Bhulekh Khatauni: किसी महिला के नाम कैसे दर्ज कराएं खतौनी

अगर आपकी पुश्तैनी संपत्ति पर किसी और ने धोखाधड़ी से अपना दावा किया है तो यहां जानें कैसे किसी महिला के नाम खतौनी दर्ज करा सकते हैं।

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खतौनी में नाम दर्ज कराने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि महिला के पास संपत्ति से जुड़ी सारी दस्तावेज है और वह इसके लिए अपना नाम बनवाना चाहती हैं। आज हम बात कर रहे हैं कि विक्रेता का नाम हटा कर खतौनी पर अपना नाम कैसे दर्ज हो सकता है।
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खतौनी क्या होता है?

खतौनी(Khatauni) एक क्रिया और एक सस्ता दस्तावेज होता है जो जमीन के मालिक को दर्ज करने के लिए भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग होता है। इसे खेत के मालिक का प्रमाण पत्र भी कहा जा सकता है। खतौनी एक प्रमुख भूमि संग्रहण दस्तावेज होता है और यह जमीन के मालिक, खेतों का आकार और खेत में किस प्रकार की खेती की जा रही है, इसकी जानकारी मुहैया करता है। जैसे,

  • खतौनी जमीन के वास्तविक मालिक का प्रमाण पत्र होता है जिसमें जमीन के मालिक के नाम और अन्य मालिक विवरण दर्ज होते हैं।
  • खतौनी में जमीन के आकार और सीमाएँ दर्ज की जाती हैं, जिससे स्वामित्व की सीमा स्पष्ट होती है।
  • खतौनी में खेतों में किस प्रकार की खेती की जा रही है, विवरण होता है, जिसमें प्रमुख फसलों की जानकारी शामिल होती है।
  • खतौनी में जमीन का उपयोग और उसकी उपयोगिता के बारे में भी जानकारी दर्ज होती है, जैसे कि कृषि, वनस्पति या अन्य उपयोग।
  • खतौनी में खेत के मालिक को उसके टैक्स का लेन-देन के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है, जिसका उपयोग सरकारी रिकॉर्ड के लिए किया जाता है।

खतौनी जानकारी को जमाबंदी रिकॉर्ड के रूप में बनाया जाता है और यह भूमि संग्रहण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ खेती और भूमि का मालिक मुख्य आजीविका स्रोत हो सकता है।

खतौनी के चार प्रक्रिया

  1. वरासत
  2. वसीयत
  3. बैनामा
  4. पट्टा

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वरासत क्या होता है?

वरासत एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति और संपत्ति के अधिकारों के संबंध में होता है। यह उन नियमों और कानूनों का एक प्रकार होता है जो उत्तर प्रदेश विधायिका के मुताबिक 33 के अंतर्गत निर्धारित किए गए होते हैं जो विरासत में शामिल होते हैं। वरासत अक्सर संपत्ति, धन और संपत्ति के विभिन्न प्राकृतिक और असामाजिक हकों को समायोजित करने में मदद करता है। धारा 33(1) के तहत अविवादित जमीन और धारा 33(2) के तहत विवादित जमीन आते हैं।

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वसीयत क्या होता है?

वसीयत (Will) एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसमें एक व्यक्ति अपनी संपत्ति और संपत्ति के विभिन्न धारकों को जीवन के बाद के समय के लिए विभाजित करता है। वसीयत में यह स्पष्ट रूप से उपलब्ध होता है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति और जमीन किसके हक में जाएगी और किस प्रकार के विभिन्न धारकों को कितना हिस्सा मिलेगा।

  • वसीयत का दस्तावेज तैयार करें। यह दस्तावेज व्यक्ति की समय की मृत्यु के बाद के समय के लिए उनकी संपत्ति के विभिन्न धारकों के लिए संपत्ति का विभाग करता है।
  • अगर कोई महिला वसीयत तैयार कर रही है, तो उसे उसकी सहायक, 2 गवाह और एक विधिक प्रतिनिधि के साक्षर की जरूरत हो सकती है।
  • वसीयत को दर्ज करने के लिए निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन करें, जिसमें वसीयत को एक कानूनी दस्तावेज के रूप में दर्ज करना शामिल है।

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बैनामा क्या होता है?

बैनामा (Gift Deed) एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसमें एक व्यक्ति अपनी संपत्ति के हक को किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर स्थानांतरित करता है, बिना किसी विपणि सौदे या खरीदारी के खिलाफ कुछ मूल्य या विनिमय की आवश्यकता के। इससे एक व्यक्ति अपनी संपत्ति को दूसरे व्यक्ति के नाम पर अनुभव करने के लिए स्थानांतरित कर सकता है, जैसे कि अपने संबंधितों, दोस्तों या अन्य व्यक्तियों के लिए। तहसील के न्यायालय में धारा 34 के तहत बैनामा दाखिल की जाती है। यहां विक्रेता का नाम हटा कर खतौनी पर अपना नाम दर्ज हो सकता है।

पट्टा क्या होता है?

पट्टा (Title Deed) एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसमें एक व्यक्ति या संपत्ति के मालिक का प्रमाण और विवरण दर्ज होते हैं। पट्टा विशेष जमीन या संपत्ति के मालिक की प्रमाणिक दस्तावेज होता है, और इसके माध्यम से यह प्रमाणित किया जाता है कि किसी व्यक्ति या संगठन का मालिक एक निश्चित संपत्ति पर है। यह दो प्रकार का होता है जैसे, कृषि और आवासीय।womans name in khatauni online

किसी महिला के नाम पर खतौनी दर्ज करवाने के नियम:

  • सबसे पहले वह संपत्ति के सबूत प्रस्तुत करें, जैसे कि जमीन के डॉक्यूमेंट्स, खसरा खतौनी और सम्बंधित दस्तावेज।
  • प्लेस ऑफ खतौनी पर जाएं: स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी के पास जाएं और उनसे खतौनी दर्ज करवाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
  • आवश्यक दस्तावेज, जैसे कि पहचान प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और बैंक खाता जैसे दस्तावेज प्रस्तुत करें जो खतौनी के दर्ज करने के लिए आवश्यक हो सकते हैं।
  • स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी के मार्गदर्शन के अनुसार, खतौनी प्रक्रिया को पूरा करें और अधिकार प्राप्त करें।
  • खतौनी के बाद, आपको खसरा खतौनी और सम्बंधित दस्तावेज दर्ज कराने के लिए तहसील में ग्राम सभा सदस्य, सरपंच और लेखपाल के मौजूदगी में होता है। अधिक जानकारी के लिए यहां https://upbhulekh.gov.in/ जानकारी ले सकते हैं। यहां आप ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।

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Pic: Freepik

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