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success story of sita devi in hindi

बिहार की सीता देवी ऐसे बनीं अपने जिले की पहली महिला इलेक्ट्रीशियन, आप भी लें इंस्पिरेशन

इस लेख में हम आपको बताएंगे बिहार के गया जिले की पहली महिला इलेक्ट्रीशियन के बारे में जिन्होंने मुश्किलों से लड़कर अपने रास्ते खुद बनाएं।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2022-12-30, 12:00 IST

आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही हैं। आज की नारी ना तो अबला है ना ही कमजोर है। हमारे देश में कई महिलाएं अपने संघर्षों को पीछे छोड़कर सफलता की ओर बढ़ती हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक महिला के बारे में बताएंगे।

बिहार के गया जिले की पहली महिला इलेक्ट्रीशियन सीता देवी ने सभी चुनौतियों को हराकर आगे बढ़ने का फैसला लिया। तो चलिए जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी के बारे में।

जानें कैसे सीता देवी बनी इलेक्ट्रिशियन

electrician sita devi

बिहार के गया जिले की रहने वाली सीता देवी की बिजली के उपकरण बनाने की दुकान है। वह इलेक्ट्रिक स्विच से लेकर पंखे और हर तरह के बिजली के खराब उपकरणों को रिपेयर करती हैं। वह लगभग 14 साल पहले एक सामान्य गृहणी थी। उनकी शादी बिहार के जितेंद्र मिस्त्र से हुई ती।

सीता देवी के पति के बीमार होने का कारण उनके घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई थी।(भारत की पहली महिला IPS ऑफिसर रहीं किरण बेदी की लाइफ से लें इंस्पिरेशन) उनके पति ने खुद उन्हें इलेक्ट्रॉनिक आइटम को सही करना सिखाया और धीरे-धीरे सीता देवी ने कई सारे उपकरणों को सही करना सीख लिया। इसके बाद से उनकी दुकान में खराब उपकरणों को ठीक करवाने के लिए ग्राहक आया करते थे। पति की मदद करने से सीमा देवी इस काम में माहिर हो गई।

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परिवार की जिम्मेदारियों को साथ में संभाला

आपको बता दें कि सीता देवी बिहार के गया जिले की पहली महिला इलेक्ट्रिशियन हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सही ना होने के कारण उन्हें यह कार्य करना पड़ा और कुछ समय बाद वह इसमें माहिर भी हो गई। आपको बता दें कि इलेक्ट्रिशियन सीता देवी अपने क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध भी हैं।

जब सीता देवी ने यह काम करना शुरू किया था तब उनका छोटा बेटा एक साल का भी नहीं था। इस कारण से उन्हें बेटे को अपने साथ दुकान लेकर जाना पड़ता था। उनके कई रिश्तेदारों को यह बात पसंद नहीं थी।

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कई लोग उन्हें ताने भी मारते थे कि वह लड़कों वाले काम करती हैं। लेकिन उन्होंने सभी बातों को अनसुना किया और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सभी चुनौतियों को पूरा किया।(जानें देश की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर अभिलाषा बराक के बारे में)

इस तरह से उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभालते हुए परिवार की आर्थिक स्थिति को भी सुधारा। सीता देवी के बच्चे भी कभी-कभी उनके साथ दुकान पर आते हैं और उनकी मदद करते हैं।

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तो ये थी सीता देवी की इंस्पिरेशनल स्टोरी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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