के सभी गीत हिट थे, मगर जब सफलता का स्‍वाद चखने की बारी आई तो 4 जनवरी 1994 को पंचम दा ने दुनिया से ही मुंह फेर लिया और हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

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Image Credit: RD Burman Official/Instagram

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