आजकल घर में कुछ और हो ना हो, लेकिन इनवर्टर का होना बहुत जरूरी होता है। देश के कुछ राज्यों में तो बिजली जाने की समस्या बहुत ही ज्यादा है। ऐसे में आपके घर में सही इनवर्टर लगा होना बहुत जरूरी है। ऐसा कितनी बार होता है कि किसी खराब इनवर्टर की वजह से घर के अप्लायंसेस भी खराब हो जाते हैं और साथ ही साथ घर के बिजली के वायर भी खराब होने लगते हैं। एक अप्लायंस के खराब होने पर घर में बिजली की वायरिंग बदलवानी पड़े, तो यह सच में बहुत घाटे सा सौदा हो सकता है।
डेली पावर कट्स और करेंट फ्लक्चुएशन के कारण आपको अपने घर के लिए सही इनवर्टर खरीदना चाहिए। अब सबसे पहली समस्या यह आती है कि घर के लिए सही इनवर्टर कैसे चुना जाए और दूसरी यह आती है कि आखिर उस इनवर्टर की मेंटेनेंस कैसे की जाए?
आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातें बताने जा रहे हैं जो इनवर्टर खरीदने से पहले आपको जान लेनी चाहिए और उसकी मेंटेनेंस भी उसी तरह से करनी चाहिए।
तीन तरह के होते हैं घर में लगाने वाले इनवर्टर
- प्योर साइन वेव इनवर्टर: यह इनवर्टर घर के लिए सबसे उपयुक्त होता है जो करेंट का फ्लक्चुएशन भी ठीक तरह से मैनेज कर लेता है।
- मॉडिफाइड साइन वेव इनवर्टर: यह इनवर्टर लाइट जाने के बाद स्टार्ट होने में थोड़ा समय लगा सकता है। इसके साथ ही यह उतना अच्छा आउटपुट नहीं मिलता।
- स्क्वेयर वेव इनवर्टर : यह इनवर्टर छोटे घरों के लिए ठीक है, लेकिन अगर आपको ज्यादा अप्लायंस चलाने हैं, तो इसे घर के लिए ना लें।

कितनी बिजली की होगी जरूरत, उस हिसाब से खरीदें इनवर्टर
ऐसा नहीं है कि बहुत महंगा और बहुत हाई बैटरी पावर वाला इनवर्टर ही अच्छा होगा। आप अपने पावर कंजम्पशन के हिसाब से ही इनवर्टर चुनें। अगर आपको दो-तीन अप्लायंस, कुछ पंखे और लाइट जलानी है, तो आप 900 VA (वोल्ट एम्पेयर) वाला इनवर्टर चुनें। ऐसा इसलिए ताकि आपके छोटे-मोटे अप्लायंस चल सकें।
इनवर्टर का बैटरी साइज हमेशा ध्यान रखें
इनवर्टर सस्ता हो सकता है, लेकिन उसकी बैटरी सस्ती नहीं होती है। आपके घर की पावर डिमांड इनवर्टर के साथ ही पूरी होगी। ऐसे में आपके लिए यह जरूरी है कि इनवर्टर की बैटरी हमेशा रिसर्च करके ही सिलेक्ट करें। बैटरी हमेशा वोल्टेज के हिसाब से ही सिलेक्ट होगी।
इनवर्टर की बैटरी पावर कैल्कुलेट करने के लिए आप सबसे पहले उतने घंटे काउंट करें जिसमें इनवर्टर चलेगा। इसके बाद आप उस नंबर को टोटल पावर डिमांड से गुणा कर दें। यानी अगर आपको 1000 वॉट चाहिए और इनवर्टर 2 घंटे चलेगा, तो 2*1000 आएगा। इसके बाद इस नंबर को 12 से डिवाइड कर दें। ऐसा इसलिए क्योंकि 12V की बेसिक कैपेसिटी होती है। यह आपकी बैटरी की कैपेसिटी होगी जिसके आस-पास के अंक वाली बैटरी आपको खरीदनी होगी।
ओवरचार्जिंग प्रोटेक्शन के बारे में जान लें
आपको हमेशा ऐसा इनवर्टर चुनना चाहिए जिसमें ओवरचार्जिंग की दिक्कत ना हो। अगर आपके घर पर इनवर्टर है और इलेक्ट्रिसिटी के ना जाने की वजह से इनवर्टर ओवर चार्ज हो रहा है। ऐसे में कई बार पावर सर्ज के कारण इनवर्टर जल जाते हैं। इसलिए इनवर्टर खरीदने से पहले ध्यान रखें कि कहीं ओवरचार्ज प्रोटेक्शन के बिना तो आप अपना इनवर्टर नहीं खरीद रहे हैं।
इसे जरूर पढ़ें- जानिए इन्वर्टर की बैटरी में पानी डालने का क्या है सही तरीका
इनवर्टर ठीक से चले इसके लिए हमेशा करें ये काम
1000 वॉट इलेक्ट्रिसिटी लेने वाला कोई भी अप्लायंस नहीं चलाएं।
हर 6 महीने में इनवर्टर की बैटरी का पानी रीफिल करवा लें। इससे बैटरी की जिंदगी ज्यादा बढ़ती है।
इनवर्टर की बैटरी कब बदलनी है इसके बारे में आपको पता होना चाहिए।
अगर आपके इनवर्टर की पावर सप्लाई धीरे-धीरे कम हो रही है, तो तुरंत उसे रिपेयर करवाएं। उसे ज्यादा लंबे समय के लिए टालने से बेहतर है कि आप बार-बार उसकी बैटरी को सर्विस करवाते रहें।
इनवर्टर में कभी आरओ का पानी नहीं डालना चाहिए। यह गलती कई लोग करते हैं। इनवर्टर में डिस्टिल्ड वॉटल डलता है और हां, आप उसे घर पर भी बदल सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि घर पर ऐसा करने से पहले अपने इनवर्टर के मॉडल के बारे में पूरी जानकारी ले लें।
इनवर्टर का टेम्परेचर कंट्रोल बहुत जरूरी है। इसके पास से काफी गर्मी निकलती है इसलिए आपको इसे हमेशा ऐसी जगह रखना चाहिए जिससे हीट निकलने का रास्ता हो सके।
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