हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का अत्यधिक महत्व है। यह त्योहार प्रकृति और मनुष्य की श्रद्धा का अच्छा उदाहरण है। गोवर्धन पूजा जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है यह कार्तिक माहीने में शुक्ल पक्ष के पहले दिन यानी प्रतिपदा को मनाया जाता है और आमतौर पर यह दिवाली के पर्व के अगले दिन ही मनाया जाता है।
यह पूरे इस पर्व को देश में बड़ी श्रद्धा से और अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन इसका सार उत्तर भारत में विशेष रूप से मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल और बरसाना सहित व्रज भूमि के क्षेत्रों में देखने को मिलता है।
इस त्योहार को मनाने के पीछे का कारण भगवान् कृष्ण के समय से जुड़ा है और इसका विशेष महत्व है। भगवान कृष्ण ने एकबार सभी ग्राम वासियों को इंद्र के अहंकार से बचाया था और उन्हें गोवर्धन पूजा के लिए प्रेरित किया था। तभी से इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है और इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत की पूजा का विधान है। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस साल कब मनाया जाएगा यह पर्व और इसका महत्व क्या है।
गोवर्धन पूजा 2022 की तिथि औरशुभ मुहूर्त
आमतौर पर गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन प्रतिपदा तिथि को पड़ती है। लेकिन इस साल इस तिथि में सूर्य ग्रहण का साया होने की वजह से इसे 26 अक्टूबर के दिन मनाना ही शुभ होगा।
- गोवर्धन पूजा तिथि-26 अक्टूबर 2022, बुधवार
- प्रतिपदा तिथि आरंभ- 25 अक्टूबर, मंगलवार, शाम 04:18 बजे से
- प्रतिपदा तिथि समापन- 26 अक्टूबर, बुधवार, दोपहर 02:42 तक
- पूजा का शुभ मुहूर्त- 26 अक्टूबर प्रातः 06:29 से 08:43 तक
गोवर्धन पूजा विधि
- इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत के आकार का चित्र बनाएं और उसे पीले फूलों से सजाएं।
- इस गोवर्धन पर्वत के पास 56 भोग प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।
- धूप, दीप जलाएं और फल तथा अन्य प्रसाद की सामग्री चढ़ाकर पूजन करें। इस दिन 6 तरह की सब्जियों का भोग अर्पित करने का विधान है।
- गाय के गोबर से तैयार गोवर्धन पर्वत के ऊपर दीपक रखें और पूजन करें। इस दिन कुशल शिल्पकारों के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी की जाती है।
- पूजा के लिए गाय के गोबर से तैयार गोवर्धन की परिक्रमा करें और गोवर्धन की कथा का पाठ करें।
- शाम के समय इस गोबर की आकृति को समेटकर एक जगह इकठ्ठा कर दें और उसके ऊपर दीया प्रज्ज्वलित करके घर के मुख्य द्वार पर रखें।
गोवर्धन पूजा की कथा
गोवर्धन पूजा का महत्व
गोवर्धन पूजा का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत ज्यादा है। ऐसी मान्यता है कि इस पूजा को करने वाला व्यक्ति सीधा प्रकृति से सामंजस्य बनाता है। इसमें गोबर से बने पर्वत की विधि विधान से पूजा करने और भगवान कृष्ण को भोग लगाने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन गाय की पूजा करने का भी विधान है। मान्यता है कि गाय की पूजा से 33 करोड़ देवताओं की पूजा के बराबर फल मिलता है। जो व्यक्ति गोवर्धन पूजा करता है उसके धन, संतान, समृद्धि में कभी कमी नहीं आती है और उसका यश समाज में बढ़ता रहता है।
इस प्रकार जो भी विधि विधान से गोवर्धन पूजा करता है उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलने के साथ भगवान् कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: wallpapercave.com, wikipedia.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों