Shani Ke Vakri Aur Ashubh Hone Mein Antar: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल को दो रूपों में बांटा गया है। एक वक्री और दूसरा मार्गी।
ग्रहों का वक्री होना कुंडली या राशि में उनकी उल्टी चाल को दर्शाता है। वहीं, मार्गी होना उनकी सीधी चाल का प्रतीक है जो शुभता को दर्शाता है।
हालांकि शनि ग्रह को लेकर एक और स्थिति ज्योतिष में अलग से गिनी जाती है जो है शनि का अशुभ होना। इस स्थिति को समझना मुश्किल होता है।
ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ. राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि कुंडली में शनि के वक्री और मार्गी होने के अंतर को पहचानना बहुत सरल है।
वहीं, शनि के वक्री और अशुभ होने के संकेतों को जानना और उनके बीच अंतर कर पाना बहुत कठिन है। आइये जानते हैं इस बारे में।
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इन लक्षणों से पता चलता है कि शनि वक्री हैं या अशुभ। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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