चलाती हैं इलेक्ट्रिक स्कूटर? जान लीजिए PUC सर्टिफिकेट की पड़ती है जरूरत या नहीं

दिन प्रति दिन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं और वहीं लोगों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तरफ रुख कर लिया है। अगर आपके पास इलेक्ट्रिक स्कूटर है, तो आपको जान लेना चाहिए कि पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट बनवाने की जरूरत पड़ेगी कि नहीं? 
do electric scooters need a pollution under control certificate in india know the rules

आज के समय में जहां हर किसी के पास कार या बाइक हो चुकी है, वहीं दूसरी तरफ वायु प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। दिन प्रति दिन पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में लोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक कार से लेकर स्कूटर तक बाजार में कई नए इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च हो रहे हैं, जो ज्यादा रेंज, बढ़िया फीचर्स और अच्छी परफॉर्मेंस देने का वादा करते हैं।

अगर आप ईवी स्कूटर खरीदने जा रही हैं, तो आपको इससे जुड़े नियम-कायदों को जान लेना चाहिए। अगर आपके मन में सवाल आता है कि इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए PUC यानी Pollution Under Control Certificate की जरूरत पड़ती है या नहीं, तो हम इस आर्टिकल में आपको बता देते हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन कैसे काम करता है?

Pollution Under Control Certificate for EV

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आमतौर पर पेट्रोल या डीजल की जगह बिजली से चलता है। इसकी बैटरी को पहले चार्ज किया जाता है और तब गाड़ी चलती है। इलेक्ट्रिक वाहनों में इलेक्ट्रिक मोटर होती है, जो बैटरी से मिलने वाली बिजली की मदद से काम करती है। इलेक्ट्रिक वाहन के मुख्य हिस्से बैटरी पैक, इलेक्ट्रिक मोटर, कंट्रोलर और इन्वर्टर होते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम आयन बैटरियों का इस्तेमाल होता है, जो हल्की और पावरफुल होती हैं, जिससे गाड़ी तेज और लंबे समय तक चलती है।

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क्या इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए PUC सर्टिफिकेट की जरूरत होती है?

जी नहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों को PUC यानी पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि ये गाड़ियां पेट्रोल या डीजल से नहीं चलती हैं। पेट्रोल-डीजल से न चलने की वजह से ये प्रदूषण नहीं करती हैं। लेकिन, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चलाने वालों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

भले ही आपको PUC की जरूरत न हो, लेकिन जिस कंपनी ने गाड़ी बनाई है, उसे यह दिखाना होता है कि व्हीकल्स बनाने में सभी सरकारी नियमों को पालन किया गया है।

कई बार EV के डॉक्यूमेंट्स में साफ लिखा होता है कि ये गाड़ी बैटरी से चलती है और इसमें कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है। इसलिए PUC सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ेगी।

PUC सर्टिफिकेट क्यों जरूरी है?

भारत की सड़कों पर चलने वाली सभी पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियों को PUC सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है। पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट यह दर्शाता है कि आपकी गाड़ी से निकलने वाला धुआं तय सीमा के अंदर ही है। यह सर्टिफिकेट 1 साल तक वैलिड होता है और इसके बाद दोबारा टेस्ट होता है और फिर जारी किया जाता है। जब आप गाड़ी चला रहे होते हैं, तो आपको अपने पास PUC सर्टिफिकेट को रखना जरूरी है, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस कभी भी इसकी मांग कर सकती है।

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इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के बाद क्या-क्या करना चाहिए?

do electric vehicles need PUC

  • सबसे पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर जहां से आपने खरीदी है, वहां से आपको स्कूटर का RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) बनवाना होगा। इसके बाद नंबर प्लेट लगवानी होगी।
  • इलेक्ट्रिक स्कूटर लेने के बाद आपको बेसिक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करा लेना चाहिए। आप चाहें तो कॉम्प्रिहेन्सिव इंश्योरेंस करवा सकते हैं।
  • इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज करने के लिए आपके घर में डेडिकेटेड सॉकेट होना चाहिए।
  • आजकल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के फीचर्स मोबाइल ऐप से जुड़े होते हैं, इसलिए उन्हें कनेक्ट कर लेना चाहिए।
  • भले ही आप EV स्कूटर चलाते हों, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से हेलमेट जरूर लगाएं।
  • इलेक्ट्रिक स्कूटर में PUC सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है, लेकिन RC, इंश्योरेंस, लाइसेंस और हेलमेट होना जरूरी है।

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Image Credit - freepik, social media
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