लॉकर में रखा महिला का 12 लाख का सोना हुआ चोरी, Bank Locker में रखा सोना हो जाए चोरी तो क्या मिलता है मुआवजा? जानिए RBI के नियम

हाल ही में आपने बेंगलुरु की एक महिला के बारे में सुना होगा, जिनके बैंक लॉकर से 12 लाख रुपये के गहने चोरी हो गए। जब उन्होंने बैंक से बात की, तो बैंक अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया। यह खबर सुनकर कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि अगर बैंक लॉकर से हमारा सामान चोरी हो जाए, तो क्या बैंक हमें मुआवजा देता है? और इस बारे में RBI के क्या नियम हैं?
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हाल ही में बेंगलुरु से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 54 साल की महिला ने आरोप लगाया है कि उसके SBI डॉलर्स कॉलोनी शाखा के बैंक लॉकर से करीब 12 लाख रुपये के गोल्ड और डायमंड्स के जेवर चोरी हो गए हैं। महिला साल 2023 से बैंक लॉकर सुविधा का इस्तेमाल कर रही थी और जब वह मार्च 2025 को लॉकर चेक करने पहुंची, तो सारे गहने गायब थे। जब उसने बैंक अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने कुछ भी पता होने से इनकार कर दिया। वहीं, अब महिला ने इसकी शिकायत पुलिस में की है और FIR दर्ज कराई है ताकि जांच शुरू हो सके। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर आपने अपने कीमते गहनों को बैंक लॉकर में रखा है और एक दिन आप बैंक पहुंचते हैं और पाते हैं कि लॉकर खाली है, तो इसमें बैंक की क्या जिम्मेदारी होगी, क्या बैंक मुआवजा देगी और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियम इस बारे में क्या हैं।

क्या बैंक लॉकर की चोरी की जिम्मेदारी लेते हैं?

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पुराने जमाने में भारत के अधिकतर बैंक यही कहते थे कि वे केवल लॉकर किराए पर देते हैं और उसके अंदर क्या रखा गया है, उसकी जिम्मेदारी बैंक की नहीं है। लेकिन अब ऐसा नहीं है, क्योंकि साल 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लॉकर से जुड़े पुराने नियमों में बदलाव किया था। RBI ने साल 2021 में एक सर्कुलर जारी किया था जिसके तहत बैंकों को अब लॉकर सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की बात कही गई थी। अगर उनकी तरफ से कोई लापरवाही होती है, तो बैंक को ग्राहक को मुआवजा देना होगा।

RBI का मुआवजा नियम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साफ कर दिया है कि अगर किसी बैंक की लापरवाही की वजह से कस्टमर के लॉकर में रखी चीजें चोरी हो जाती हैं, जल जाती हैं या किसी हादसे में नष्ट हो जाती हैं, तो बैंक को कस्टमर्स को मुआवजा देना होगा। लेकिन, इसकी एक सीमा तय की गई है।

अगर चोरी, आगजनी, डकैती या बिल्डिंग गिरने जैसे कारणों से लॉकर का सामान बर्बाद हो जाता है और अगर साबित हो जाता है कि बैंक ने सुरक्षा में लापरवाही बरती, तो बैंक को ज्यादा मुआवजा देना पड़ेगा।लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना तक। उदाहरण के तौर पर अगर आप हर साल अपने लॉकर के लिए 2,000 रुपये किराया देते हैं। अगर बैंक की गलती से आपका 5 लाख का सोना चोरी हो जाता है, तो बैंक आपको 20,000X100= 2,00,000 लाख रुपये तक ही मुआवजा देगा।

कब नहीं मिलेगा मुआवजा?

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भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, अगर बैंक की गलती या लापरवाही साबित नहीं हो पाती है, नुकसान प्राकृतिक आपदा की वजह से होता है या आपके पास साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है, तो आपको बैंक से मुआवजा नहीं मिल पाएगा।

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लॉकर में क्या रखा था, इसका सबूत क्यों जरूरी है?

आमतौर पर बैंक आपसे नहीं पूछता है कि आपने लॉकर में क्या रखा है। लेकिन, जब नुकसान होता है, तो आपको साबित करना होता है कि लॉकर में क्या रखा था। इसलिए आपको लॉकर के अंदर रखे सामान की फोटो खींचकर रखनी चाहिए।

इसके अलावा, गहने खरीदने की रसीदें, valuation certificate और डॉक्यूमेंट्स को भी संभालकर रखना चाहिए ताकि कभी लॉकर से चोरी हो जाए, तो इन डॉक्यूमेंट्स से आप यह साबित कर सकते हैं कि लॉकर में क्या रखा था। इस सबूत के जरिए ही आपको बैंक या बीमा कंपनी से मुआवजा मिल सकता है।

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Image Credit - freepik, herzindagi
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