सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर ने 9 महीने बाद धरती पर वापिसी की है। दोनों स्पेस में 286 दिन बिताने के बाद धरती पर वापस लौटे हैं। ये दोनों आठ दिन के मिशन पर अंतरिक्ष गए थे मगर स्पेस क्राफ्ट में तकनीकी दिक्कतों की वजह से उन्हें लंबे वक्त तक वहां फंसे रहना पड़ा। हालांकि, अब दोनों सफलतापूर्वक वापिस आ चुके हैं और इसे लेकर सभी में उत्साह की लहर है। इन दोनों ने एक बहुत लंबा वक्त अंतरिक्ष में बिताया। अंतरिक्ष में रहना, चलना या अन्य कोई भी काम करना धरती से बिल्कुल अलग होता है। यहां से लौटने के बाद किसी भी एस्ट्रोनॉट को नॉर्मल रूटीन में लौटने में काफी वक्त लग जाता है। अंतरिक्ष में रहने का असर, एस्ट्रोनॉट्स की फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर भी होता है। हमने बचपन से पढ़ा और सुना है कि अंतरिक्ष में सब कुछ घूमता रहता है। ग्रह, तारे और आकाशगंगा..स्पेस में कुछ भी स्थिर नहीं रहता है। तो क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया कि आखिर सुनीता विलियम्स जैसे एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष में कैसे चलते हैं? चलिए, आपको बताते हैं कि स्पेस में सब कुछ घूमता क्यों रहता है और अंतरिक्ष यात्री स्पेस में चलते कैसे हैं।
स्पेस में सब कुछ घूमता क्यों रहता है?
हमने बचपन से यह पढ़ा है कि स्पेस में कुछ भी स्थिर नहीं है। पृथ्वी, सूर्य और गैलेक्सीज सभी घूमते रहते हैं। यहां तक कि जो सैटेलाइट धरती से स्पेस में भेजे जाते हैं, वे भी घूमते हैं। पृथ्वी के अपने धुरी पर घूमने की वजह से ही दिन-रात होते हैं। जहां पृथ्वी, सूरज के चारों ओर घूमती है। वहीं सूरज, आकाशगंगा के चारों को घूमता है। लेकिन, क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि आखिर स्पेस में सब कुछ घूमता क्यों रहता है। बताया जाता है कि क्योंकि ब्रह्मांड लगातार फैल रहा है और इसलिए स्पेस में हर चीज मूव करती है। अगर यह सब कुछ रुक जाए, तो विस्फोट हो जाएगा और इतनी एनर्जी रिलीज होगी कि सब खत्म हो सकता है।
आखिर सुनीता विलियम्स जैसे एस्ट्रोनॉट्स धरती में चलते कैसे हैं?
अब सवाल यह उठता है कि अगर स्पेस में सब कुछ घूमता रहता है, तो फिर सुनीता विलियम्स जैसे एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष में चलते कैसे हैं। दरअसल, अंतरिक्ष में जीरो ग्रेविटी होती है और इसलिए, यहां सब कुछ तैरता रहता है। इसलिए, यहां पर चलना धरती पर चलने जैसा बिल्कुल नहीं है। स्पेस में चलने के लिए खास तकनीक का इस्तेमाल होता है। स्पेस में किसी एस्ट्रोनॉट के चलने को स्पेसवॉक कहा जाता है। अंतरिक्ष यात्री जिस तरह का स्पेस सूट पहने हैं, उसकी वजह से उन्हें स्पेस में वैक्यूम महसूस नहीं होता है। स्पेस सूट में जेट पैक भी होता है। इससे हवा निकलती है और वह एस्ट्रोनॉट्स को धीरे-धीरे चलाती है और वह मूव कर पाते हैं। अंतरिक्ष में वॉक करते समय, अंतरिक्ष यात्री अपने स्पेस क्राफ्ट से बंधे रहते हैं।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Twitter/Nasa
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों