Tips to increase kids focus on studies after vacation समर वेकेशन के बाद स्कूल जब खुलते हैं तो 15-20 दिन तो बच्चे एडजस्ट नहीं कर पाते हैं। क्योंकि, एक-डेढ़ महीने की छुट्टियों में पूरा दिन खेल, घूमना-फिरना और आराम की आदत बच्चों की दिनचर्या का हिस्सा बन जाती है। ऐसे में स्कूल से लेकर घर में पढ़ाई में मन लगाना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है। कई बच्चे क्लास में टीचर क्या पढ़ा रही है उसपर ध्यान नहीं दे पाते हैं, तो कुछ आकर होमवर्क नहीं कर पाते हैं। जिसका उनकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है। ऐसे में पैरेंट्स की जिम्मेदारी होती है कि वह बच्चों को सही रास्ता दिखाएं और उनका पढ़ाई पर फोकस करवाएं।
अगर बच्चे पर ध्यान दिया जाए तो बिना किसी परेशानी और तनाव के उसे स्कूल के रूटीन में ढाला जा सकता है और उसका ध्यान पढ़ाई में फिर से लगाया जा सकता है। हालांकि, इन सब में सबसे ज्यादा जरूरी है कि बच्चे पर किसी भी तरह का जरूरत से ज्यादा दबाव न डाला जाए, बल्कि उसे मोटिवेट किया जाए। अगर आप भी अपने बच्चे को मोटिवेट करना चाहते हैं और उसका फोकस पढ़ाई पर करवाना चाहते हैं तो यहां 6 टिप्स बताए जा रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।
बच्चों का पढ़ाई में फोकस कैसे करवाया जा सकता है?
रुटीन री-स्टार्ट प्लान
स्कूल खुलने के बाद बच्चों को सबसे ज्यादा रुटीन सेट करने में टाइम लगता है। ऐसे में बच्चों की मदद करें और उनके लिए रुटीन री-स्टार्ट प्लान बनाएं। इसमें बच्चों के लिए सुबह उठने से लेकर होमवर्क तक, का रुटीन बनाएं। इसे किसी टास्क की तरह नहीं, बच्चों के लिए खेल की तरह बनाएं। जिसमें काम पूरा करने पर उन्हें ईनाम, स्टार, स्टीकर या प्वाइंट्स दें। इससे बच्चों को मोटिवेशन मिलता रहेगा।
माइक्रो स्टडी सेशेन्स
बच्चों की छुट्टियों में ज्यादा लंबे समय तक पढ़ने की आदत छूट जाती है। ऐसे में उन्हें 2-3 घंटे लगातार नहीं, बल्कि उन्हें बीच में गैप भी दें। यह गैप आप 10 से 15 मिनट का रख सकती हैं, ऐसा करने से वह ठीक से पढ़ पाएंगे और अच्छी तरह परफॉर्म भी कर पाएंगे।
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री-कैप टाइम
बच्चा जब स्कूल से लौटे तो हर दिन उससे कम से कम 15 मिनट से लेकर आधा घंटा री-कैप टाइम दें। यानी स्कूल में जो-जो हुआ किस टीचर ने क्या पढ़ाया, किस टॉपिक पर पढ़ाया इसके बारे में पूछें। ऐसा करने से आपको पता लग पाएगा कि बच्चा स्कूल में कितना ध्यान दे रहा है और उसका कितना कॉन्सेप्ट क्लीयर है।
पढ़ाई बोरिंग न बनाएं
बच्चों को किताबें रटना नहीं, बल्कि उनसे सीखने के बारे में समझाएं। इसके लिए जरूरी है कि पढ़ाई बच्चे को बोरिंग न लगे। आप बच्चों को खेल-खेल में भी किसी चीज का सबक दे सकती हैं। इसके अलावा उनकी पढ़ाई में पिक्चर चार्ट्स, रंग-बिरंगे नोट्स और ऑडियो-वीडियो टूल्स का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
फोकस एरिया बनाएं
बच्चों की पढ़ाई के लिए घर में एक शांत, रंगीन और अट्रेक्टिव कॉर्नर बना सकती हैं। लेकिन, ध्यान रहे कि इस कॉर्नर में बच्चों के खिलौने या गैजेट्स न रखें। ऐसा करने से उनका ध्यान भटक सकता है। बल्कि, स्टडी कॉर्नर में मोटिवेशनल कोट्स लगाए जा सकते हैं, यह पॉजिटिव माहौल देने में मदद कर सकते हैं।
नींद भी है जरूरी
स्कूल खुलने और डेली रूटीन में अगर कोई चीज पीछे छूटती है तो वह नींद होती है। जब नींद पूरी नहीं होती है बच्चे का फोकस कम होता है और वह चिड़चिड़ा भी होने लगता है। ऐसे में बच्चों को पर्याप्त नींद मिल सके, इसका जरूर ध्यान रखें।
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फिजिकल एक्टिविटी
बच्चों को स्कूल और पढ़ाई में इतना भी न उलझाएं कि उसकी फिजिकल एक्टिविटी छूट जाए। बच्चे बाहर खेलने जाएं और फिजिकल एक्टिविटी करें, यह भी ध्यान रखें। क्योंकि, फिजिकल एक्टिविटी और आउटडोर गेम्स से बच्चों का शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से विकास होता है। (बच्चों की पढ़ाई में काम आएंगे ये टिप्स)
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