उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी अधिकार और अनुशासन का प्रतीक है। यह राज्य की कानून प्रवर्तन एजेंसी और व्यवस्था बनाए रखने तथा नागरिकों को सुरक्षित रखने में उनकी भूमिका का प्रतिबिंब है। यूपी पुलिस की वर्दी पर रंग और प्रतीक चिन्ह बहुत महत्व रखते हैं और जनता को संदेश देने के लिए इन्हें सावधानी से चुना गया है। इस लेख में आज हम आपको पुलिस वर्दी पर लगे सितारों से कैसे उनके पद के बारे में पता लगा सकते हैं। इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
कांस्टेबल पद तीन भागों में बंटा हुआ है। बता दें कांस्टेबल पुलिस विभाग में सबसे निचला पद होता है। उनके कंधे पर एक खाली पट्टी होती है, जिसके नीचे राज्य का नाम लिखा होता है। साथ ही एक गोल टोपी होती है। इसके बाद वरिष्ठ कांस्टेबल, जिनकी वर्दी की दोनों आस्तीन पर दो V आकार की लाल/सफेद/पीली (राज्य के आधार पर) रंग की रेखाएं होती हैं। तीसरा हेड कांस्टेबल, जिनकी वर्दी की दोनों आस्तीन पर तीन V आकार की लाल/सफेद/पीली (राज्य के आधार पर) लाइन्स होती हैं।
सहायक उप-निरीक्षक के कंधे के पट्टे पर एक सितारा होता है, उसके नीचे एक लाल और नीली पट्टी होती है। उसके नीचे राज्य का नाम होता है।
सहायक सब-इंस्पेक्टर के कंधे के पट्टे पर दो स्टार (पीले रंग के) होते हैं, उसके नीचे एक लाल और नीली पट्टी होती है, और उसके नीचे राज्य का नाम होता है।
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इंस्पेक्टर के कंधे के पट्टे पर तीन स्टार होते हैं, उसके नीचे लाल और नीली पट्टी होती है। उसके नीचे राज्य का नाम होता है।
पुलिस उप-अधीक्षक के कंधे के पट्टे पर तीन सितारे (सफेद रंग के) होते हैं, और उसके नीचे राज्य का नाम होता है। ध्यान दें, इस तरह के पदनामों के लिए कोई लाल और नीली पट्टी नहीं है। यही बैज सहायक पुलिस आयुक्त के लिए भी है। एसीपी का पद केवल मेट्रो शहरों में ही होता है क्योंकि आयुक्तों के पदनाम की अवधारणा ज्यादातर मेट्रो शहरों के लिए है।
प्रशिक्षण के प्रथम वर्ष में इसके ऊपर एक स्टार लगा होता है और उसके नीचे आई.पी.एस. लिखा होता है। प्रशिक्षण के दूसरे वर्ष में उन्हें दो स्टार मिले और उसके नीचे आई.पी.एस. लिखा हुआ होता है। वहीं ट्रेनिंग के तीसरे वर्ष में उनके पास तीन स्टार हैं और उन पर आईपीएस लिखा होता है। वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के कंधे पर अशोक चिन्ह है और उसके नीचे आईपीएस लिखा होता है। पुलिस अधीक्षक पद पर नियुक्त लोगों की वर्दी पर अशोक चिन्ह, एक सितारा और उसके नीचे आईपीएस लिखा होता है।
एसएसपी के ऊपर अशोक चिन्ह, दो सितारे (सफेद रंग के) और उसके नीचे आईपीएस लिखा होता है। यही बैज पुलिस उपायुक्त के लिए भी है । एसीपी का पद केवल मेट्रो शहरों में ही होता है, क्योंकि आयुक्तों के पदनाम की अवधारणा ज्यादातर मेट्रो शहरों के लिए है।
डीआईजी के पास अशोक चिह्न, तीन सितारे (सफेद रंग के) और उसके नीचे आईपीएस लिखा होता है। डीआईजी के आधिकारिक वाहन पर एक सितारा और त्रिकोणीय झंडा, जो लाल और नीला होता है।
आईजीपी पद पर नियुक्त व्यक्तियों के पास एक सितारा, एक तलवार और एक छड़ी का क्रॉस-क्रॉस होता है और उसके नीचे आईपीएस लिखा होता है। एक आईजीपी के आधिकारिक वाहन पर दो सितारे और एक झंडा, जो लाल और नीला रंग का होता है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पास अशोक चिन्ह, तलवार और डंडे का क्रॉस-क्रॉस और उसके नीचे IPS लिखा होता है। उनके आधिकारिक वाहन पर तीन सितारे और एक आयताकार झंडा लाल और नीला होता है।
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पुलिस महानिदेशक के पास अशोक चिह्न, तलवार और डंडे का क्रॉस-क्रॉस और उसके नीचे IPS लिखा होता है। उनके आधिकारिक वाहन पर भी तीन सितारे और एक आयताकार झंडा लाल और नीला होता है।
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