Diwali 2022: त्योहार में निभाई जाती हैं ये परंपराएं, आप भी करें फॉलो

दिवाली आने को है भारतीय घरों में इसकी तैयारियां भी शुरू हो चुकी होंगी। इस समय क्या परंपराएं हमारे यहां निभाई जाती है, वो जानना जरूरी है। 

 
diwali traditions

बचपन से ही एक चीज आपके दिमाग में भी बैठ गई होगी कि दिवाली से महीना भर पहले ही घर की सफाई और रंग-रोगन का काम शुरू हो जाता है। दिवाली में चूंकि मां लक्ष्मी के आगमन की तैयारी की जाती है तो लोग अपने घरों को साफ करते हैं ताकि मां अपना आशीर्वाद देने के लिए आएं। इसके साथ ऐसा क्या है जो आपको याद है? बहुत से लोग जिन्होंने दिवाली कम ही घर पर बनाई है, उन्हें इसकी परंपराओं के बारे में नहीं पता होगा। बहुत से लोग कुछ चीजों को भूल जाते हैं या सही ढंग से नहीं निभा पाते।

आज इस आर्टिकल में हम आपको दिवाली से जुड़ी कई सारी प्रथाएं और परंपराओं से रूबरू करवाएंगे। दिवाली से पहले और दिवाली के दिन तक क्या चीजें घर में करना जरूरी हैं, यह भी इस आर्टिकल में जानें।

घर की सफाई और रंग रोगन से होती है शुरुआत

home cleaning in diwali

जैसा कि हमने ऊपर भी आपको बताया। दिवाली से 20-25 दिन पहले से घरों की सफाई शुरू हो जाती है। दिवाली से बहुत पहले, घर में रंग-रोगन का काम शुरू हो जाता है। माना जाता है कि अगर घर बिल्कुल साफ-सुथरा होता है, तब मां लक्ष्मी की कृपा जरूर होती है। इस प्रकार कई लोग अपने घरों को रोशनी के तार, स्ट्रीमर रिबन आदि जैसे सामानों से सजाते हैं।

लाइट्स से सजाया जाता है घर

सफाई और रंग-रोगन के बाद घर को खूबसूरती से से सजाया जाता है। फेयरी लाइट्स से घर की साज-सज्जा की जाती है। दिवाली से 1-2 दिन पहले से ही सभी घरों में लाइट्स लग जाती हैं और उनसे पूरे माहौल में एक रौनक लग जाती है। चूंकि दिवाली अमावस्या में होती है, इसलिए लाइट्स से सभी जगह उजाला करना महत्वपूर्ण है।

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दरवाजों के द्वार पर बनाई जाती है रंगोली

rangoli in diwali

दिवाली में रंगोली बनाने की भी परंपरा है। घर को सजाने के बाद दिवाली वाले दिन लोग अपने द्वार पर सुंदर रंगोली बनाते हैं। इसे भी देवी लक्ष्मी के आगमन की तैयारियों में से एक माना जाता है। रंगोली में शुभ लाभ जरूर लिखा जाता है, ताकि देवी लक्ष्मी प्रसन्न हों। लोग रंगीन चावल, पाउडर, रेत या फूलों से सुंदर-सुंदर पैटर्न बनाते हैं और अपने घर को सजाते हैं। कहते हैं, इसे बनाने से सौभाग्य घर आता है।

लक्ष्मी पूजन है महत्वपूर्ण परंपरा

lakshmi pujan in diwali

भगवान गणेश के साथ, धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने की भी प्रथा है। दिवाली सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। हर हिंदू परिवार में लक्ष्मी पूजन का आयोजन होता है। इस दिन कहते हैं मां देवी अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए उनके यहां आती है और वास करती रहैं। एक सुखी और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सभी को लक्ष्मी पूजन में शामिल जरूर होना चाहिए।

दीयों से जगमगाता है घर

दिवाली के दौरान घरों को रोशन करने के लिए दीयों का जलाना बहुत आवश्यक है। इन दीयों को समृद्ध और आशावाद का प्रतीक माना जाता है। पूजा में मिट्टी के दीयों का खास महत्व है। आपको पता होगा कि दीवाली को 'दीपावली' के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है रोशनी की एक पंक्ति, इसलिए दीयों की रोशनी दिवाली में सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है।

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प्रसाद में चढ़ता है खील, बताशे और खिलौने

kheel batasha prasad in diwali

चीनी के खिलौने और बताशे दिवाली के प्रसाद में जरूर शामिल किए जाते हैं। खील और बताशे का दिवाली में प्रसाद के रूप चढ़ने का अपना महत्व है। इन्हें स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाल जीवन का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन इन्हें चढ़ाने से धन प्राप्ति होती है, इसलिए पूजा में खील, बताशे और खिलौने (लक्ष्मी पूजन में खील और बताशे चढ़ाने का महत्व) जरूर शामिल किए जाने चाहिए। इनका आदान-प्रदान भी किया जाता है।

इसके अलावा ट्रेडिशनल मिठाइयां बनाई जाती हैं। तरह-तरह के पकवान बनते हैं और दिवाली की रात पूरा आसमान फायर क्रैकर से जगमगाता है। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

Image Credit: Shutterstock, freepik

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