कौन हैं इतिहास रचने वाली Sub Lieutenant Aastha Poonia? बनीं नौसेना की फाइटर जेट उड़ाने वाली पहली महिला पायलट

सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया अब भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट बनी हैं और इसी के साथ उन्होंने इतिहास रच दिया है। आस्था पूनिया नौसेना की फाइटर जेट उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बन गई हैं। उनकी यह उपलब्धि महिला सशक्तिकरण और भारतीय सशस्त्र बलों में बढ़ती नारी शक्ति का प्रतीक है, जो लाखों लड़कियों को प्रेरित करेगी। जानें उनके इस ऐतिहासिक सफर के बारे में।
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भारतीय नौसेना ने एक बार फिर नारी शक्ति का लोहा मनवाया है और इस बार सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया ने इतिहास रचा है। भारतीय सशस्त्र बल लगातार महिलाओं को विभिन्न भूमिकाओं में सशक्त कर रहे हैं। इसी कड़ी में आस्था पूनिया ने एक ऐसा मील का पत्थर स्थापित किया है, जो देश की लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। अभी तक भारतीय नौसेना में फाइटर जेट उड़ाने की जिम्मेदारी पुरुषों के पास ही थी, लेकिन आस्था पूनिया ने इस रूढ़ि को तोड़ते हुए खुद को इस प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण भूमिका के लिए तैयार किया है। उनकी यह उपलब्धि भारतीय नौसेना के लिए बेहद अहम है और यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। यह दर्शाता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आस्था ने समाज को यह प्रेरणा दिया है कि महिलाएं दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और सही अवसर मिलने पर किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया कौन हैं, उनका अब तक का सफर कैसा रहा है और कैसे उन्होंने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

कौन हैं सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया?

सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया राजस्थान के एक साधारण परिवार से आती हैं। उनके प्रारंभिक जीवन और शिक्षा के बारे में फिलहाल सार्वजनिक रूप से बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें रातों-रात पूरे देश में एक पहचान दिला दी है। उनकी यात्रा उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का साहस रखती हैं। भारतीय नौसेना ने एक बार फिर महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा है।

Lieutenant Aastha Poonia

भारतीय नौसेना ने लैंगिक समानता की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया नौसेना विमानन की कॉम्बैट ब्रांच में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं, जिन्हें फाइटर जेट उड़ाने का मौका मिला है। यह उपलब्धि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका के विस्तार में एक नया अध्याय जोड़ती है, क्योंकि इससे पहले किसी भी महिला को नौसेना के अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों को उड़ाने की अनुमति नहीं थी।

'विंग्स ऑफ गोल्ड' से सम्मानित हैं आस्था

विशाखापत्तनम स्थित आईएनएस डेगा में आयोजित एक विशेष समारोह में, सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया को लेफ्टिनेंट अतुल कुमार ढुल के साथ 'विंग्स ऑफ गोल्ड' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें दूसरे बेसिक हॉक कन्वर्जन कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने पर दिया गया। रियर एडमिरल जनक बेवली ने इस प्रतिष्ठित उपलब्धि के लिए उन्हें सम्मानित किया।

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'नारी शक्ति' की दिशा में सशक्त कदम

भारतीय नौसेना ने इस उपलब्धि को X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए इसे "नौसेना विमानन में एक नया अध्याय" बताया है। नौसेना ने इस बात पर जोर दिया कि यह कदम लैंगिक समानता और 'नारी शक्ति' को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा योगदान है। यह स्पष्ट रूप से महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने के प्रति भारतीय नौसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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महिला अधिकारी बढ़ा रहीं हैं नेतृत्व की भागीदारी

Sub Lieutenant Aastha Poonia

हाल के घटनाक्रमों में, भारतीय सेना और वायुसेना में भी महिला अधिकारियों ने महत्वपूर्ण परिचालन जिम्मेदारियां निभाई हैं। उदाहरण के लिए, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी परिचालन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी। ये सभी घटनाएं दर्शाती हैं कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका अब केवल सीमित नहीं रही, बल्कि वे अब मुख्य परिचालन जिम्मेदारियों में भी सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।

सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया की यह उपलब्धि केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह भारतीय नौसेना में महिलाओं के लिए नई और असीमित संभावनाओं के द्वार खोलती है। यह एक प्रेरणादायक कदम है, जो भविष्य में और अधिक महिला फाइटर पायलटों को इस चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित करियर को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

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Image credit- Freepik


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