क्या 28 साल की उम्र के बाद समाप्त हो जाता है मांगलिक दोष? जानें ज्योतिषीय राय

शादी के बंधन को मजबूत बनाने और रिश्तों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए शादी के पहले कुंडली मिलान की सलाह दी जाती है। इससे जीवन में किसी भी तरह के दोषों का पता लगाकर उसे दूर किया जा सकता है। 

 

mangalik dosh ke upay

हिंदू धर्म में किसी भी शादी से पहले कुंडली मिलान की प्रथा सदियों से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि यदि कुंडली सही तरह से मिलाई जाती है तो जीवन में आने वाली कई बाधाएं दूर हो सकती हैं और आपका रिश्ता जन्म जन्मांतर तक मजबूत बना रहता है।

कुंडली मिलान के साथ देखा जाता है कि वर और वधु की कुंडली में कोई ऐसा दोष तो नहीं है जिससे शादी के दौरान या बाद में कोई बाधा आए। मुख्य रूप से मांगलिक दोष और नाड़ी दोष को ध्यान में रखकर ही शादी की रस्मों को आगे बढ़ाया जाता है।

ऐसी मान्यता है कि यदि किसी एक की कुंडली में मांगलिक दोष है और दूसरे के में नहीं है तो आगे चलकर वैवाहिक जीवन में कई समस्याएं हो सकती हैं। इसी वजह से मंगल दोष के निवारण के लिए कई ज्योतिष उपाय भी आजमाएं जाते हैं जैसे शादी के पेड़ से शादी करना या फिर अन्य मन्त्रों से इसका निवारण किया जाता है।

एक प्रश्न यह भी उठता है कि क्या किसी भी व्यक्ति की शादी यदि 28 साल की उम्र के बाद होती है तो मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है? इस बात के बारे में विस्तार से जानकारी पाने के लिए हमने ज्योतिषाचार्य डॉ राधा कांत वत्स जी से बात की। आइए उनसे जानें इसके बारे में विस्तार से।

शादी के पहले कुंडली मिलान क्यों जरूरी होता है

why kundali milan is required

जब भी शादी की बात आती है तो एक आदर्श रिश्ता ढूंढना कठिन होता है, किसी नए रिश्ते में प्रवेश करने के लिए कई बातें बहुत जरूरी होती हैं जिनमें से एक हैं कुंडली मिलान (शादी से पहले क्यों किया जाता है कुंडली मिलान)। यह इसलिए जरूरी माना जाता है क्योंकि शादी का रिश्ता कितना मजबूत रहेगा ये जान पाना कठिन होता है।

ऐसे में कुंडली मिलान को रिश्ते की मजबूती का आधार माना जाता है और कुंडली मिलाते समय मुख्य रूप से ध्यान रखा जाता है कि इसमें कोई दोष न हो। इसी आधार पर शादी को आगे बढ़ाया जाता है कि कुंडली मिलान आपके विचारों और रिश्ते की मजबूती का आधार बन जाए।

शादी में सबसे अच्छा कुंडली मिलान किसे माना जाता है

एक अच्छे कुंडली मिलान में मांगलिक मिलान को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मांगलिक व्यक्ति को केवल मांगलिक से ही विवाह करना चाहिए या ऐसे व्यक्ति से विवाह करना चाहिए जिसकी कुंडली में मांगलिक दोष समाप्त हो गया हो।

ज्योतिष के अनुसार एक महत्वपूर्ण बात सामने आती यह है कि क्या मंगल दोष निश्चित आयु के बाद स्वाभाविक रूप से समाप्त हो जाता है ? कुछ ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है कि मंगल दोष 28 वर्ष के बाद समाप्त हो जाता है।

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क्या 28 साल की आयु के बाद कुंडली में मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है

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ज्योतिषाचार्य डॉ राधा कान्त वत्स जी बताते हैं कि किसी भी जातक की कुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में है तो मंगल दोष या मंगल भारी माना जाता है। कुंडली में चंद्र लग्न, सूर्य लग्न और शुक्र लग्न से मंगल दोष देखा जाता है।

वहीं यह बात भी सत्य है कि कुंडली में मांगलिक दोष 28 साल की उम्र तक ही रहता है। हालांकि यह बात सबके लिए एक जैसी नहीं होती है और मांगलिक दोष की अवधि आपकी राशि के अनुसार भी तय की जाती है। मेष, कर्क, वृश्चिक राशि के लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष जीवन भर के लिए नहीं रहता है।

ऐसा माना जाता है कि पूर्ण मंगल दोष सूर्य और चंद्रमा के एक दूसरे के कुंडली में विपरीत होने से लगता है, जिससे विवाह में बाधाएं आ सकती हैं।

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कुंडली में कब होता है मांगलिक दोष

जब मंगल जन्म कुंडली के 1, 4, 7, 8 और 12वें घर में होता है तो जातक को मांगलिक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि 28 वर्ष की आयु तक इसका प्रभाव बहुत ज्यादा होता है और कई लोगों की राशि और कुंडली में 28 साल की उम्र के बाद ये समाप्त हो जाता है, वहीं कुछ लोगों के लिए इसका असर पूरे जीवन रहता है।

जिनकी कुंडली में मंगल दोष (कुंडली में है मंगल दोष तो अपनाएं ये उपाय) समाप्त होने के संकेत होते हैं उन्हें 28 साल की उम्र के बाद ही शादी करने की सलाह दी जाती है। हालांकि मांगलिक दोष प्रबल होने पर भी लड़के और लड़की की कुंडली का सही मिलान करने और इससे जुड़े उपाय करने से उनके वैवाहिक जीवन में मंगल का प्रभाव कम हो जाता है।

ज्योतिष में किसी भी शादी के पहले कुंडली मिलान को जरूरी माना जाता है और कोई दोष होने पर इसके निवारण के उपायों की सलाह भी दी जाती है। हालांकि यह आपकी व्यक्तिगत सोच पर भी निर्भर करता है कि आपको शादी करने से पहले कुंडली मिलान करना है या नहीं।

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Images: Freepik.com

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