करवा चौथ एक ऐसा पर्व है जो सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना में रखती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास करती हैं और में चंद्रोदय होने के बाद पूजा करके उपवास खोलती हैं। यह व्रत हमेशा से अपने प्यार और जीवनसाथी के प्रति गहरी भक्ति, प्रेम और कमिटमेंट का प्रतीक रहा है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। करवा चौथ में 'करवा' शब्द का अर्थ है मिट्टी का बर्तन या कलश और 'चौथ' का अर्थ है चौथा।
इस दिन महिलाएं चंद्रमा को 'अर्घ्य' देती हैं। इस प्रकार करवा चौथ हिंदू चंद्र कैलेंडर में कार्तिक महीने के चौथे दिन मनाया जाता है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह अक्टूबर या नवंबर महीने में आता है। इस दिन व्रत रखने के साथ चंद्रमा का पूजन बहुत फलदायी माना जाता है।
अगर हम ज्योतिष की मानें तो हर एक शहर में इस दिन चांद निकलने का समय अलग होता है और चांद को देखने के बाद ही महलाएं अपना व्रत पूर्ण मानती हैं। इस साल यह पर्व 20 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा और इस दिन सभी शहरों में चांद किस समय निकलेगा इसके बारे में यहां पंडित सौरभ त्रिपाठी से विस्तार से जानें।
पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को पड़ रही है, इसी वजह से इस दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा।
करवा चौथ के दिन चांद के दर्शन करना सबसे प्रमुख माना जाता है। मान्यता है कि व्रत करने वाली महिलाएं रात्रि में चांद के दर्शन करने के बाद ही उपवास खोलती हैं और चांद से अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं, तो उनके वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बना रहता है। इस साल करवा चौथ के दिन आपके शहर में कब होंगे चांद के दर्शन, यहां विस्तार से जानें-
शहर |
समय |
नई दिल्ली | रात्रि 07:54 बजे |
गाजियाबाद | रात्रि 8:11 बजे |
नोएडा | रात्रि 8:14 बजे |
जयपुर, राजस्थान | रात 08:05 बजे |
अहमदाबाद, गुजरात | रात 08:28 बजे |
पटना, बिहार | शाम 07:29 बजे |
मुंबई, महाराष्ट्र | रात 08:37 बजे |
पुणे,महाराष्ट्र | रात्रि 8:34 बजे |
बेंगलुरु, कर्नाटक | रात 08:31 बजे |
भोपाल, मध्य प्रदेश | रात 08:08 बजे |
रायपुर, छत्तीसगढ़ | रात 07:55 बजे |
इंदौर | रात 08:15 बजे |
हैदराबाद, तेलंगाना | रात 08:17 बजे |
चेन्नई, तमिलनाडु | रात 08:20 बजे |
कोलकाता, पश्चिम बंगाल | शाम 07:24 बजे |
लखनऊ, उत्तर प्रदेश | रात्रि 07:44 बजे |
कानपुर, उत्तर प्रदेश | रात्रि 07:47 |
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश | रात 07:42 |
चंडीगढ़ | शाम 07:50 बजे |
भुवनेश्वर, ओडिशा | शाम 07:40 बजे |
शिमला, हिमाचल प्रदेश | शाम 07:47 बजे |
देहरादून, उत्तराखंड | शाम 07:46 बजे |
रांची, झारखंड | शाम 07:35 बजे |
नागपुर, महाराष्ट्र | रात 08:06 बजे |
चंद्रमा को शांति का प्रतीक माना जाता है। दांपत्य जीवन में सुख और प्रेम बनाए रखने के लिए करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा महत्वपूर्ण मानी जाती है।
पौराणिक मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठिन तप किया था। उनकी इसी तपस्या का प्रतीक करवा चौथ का व्रत है, इस दिन चंद्रमा के दर्शन से सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। करवा चौथ पर चंद्रमा के उदय का समय जगह के अनुसार बदलता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने का सर्वोत्तम मुहूर्त उसी समय होता है, जब चंद्रमा उदित हो रहा होता है। यानी कि चंद्रमा के पूर्ण उदय से पूर्व दिया गया अर्घ्य सबसे ज्यादा शुभ होता है। ज्योतिष की मान्यता है कि शुभ समय पर अर्घ्य देने से पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है।
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अगर आप भी करवा चौथ के दिन चांद की पूजा के समय इन बातों का ध्यान रखेंगी तो जीवनसाथी से संबंध अच्छे बने रहेंगे। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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