Jain Calendar 2025: साल 2025 में जैन धर्म के हैं कई त्योहार, जानें इनकी तिथियों के बारे में विस्तार से

जैन धर्म के कुछ विशेष पर्व हैं और उन्हें मनाने का अलग तरीका है। अगर आपको इन पर्वों की तिथि का पहले से पता चल जाए तो आसानी हो सकती है। आइए जानें इस साल जैन धर्म के कौन से पर्व किस तिथि को मनाए जाएंगे।
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जिस तरह से हिंदू धर्म के कई व्रत और त्योहार समय-समय पर मनाए जाते हैं, उसी तरह से जैन धर्म के त्योहारों का भी एक विशेष कैलेंडर बनाया जाता है। जैन धर्म एक प्राचीन और धार्मिक परंपरा है, जिसमें कुछ विशेष त्योहारों और तिथियों का पालन किया जाता है। ये त्योहार जैन धर्म के अनुयायियों के लिए धार्मिक आस्था, साधना और पुण्य का माध्यम होते हैं। साल 2025 में जैन धर्म के कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाएंगे, जो न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेंगे, बल्कि समाज में एकता और शांति को भी बढ़ावा देंगे। इन त्योहारों में विशेष पूजा, उपवास, तपस्या और दान का महत्व है। जैन धर्म के अनुयायी इन त्योहारों को अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं। यदि आप भी जैन धर्म के किसी भी पर्व की सही तिथि की जानकारी खोज रहे हैं तो इस लेख में हम साल 2025 में मनाए जाने वाले प्रमुख जैन त्योहारों की तिथियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

जैन कैलेंडर में भी होते हैं 12 महीने

jain calendar 2025 dates

जैन कैलेंडर में भी हिंदू कैलेंडर की तरह 12 महीने होते हैं, और प्रत्येक महीना 30 दिनों का होता है। इन महीनों के नाम हैं- कार्तक, मगसर, पोष, महा, फागन, चैत्र, वैशाख, जेठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद और आसो। जैन धर्म का नववर्ष दिवाली के अगले दिन से प्रारंभ होता है, जिसे वीर निर्वाण संवत के हिसाब से वर्ष का पहला दिन माना जाता है। जैन धर्म के अनुयायी इन महीनों को अपने व्रत, त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए मनाते हैं।

जनवरी से मार्च 2025 जैन धर्म के त्योहार

जनवरी के महीने में 2 जनवरी को त्रिस्तुति और 06 जनवरी के बाद श्री राजेंद्र सूरीश्वर दिवस मनाने के बाद 26 जनवरी को शीतलनाथ जन्म तप का आयोजन होगा और 27 जनवरी को मेरु त्रयोदशी और आदिनाथ निर्वाण कल्याणक जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाएंगे। महीने के अंत में 28 जनवरी को ऋषभदेव मोक्ष का पर्व है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव के मोक्ष प्राप्ति की खुशी में मनाया जाता है।

फरवरी के व्रत और त्योहार की बात करें तो 2 फरवरी को दशलक्षण आरंभ होगा, जो जैन धर्म में एक विशेष पर्व है, जिसमें अनुयायी तप, उपवास और अन्य धार्मिक कृत्यों के माध्यम से आत्मिक शुद्धि की ओर अग्रसर होते हैं। इसके बाद 4 फरवरी को मर्यादा महोत्सव मनाया जाएगा, जो जैन धर्म के अनुशासन और मर्यादा के पालन का प्रतीक है। वहीं 11 फरवरी को श्री जीतेन्द्र रथ यात्रा का आयोजन होगा, जिसमें भक्त रथ पर भगवान के प्रतीक चिह्नों को लेकर नगर भ्रमण करते हैं। उसी दिन दशलक्षण का समापन भी होगा, जब व्रती अपने समस्त तप और साधना के साथ इस पर्व को पूर्ण करेंगे।

मार्च 2025 में जैन धर्म के लोग एक महत्वपूर्ण पर्व, अष्टान्हिका मनाएंगे। यह पर्व 7 मार्च से प्रारंभ होकर 14 मार्च तक चलेगा। अष्टान्हिका एक विशेष धार्मिक आयोजन है, जिसमें जैन धर्म के अनुयायी उपवास, तपस्या और साधना करते हैं। इस दौरान, व्यक्ति अपने आत्मिक उन्नति के लिए विशेष ध्यान और साधना में लीन रहते हैं।

जैन धर्म के त्योहार त्योहार की तिथि

त्रिस्तुति

02 जनवरी 2025, गुरुवार
श्री राजेंद्र सूरीश्वर दिवस 06 जनवरी 2025, सोमवार
शीतलनाथ जन्म तप 26 जनवरी 2025, रविवार
मेरु त्रयोदशी 27 जनवरी 2025,सोमवार
आदिनाथ निर्वाण कल्याणक 27 जनवरी 2025, सोमवार
ऋषभदेव मोक्ष 28 जनवरी 2025, मंगलवार
दशलक्षण आरंभ 02 फरवरी 2025, रविवार
मर्यादा महोत्सव 04 फरवरी 2025, मंगलवार
श्री जितेन्द्र रथ यात्रा 11 फरवरी 2025 ,मंगलवार
दशलक्षण समाप्त 11 फरवरी 2025, मंगलवार
अष्टान्हिका प्रारम्भ 07 मार्च 2025, शुक्रवार
अष्टान्हिका समाप्त 14 मार्च 2025, शुक्रवार

अप्रैल से जून 2025 जैन धर्म के त्योहार

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अप्रैल से जून 2025 तक जैन धर्म के अनुयायी कई महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों और अवसरों को मनाएंगे। 2 अप्रैल को दशलक्षण पर्व की शुरुआत होगी, जो एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है जिसमें व्रत, तपस्या और उपवास की प्रक्रिया पूरी होती है। 4 अप्रैल को आयंबिल ओली प्रारंभ होगा, जो जैन धर्म में पुण्य और तपस्या का समय होता है। महावीर जयंती 10 अप्रैल को मनाई जाएगी, जो भगवान महावीर के जन्मोत्सव के रूप में विशेष महत्व रखती है। दशलक्षण पर्व का समापन 11 अप्रैल को होगा, और आयंबिल ओली का अंत 12 अप्रैल को होगा।

इसके बाद, 7 मई को श्री महावीर स्वामी के कैवल्य ज्ञान दिवस का आयोजन होगा, जो भगवान महावीर द्वारा प्राप्त अति उच्च ज्ञान को समर्पित होता है। 13 मई से ज्येष्ठ जिनवर व्रत की शुरुआत होगी, जो विशेष रूप से जैन समाज के अनुयायियों के लिए अत्यधिक पूजनीय होता है। 24 मई को श्री अनंतनाथ जन्म तप का पर्व होगा और 11 जून को ज्येष्ठ जिनवर व्रत का समापन होगा।

जैन धर्म के त्योहार त्योहार की तिथि
दशलक्षण प्रारम्भ 02 अप्रैल 2025,बुधवार
आयंबिल ओली प्रारंभ 04 अप्रैल 2025,शुक्रवार
महावीर जयंती 10 अप्रैल 2025, गुरुवार
दशलक्षण समाप्त 11 अप्रैल 2025,शुक्रवार
आयंबिल ओली अंत 12 अप्रैल 2025, शनिवार
श्री महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान दिवस 07 मई 2025, बुधवार
ज्येष्ठ जिनवर व्रत प्रारंभ 13 मई 2025, मंगलवार
श्री अनंतनाथ जन्म तप 24 मई 2025, शनिवार
ज्येष्ठ जिनवर व्रत समापन 11 जून 2025, बुधवार

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जुलाई से सितंबर 2025 जैन धर्म के त्योहार

जुलाई से सितंबर 2025 तक जैन धर्म के कई त्योहार पड़ेंगे जिसमें 3 जुलाई से अष्टान्हिका पर्व की शुरुआत होगी, जो 10 जुलाई को समाप्त होगा। इस दौरान जैन समुदाय उपवास, तपस्या और साधना में लीन रहेगा। 9 जुलाई को चौमासी चौदस का आयोजन होगा, जो विशेष रूप से जैन धर्म में महत्व रखता है। 31 जुलाई को पार्श्वनाथ मोक्ष का पर्व मनाया जाएगा, जो भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष की स्मृति में होता है।

अगस्त महीने में 24 तारीख को कल्पसूत्र पाठ और संवत्सरी का आयोजन होगा, जो जैन धर्म में श्रद्धा और आत्मिक शुद्धता के पर्व माने जाते हैं। 25 अगस्त को तैलधर तप का पर्व होगा, जिसमें तेल से स्नान करने का महत्व होता है। 28 अगस्त को क्षमावाणी पर्व और दशलक्षण की शुरुआत होगी। दशलक्षण 6 सितंबर को समाप्त होगा, जो एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें जैन धर्म के अनुयायी अपने पापों को क्षमा करने के लिए व्रत और तपस्या करते हैं। 28 सितंबर को आयंबिल ओली प्रारंभ होगा, जो जैन धर्म में एक विशेष पुण्यकाल माना जाता है। इन सभी त्योहारों के माध्यम से जैन धर्म के अनुयायी आध्यात्मिक उन्नति, आत्मिक शुद्धता, और पुण्य की प्राप्ति के लिए अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करते हैं।

जैन धर्म के त्योहार त्योहार की तिथि
अष्टान्हिका प्रारम्भ 03 जुलाई 2025, गुरुवार
चौमासी चौदस 09 जुलाई 2025,बुधवार
अष्टान्हिका समाप्त 10 जुलाई 2025,गुरुवार
पार्श्वनाथ मोक्ष 31 जुलाई 2025,गुरुवार
कल्पसूत्र पाठ 24 अगस्त 2025,रविवार
संवत्सरी 24 अगस्त 2025,रविवार
तैलधारा तप 25 अगस्त 2025,सोमवार
क्षमावाणी पर्व 28 अगस्त 2025, गुरुवार
दशलक्षण प्रारम्भ 28 अगस्त 2025,गुरुवार
दशलक्षण समाप्त 06 सितंबर 2025,शनिवार
आयंबिल ओली प्रारंभ 28 सितंबर 2025,शनिवार

अक्टूबर से दिसंबर 2025 जैन धर्म के त्योहार

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7 अक्टूबर को आयंबिल ओली का समापन होगा, जो विशेष रूप से तप और साधना का समय माना जाता है। इसके बाद 19 अक्टूबर को श्री पद्म प्रभु जन्म तप का आयोजन होगा और 21 अक्टूबर को महावीर निर्वाण का पर्व मनाया जाएगा, जो भगवान महावीर की निर्वाण प्राप्ति की याद में मनाते हैं।

26 अक्टूबर को ज्ञान पंचमी का पर्व मनाया जाएगा, जो ज्ञान की प्राप्ति और आत्मा के शुद्धिकरण का प्रतीक है। 29 अक्टूबर से अष्टान्हिका पर्व की शुरुआत होगी, जो 5 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान जैन धर्म के अनुयायी उपवास और तपस्या करते हैं।14 नवंबर को महावीर स्वामी दीक्षा का पर्व होगा, जो भगवान महावीर के दीक्षा लेने के अवसर को याद करता है।

1 दिसंबर को मौनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा, जिसे मौन व्रत रखने के दिन के रूप में मनाया जाता है। 15 दिसंबर को पार्श्वनाथ जयंती का आयोजन होगा, जो भगवान पार्श्वनाथ की जयंती के रूप में मनाई जाती है।

जैन धर्म के त्योहार त्योहार की तिथि
आयंबिल ओली अंत 07 अक्टूबर 2025,मंगलवार
श्री पद्म प्रभु जन्म तप 19 अक्टूबर 2025,रविवार
महावीर निर्वाण 21 अक्टूबर 2025,मंगलवार
ज्ञान पंचमी 26 अक्टूबर 2025 , रविवार
अष्टान्हिका आरंभ 29 अक्टूबर 2025,बुधवार
अष्टान्हिका समाप्त 05 नवंबर 2025, बुधवार
महावीर स्वामी दीक्षा 14 नवंबर 2025, शुक्रवार
मौनी एकादशी 01 दिसंबर 2025, सोमवार
पार्श्वनाथ जयंती 15 दिसंबर 2025, सोमवार

हिंदू कैलेंडर की ही तरह जैन धर्म के कैलेंडर का भी विशेष महत्व है। इस विशेष कैलेंडर से आप जैन धर्म के पर्वों का पता लगा सकते हैं और, उन्हें मिल-जुलकर मना सकते हैं।
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Images:freepik.com

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