दिल्ला एनसीआर और इसके आस पास के लोग गंभीर स्तर की जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों से सोलह गुना ज्यादा प्रदूषित हवा सांसों पर संकट खड़ा कर रही है।
दिल्ली की हवा में प्रदूषण कण पीएम 2.5 का स्तर 243 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा, जो डब्ल्यूएचओ के मानक से सोलह गुना से भी ज्यादा है। हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा है कि लोग आमतौर पर ही आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी, नाक और गले में खराश जैसी शिकायतें कर रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हवा में पीएम 2.5 का स्तर 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर पीएम 2.5 का स्तर इससे ज्यादा है तो वह हवा स्वास्थ्यकारी नहीं है। अगर इन मानकों पर दिल्ली की हवा को परखा जाए तो अभी दिल्ली एनसीआर की हवा में सोलह गुना ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
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हालांकि, भारतीय मानकों के अनुसार हवा में पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए। इसके मुताबिक दिल्ली की हवा में सामान्य चार गुना ज्यादा प्रदूषक कण है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र में वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ अविकल बताते है कि अपने देश के भौगोलिक कारकों और जलवायु के अनुसार अलग-अलग देशों ने अलग मानक तैयार किया है।
कैसे माप सकते हैं अपने शहर की एयर क्वालिटी?
अपने शहर की एयर क्वालिटी को मापने के कई तरीके हैं। एक तरीका है कि आप स्थानीय सरकार या पर्यावरण एजेंसी से संपर्क करें। वे आमतौर पर एयर क्वालिटी डेटा प्रदान करते हैं, जिसमें वर्तमान स्तर, औसत स्तर और लंबी अवधि के रुझान शामिल होते हैं।
आप ऑनलाइन एयर क्वालिटी डेटा भी चेक कर सकते हैं। कई वेबसाइटें और ऐप्स उपलब्ध हैं जो वास्तविक समय और एयर क्वालिटी डेटा की हिस्ट्री बताते हैं। आप अपने आप एयर क्वालिटी को मापने के लिए एक एयर क्वालिटी मॉनिटर खरीद सकते हैं। ये उपकरण आमतौर पर घर के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर एयर क्वालिटी डेटा प्रदान करते हैं।
ऐसे आप अपने शहर की एयर क्वालिटी को माप सकते हैं:
आप स्थानीय सरकार या पर्यावरण एजेंसी की वेबसाइट पर जाकर या उनसे सीधे संपर्क करके एयर क्वालिटी का डेटा हासिल कर सकते हैं।
एयर क्वालिटी मॉनिटर खरीद सकते हैं:
अगर आप अपने आप एयर क्वालिटी को मापना चाहते हैं, तो आप एक एयर क्वालिटी मॉनिटर खरीद सकते हैं। ये उपकरण आमतौर पर घर के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर एयर क्वालिटी डेटा प्रदान करते हैं।
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एयर क्वालिटी मॉनिटर चुनते समय इन बातों का रखें ध्यान:
- मापने वाले पैरामीटर: एयर क्वालिटी मॉनिटर अलग अलग पैरामीटरों को माप सकते हैं, जैसे कि पार्टिकुलेट मैटर (PM), ओजोन (O3), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), और सल्फर डाइऑक्साइड (SO2)।
- एयर क्वालिटी मॉनिटर की सटीकता महत्वपूर्ण होती है। यह तय करें कि आप एक भरोसेमंद ब्रांड से मॉनिटर खरीद रहे हैं।
- एयर क्वालिटी मॉनिटर की कीमत भी अलग अलग होती है। अपनी जरूरतों और बजट के लिए बेहतर मॉनिटर चुनें।

क्या होता है एयर क्वालिटी इंडेक्स?
2014 में वायु गुणवत्ता को मापने के लिए छह स्टेप्स के संदर्भ में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक लॉन्च किया गया था।
- अच्छा (Good) 0-50
- संतोषजनक (Satisfactory) 51-100
- मध्यम तौर पर प्रदूषित (Moderately Polluted) 101-200
- खराब (Poor) 201-300
- बहुत खराब (Very Poor) 301-400
- गंभीर (Severe) 401-500
पांच सौ से ऊपर सूचकांक की नहीं होती गणना:
- देश में आठ मानकों के आधार पर वायु गुणवत्ता सूचकांक तैयार किया जाता है।
- इसमें पीएम 10. पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, लेड, अमोनिया, ओजोन और सल्फर डाई आक्साइड शामिल हैं।
- इस आधार पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) 500 तक वायु गुणवत्ता सूचकांक की गणना करता है।
- पांच सौ से ऊपर की गणना सीपीसीबी द्वारा नहीं की जाती है।
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