अगर मजबूत चप्पलों के बारे में किसी बड़े-बुजुर्ग से पूछा जाए, तो वह हवाई स्लीपर के अलावा कोल्हापुरी चप्पल के बारे में जरूर बताते हैं। और हो भी क्यों न ये चप्पलें न केवल पैरों को राहत देते हैं बल्कि दिखने में भी सुंदर लगते हैं। बनावट और इनकी डिजाइन इतनी प्यारी होती है, कि इन्हें अमूमन सभी कपड़ों पर पहनी जा सकती हैं। बीते कुछ दिनों पहले ये चप्पलें दोबारा से सोशल मीडिया पर ट्रेंड में है। बता देंकि इतालवी फैशन हाउस प्राडा ने अपने एक फैशन शो में कोल्हापुरी चप्पल जैसी दिखने वाली चप्पलें अपने शो पर दिखाई। लेकिन कोल्हापुरी चप्पलों को इतिहास काफी पुराना है। कोल्हापुरी चप्पल अपने डिजाइन लंबे समय तक चलने और पारंपरिक कारीगरी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस खूबी के कारण कोल्हापुरी चप्पलें आमतौर पर लोग खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन इसे खरीदते समय कुछ बातों का खास ध्यान देने की जरूरत होती है। अन्यथा आप असली की जगह नकली चप्पल महंगे दामों में खरीदकर घर ले आएंगी।
अगर आप कोल्हापुरी चप्पल खरीदने निकले हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। इस लेख में आज हम आपको कुछ ऐसे सीक्रेट टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप असली और नकली चप्पल की पहचान कर पाएंगे।
असली कोल्हापुरी चप्पलों की क्या है पहचान?
असली कोल्हापुरी चप्पलों की पहली और सबसे खास बात यह है कि इन्हें पूरी तरह से हाथ से बनाया जाता है। मशीन की बुनाई बेहद बारीक और एक जैसी होती है। अगर आप जिस चप्पल को खरीद रहे हैं। उस पर महीन बुनाई दिखाई दें, तो समझ जाइएगा कि वह नकली कोल्हापुरी चप्पल है। कोल्हापुरी चप्पलों को पूरा हाथ से तैयार किया जाता है। फिर चाहे इसकी कटिंग हो बुनाई हो या सिलाई। ऐसे में आपको एक जोड़ी की दो चप्पलों में काम थोड़ा ऊपर-नीचा दिखाई दे सकता है।
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लेदर की क्वालिटी
असली और नकली कोल्हापुरी चप्पल की पहचान करने का आसान तरीका चमड़े की परख है। असली लेदर की चप्पलों को मोड़ने से उनके बीच किसी प्रकार की कोई लाइन या क्रैक नहीं आता है। इतना ही नहीं बल्कि असली चप्पले थोड़ी महंगी होती है। नकली चप्पलों में लेदर के साथ-साथ प्लास्टिक या फिर सिटेंथिक चीजों का मिश्रण होता है, जो इन्हें सस्ता बनाता है।
बनावट में खास है पैटर्न
किसी भी चीज की अगर पहचान करनी है, तो उसकी बनावट और डिजाइन के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। ऐसा ही कुछ हाल असली और नकली कोल्हापुरी चप्पलों को पहचानने के बीच में है। असली चप्पलें पारंपरिक डिजाइन जैसे कि टी-शेप स्ट्रैप, रंगीन धागे, मिरर वर्क और लेस के साथ बनाई जाती हैं। साथ ही जगह के अनुसार इसमें डिजाइन शामिल किया जाता है। वहीं अगर बात नकली चप्पल की करें, तो इनके डिजाइन अलग या फिर अधूरे से लग सकते हैं।
वजन है खास पहचान
आखिरी और सबसे अहम बात, जो इन चप्पलों को असली और नकली होने का मोहर लगाती है, वह है इनका वजन। बता दें कि असली कोल्हापुरी चप्पल हल्की, आरामदायक और नरम होती है। वहीं नकली चप्पलें भारी और कठोर क्वालिटी वाली हो हो सकती हैं।
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Image Credit- freepik
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