How dollar affects gold price: भारत में सोने की डिमांड त्योहारों और शादियों के सीजन में बढ़ जाती है। ऐसे में कई लोगों को लगता है कि डिमांड की वजह से सोने की कीमत बढ़ती है। यह लॉजिक पूरी तरह से गलत तो नहीं है, लेकिन सोने की कीमत बढ़ने और कम होने के पीछे डॉलर का हाथ भी होता है। जी हां, यह सुनकर आपको हैरानी हो सकती है कि मगर यह सच है। सोने और डॉलर के बीच एक अपोजिट कनेक्शन है। इसी कनेक्शन की वजह से ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमत बढ़ती और कम होती है, जिसका असर भारतीय सर्राफा बाजार में देखने को मिलता है।
सोने और डॉलर के बीच क्या कनेक्शन है? अगर आप इस सवाल का जवाब सोच रही हैं, तो बता दें इन दोनों के बीच अपोजिट कनेक्शन होता है। आइए, यहां समझते हैं कि सोने और डॉलर के बीच का अपोजिट कनेक्शन कैसे काम करता है, जिसकी वजह से गोल्ड रेट बढ़ता और कम होता है।
सोने और डॉलर के बीच क्या कनेक्शन है?
ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स की हाल ही में एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक साल 2025 में गोल्ड की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। सोने की कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के पीछे अमेरिकी डॉलर का बड़ा हाथ माना जा रहा है। हालांकि, सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे अमेरिकी डॉलर अकेली वजह नहीं है लेकिन, इसे बड़ा कारण जरूर माना जा रहा है।
सोने की कीमत और डॉलर के बीच अपोजिट कनेक्शन होता है। जब-जब डॉलर कमजोर होता है तो सोने की कीमत कम हो जाती है। कीमत कम होने से सोने की डिमांड बढ़ जाती हैं। फिर जैसे ही डिमांड बढ़ती है, सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होने लगती हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2025 में डॉलर 100 इंडेक्स नीचे आया है, जिसकी वजह से सोने की कीमतों में तगड़ा उछाल देखे को मिला है। कहा जा रहा है कि बीते 3 सालों में डॉलर अपने सबसे निचले इंडेक्स पर है। जिसका यह असर देखने को मिला है कि साल 2025 में सोने की कीमत 5 या 10 परसेंट नहीं, बल्कि 25 परसेंट से ज्यादा बढ़ी हैं।
क्यों अमेरिकी डॉलर गिर रहा है?
दुनियाभर की सभी करेंसी में अमेरिकी डॉलर को सबसे मजबूत माना जाता है। यही वजह है कि निवेश के लिए ज्यादातर निवेशकों की पसंद अमेरिकी डॉलर होता है। लेकिन, पिछले एक साल में डॉलर इंडेक्स गिर रहा है और इसके पीछे की वजह अमेरिकी इलेक्शन और उसके बाद टैरिफ पॉलिसी में बदलाव माने जा रहे हैं।
डॉलर कमजोर होने पर सोने की कीमतों के साथ क्या होता है?
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में लगातार गिरावट होती है, तो सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होने लगती है। यह तो आप समझ ही गई होंगी। लेकिन, साथ ही यह समझ लें कि ऐसा क्यों होता है। बता दें, डॉलर जब कमजोर होता है तो निवेशक अपने पैसा निकालना शुरू कर देते हैं और दूसरी कीमती धातुओं में लगाना शुरू कर देते हैं। इन कीमती धातुओं में सोना भी शामिल है।
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निवेशक ऐसा अपना पैसा बचाने के लिए करते हैं। वह एक चीज से पैसा निकालते हैं और दूसरी में लगा देते हैं। सोना ज्यादातर निवेशकों की पहली और भरोसेमंद पसंद माना जाता है।
हालांकि, अभी सोने में इन्वेस्ट करना कितना फायदेमंद होगा और कितना नहीं, यह कहना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि, सोने की कीमतें काफी हद तक आगे होने वाले टैरिफ वॉर और ग्लोबल पॉलिटिकल वॉर पर निर्भर करता है।
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Image Credit: Freepik
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